अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बनकर तैयार हुआ एमएएस का नया आधुनिक भवन

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के एमएएस के लाभार्थियों के लिए यह पहला विशेष भवन है जिसमें आटोमेटिक रिकार्ड सिस्टम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ अन्य सुविधाएं भी हैं। एमएयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने गुरुवार को एक समारोह में इस भवन का उद्घाटन किया।

By Edited By: Publish:Wed, 18 Aug 2021 07:38 PM (IST) Updated:Wed, 18 Aug 2021 08:26 PM (IST)
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में बनकर तैयार हुआ एमएएस का नया आधुनिक भवन
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में नया आधुनिक भवन बनकर तैयार हुआ है।

 जेएनएन, अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में आधुनिक सुविधाओं से लैस मेडिकल अटेंडेंस स्कीम (एमएएस) के नए भवन का निर्माण हुआ है। एमएएस के लाभार्थियों के लिए यह पहला विशेष भवन है। जिसमें आटोमेटिक रिकार्ड सिस्टम और पब्लिक एड्रेस सिस्टम के साथ अन्य सुविधाएं भी हैं। एमएयू कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने गुरुवार को एक समारोह में इस भवन का उद्घाटन किया।

एमएएस के काम में होगा सुधार 

कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन विश्वविद्यालय के कर्मचारियों, उनके परिवारों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्वास्थ्य देखभाल और उपचार के बुनियादी ढांचे सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। नया भवन भी उन्हीं प्रयासों का परिणाम है। इससे एमएएस के काम में सुधार होगा जो मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों और उनके आश्रित परिवारों की चिकित्सा जरूरतों को पूरा करेगा।

स्टाफी की भूमिका सराहनीय 

उन्होंने कोविड-19 महामारी के दौरान एमएएस डाक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की भूमिका की भी सराहना की। एमएएस के निदेशक प्रो. हम्माद उस्मानी ने कहा कि इस भवन में बुजुर्गों और दिव्यांगों लाभार्थियों को विशेष सुविधा प्रदान की गई है। उनके लिए लिफ्ट लगाई गई है। रैंप की भी व्यवस्था की गई है। विश्राम कक्ष की भी व्यवस्था की गई है।

तीन सौ मरीज आते हैं रोजना 

तीन मंजिला इमारत में एक ही समय में अधिक लोगों को समायोजित करने की क्षमता है। एमएएस में रोजाना करीब 300 मरीज आते हैं। इमारत में एक दवा का काउंटर है जो अधिक दवाओं को स्टोर कर सकती है। आभार एमएएस के उप निदेशक डा. एम सलमान शाह ने जताया। इस अवसर पर डा. हमीदा तारिक, रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद, प्रो. एसएम जावेद अख्तर, एमएएस के उप निदेशक डा. एम सलमान शाह, प्रो. मेजर फरीद मेहदी, डा. शारिक अकील, प्रो. मुहम्मद रेहान, राजीव शर्मा आदि मौजूद थे।

सर सैयद ने की थी स्थापना

दिल्ली में जन्मे सर सैयद अहमद खां ने इस यूनिवर्सटिी का सपना साल 1875 में मदरसा तुल उलूम में सात छात्रों को साथ लेकर देखा था। अब ये मदरसा ऐसा विशाल वृक्ष बन गया है जिसकी शाखाएं यहां शिक्षा लेने वाले महापुरुषों से लदी हैं। एएमयू में 30 हजार से अधिक छात्र-छात्रएं हैं। 13 संकाय,111 विभाग और 350 से अधिक डिग्री-सर्टिफिकेट कोर्स चल रहे हैं। मल्लापुरम (केरल), किशनगंज (बिहार) और मुर्शीदाबाद में स्टडी सेंटर चल रहे हैं।

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