सेहत संवरी रहे और सांसें सलामत रहे, इसके लिए रखें पर्यावरण हरा भरा Aligarh news
सेहत संवरी रहे और सांसें सलामत रहें। इसके लिए पर्यावरण संरक्षण और धरा का हरा-भरा होना बहुत जरूरी है। यह तभी संभव होगा जब हर व्यक्ति पौधे लगाए और उनका संरक्षण करे। दैनिक जागरण की मुहिम ‘आओ रोपें-अच्छे पौधे’ में सहभागी बनकर लोग इसका संकल्प भी ले रहे हैं।
अलीगढ़, जेएनएन । सेहत संवरी रहे और सांसें सलामत रहें। इसके लिए पर्यावरण संरक्षण और धरा का हरा-भरा होना बहुत जरूरी है। यह तभी संभव होगा जब हर व्यक्ति पौधे लगाए और उनका संरक्षण करे। दैनिक जागरण की मुहिम ‘आओ रोपें-अच्छे पौधे’ में सहभागी बनकर लोग इसका संकल्प भी ले रहे हैं। सरकारी विभाग ही नहीं सामाजिक संगठन और आम नागरिक भी 26 जून से शुरू हो रहे पौधारोपण अभियान का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। प्रत्येक का उद्धेश्य पेड़-पौधों से इस धरना को समृद्ध बनाना है। इसके लिए वे अन्य लोगों को भी निरंतर जागरूक कर रहे हैं। सभी का यही कहना है कि केवल सरकारी तंत्र के भरोसे न रहें, पर्यावरण के प्रति अपनी भी सामाजिक जिम्मेदारी निभाएं। ऐसा होने पर भी पर्यावरण पर मंडरा रहा खतरा टलेगा।
उद्यान विभाग लगाएगा 15 हजार पौधे
दैनिक जागरण के आओ रोपें अच्छे पौधे अभियान से जिला उद्यान विभाग भी जुड़ गया है। जिला उद्यान अधिकारी ने कहा कि विभाग और दैनिक जागरण संयुक्त रूप से एक जुलाई से पौधारोपण शुरू करेगा। इसमें आम नागरिकों को भी जोड़ जाएगा, ताकि पर्यावरण के प्रति जनजागरूकता और बढ़े। करीब 15 हजार पौधे रोपने का संकल्प लिया गया है। पर्यावरण संरक्षण के लिए दैनिक जागरण ने सराहनीय मुहिम चलाई है।
पब्लिक बोल
वन क्षेत्र घटने से पर्यावरण असंतुलित हुआ है। ग्लोवल वार्मिग का खतरा मंडरा रहा है। बढ़ती आबादी भी इसका एक कारण है, जिसके चलते शहरीकरण बढ़ रहा है। दैनिक जागरण का अभियान पर्यावरण संतुलन के लिए है। अभियान से जुड़ेंगे और जन सहयोग से पौधे रोपे जाएंगे।
- डा. राजेंद्र वार्ष्णेय, सेवानिवृत्त संयुक्त निदेशक (स्वास्थ्य)।
पर्यावरण संरक्षण के लिए दैनिक जागरण समाचार पत्र की पहल सराहनीय है। सभी को इस अभियान से जुड़कर पौधारोपण करना चाहिए। मैं स्वयं भी पौधे लगाऊंगा और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करूंगा। अधिक से अधिक लोगों को मुहिम से जुड़ना चाहिए।
- डा. पशुपति नाथ उपाध्याय, वरिष्ठ साहित्यकार।
दैनिक जागरण का महत्वपूर्ण अभियान है। जागरण ऐसे सतत विषय हमेशा उठाता रहा है, जो प्रासंगिक होते हैं। समाज का लाभान्वित करने में भूमिक अग्रणीय रही है। यदि हम पौधारोपण नहीं करेंगे, तो कोरोना जैसी विपदा आगे भी झेलने पड़ेंगी। लोग पूरे मनोयोग से अभियान में जुटें और पौधे रोपें।
- डा. धर्मदत्त गौड़, सेवानिवृत्त आयुर्वेद चिकित्साधिकारी।
बढ़ते शहरीकरण से पर्यावरण को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। एक समय था जब रामघाट रोड पर हरदुआगंज तक हरियाली और खेत-खलियान दिखाई देते थे। राहगीर पेड़ों की छांव में आराम करके सुकून पाते थे। पौधे कम होने से जीवन कठिन होता जा रहा है। दैनिक जागरण ने पौधारोपण के लिए अच्छी मुहिम चलाई है।
- शीशपाल सिंह, क्वार्सी।