भाजपा में गुटबाजी खत्म करने के लिए बनाई गई रणनीति Aligarh news
भाजपा ने सियासी जमीन मजबूत करने के लिए जिले में नई रणनीति तैयार की है। जिला पंचायत के चुनाव में जिले के बड़े नेताओं का वर्चस्व समाप्त करने की कोशिश की है। जिला पंचायत के चुनाव में पार्टी धमक नहीं दिखाती तो आगे विधानसभा चुनाव में दिक्कत हो सकती थी।
अलीगढ़, जेएनएन। भाजपा ने सियासी जमीन मजबूत करने के लिए जिले में नई रणनीति तैयार की है। जिला पंचायत के चुनाव में जिले के बड़े नेताओं का वर्चस्व समाप्त करने की कोशिश की है। क्योंकि जिला पंचायत के चुनाव में यदि पार्टी अपनी धमक नहीं दिखाती तो आगे विधानसभा चुनाव में दिक्कत हो सकती थी। इसलिए पार्टी ने साफ संदेश दे दिया है कि संगठन का निर्णय ही सर्वमान्य होगा। चाहे कोई अपने आपको कितना भी मजबूत नेता मानता हो।
रणनीतिकारों की गणित फेल
जिला पंचायत की महिला सामान्य सीट होने के बाद से ही भाजपा में बड़े-बड़े रणनीतिकारों की गणित फेल हो गई थी। शुक्रवार रात 12 बजे आई सूची ने पूरी रणनीति पर पानी फेर दिया। पार्टी ने दिग्गज नेताओं के परिवार के सदस्य को टिकट न देकर पार्टी जिले में गुटबाजी को भी खत्म करना चाहती है। हालांकि, भाजपा में पहले भी गुटबाजी थी। मगर, इधर एक साल से गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी थी। वरिष्ठ नेता अपने कद और वजूद को हरहाल में बनाए रखना चाहते हैं। इसलिए वह इस चुनाव में अपनी बिसात बिठाने की कोशिश करेंगे। भाजपा में बढ़ती गुटबाजी की जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की भी थी। यहां की रिपोर्ट लगातार लखनऊ कार्यालय पहुंच रही थी। पंचायत चुनाव में तो यह गुटबाजी खुलकर सामने आने लगी। नेता एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाने लगे। कुछ नताओं को बाहरी बताया जाने लगा तो वहीं अभी हाल में बैठक में एक दिग्गज नेता ने चेतावनी दे डाली। उन्होंने आरोप लगा दिया था कि टिकट बंटवारे में घालमेल हो रहा है। उनके समर्थकों के नाम को तरजीह नहीं दी जा रही है। मगर, अध्यक्ष तो वो ही बनवाएंगे। इसपर पार्टी सतर्क हो गई।
आगामी विधानसभा चुनाव में क्या होगा
संगठन को यह लगा कि यदि अभी यह हाल है तो आगामी विधानसभा चुनाव में क्या होगा? इसका नुकसान संगठन को उठाना पड़ेगा। क्योंकि विधानसभा चुनाव में इस बार परिस्थितियां 2017 की तरह नहीं रहने वाली हैं, जनता के तमाम मुद्दे हैं, जो अंदरखाने सुलग रहे हैं। ऐसे में यदि पार्टी में अंदरुनी गुटबाजी शुरू हो जाएगी तो समस्या खड़ी हो जाएगी। इसलिए भाजपा के शीर्ष नेताओं ने इसे जिला पंचायत चुनाव में ही खत्म करने की तैयारी कर ली। माना जा रहा है कि पार्टी ने इसी के चलते दिग्गज नेताओं के परिवार से टिकट नहीं दिया है। उन्हें सिर्फ चुनाव में लगने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी कहा है कि यदि कोई पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी होगी।