Aligarh Municipal Corporation: सड़कों पर अंधेरा, कागजों में ही जल रहीं स्ट्रीट लाइट, जानिए विस्‍तार से

दुधिया रोशनी से शहर को जगमग करने की बनी योजना अभी भी अपने उद्देश्यों से भटक रही है। स्ट्रीट लाइट खराब हाेने से ज्यादातर सड़कों पर दिन ढलते ही अंधेरा छा जाता है। शिकायतें होती हैं तो विभागीय कर्मचारी कागजाें पर ही निस्तारण दिखा देते हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 11:54 AM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 11:54 AM (IST)
Aligarh Municipal Corporation: सड़कों पर अंधेरा, कागजों में ही जल रहीं स्ट्रीट लाइट, जानिए विस्‍तार से
स्ट्रीट लाइट खराब हाेने से ज्यादातर सड़कों पर दिन ढलते ही अंधेरा छा जाता है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  दुधिया रोशनी से शहर को जगमग करने की बनी योजना अभी भी अपने उद्देश्यों से भटक रही है। स्ट्रीट लाइट खराब हाेने से ज्यादातर सड़कों पर दिन ढलते ही अंधेरा छा जाता है। शिकायतें होती हैं तो विभागीय कर्मचारी कागजाें पर ही निस्तारण दिखा देते हैं। मौके पर कोई टीम नहीं पहुंचती। हैरानी की बात है कि स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायतें अब सीएम पोर्टल पर भी की जाने लगी हैं। पिछले दिनों इसी संबंध में कुछ शिकायतें सीएम पोर्टल पर की गई थीं, जिनका निस्तारण दिखा दिया गया। जबकि, बताए गए स्थान पर स्ट्रीट लाइट बंद पड़ी हैं। इसको लेकर डीएम बार रूम पर भी शिकायत हुई। डीएम ने शिकायत के निस्तारण के लिए नगर आयुक्त निर्देशित किया है।

ज्‍यादातार स्‍ट्रीट लाइट बंद होने की शिकायतें

नगर निगम में आने वाली शिकायतों में 30 फीसद शिकायतें स्ट्रीट लाइट से जुड़ी होती हैं। मुख्य मार्गों के अलावा गली-मोहल्लों में भी स्ट्रीट लाइट खराब होने शिकायत मिल रही हैं। यही नहीं, शिकायतकर्ता का कहना है कि नगर निगम के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई जाए तो 20-25 दिन बाद स्ट्रीट लाइट के लिए अधिकृत ईईएसएल कंपनी के कर्मचारियों की काल आती है। इसके बाद भी समस्या का निस्तारण नहीं हो पाता। जो लाइट खराब हैं, उन्हें बदला नहीं जाता। लाइट की आपूर्ति न होने का हवाला देकर कर्मचारी पल्ला झाड़ लेते हैं। सेवाभवन स्थित पथ प्रकाश विभाग में शिकायत दर्ज कर ली जाती है, लेकिन मौके पर किसी कर्मचारी को भेजा नहीं जाता। सासनीगेट क्षेत्र के कृष्णा विहार में डेढ़ माह पूर्व एक मंदिर पर स्ट्रीट लाइट खराब होने की शिकायत की गई थी। लेकिन, कोई कर्मचारी नहीं भेजा गया। स्थानीय लोगों ने प्राइवेट कर्मचारी बुलाकर किसी तरह लाइट ठीक करा दी। विभागीय कर्मचारियों के न आने से लोग विद्युत पोल पर चढ़कर लाइट ठीक करने का जोखिम उठा लेते हैं।

chat bot
आपका साथी