...तो अब जिला कार्यालय से ही चलेगी कांग्रेस, लेकिन कब तक? Aligarh news

करीब दो माह जिला व महानगर कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन हुआ। जिला व महानगर अध्यक्ष को पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह जो अब सपा में है के खेमे का बताकर हटा दिया गया। इसे पार्टी हित में हाईकमान का फैसला बताया गया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 11:12 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 11:17 AM (IST)
...तो अब जिला कार्यालय से ही चलेगी कांग्रेस, लेकिन कब तक? Aligarh news
करीब दो माह पहले जिला व महानगर कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन हुआ।

अलीगढ़, जेएनएन। करीब दो माह पहले जिला व महानगर कांग्रेस में नेतृत्व परिवर्तन हुआ। जिला व महानगर अध्यक्ष को पूर्व सांसद चौ. बिजेंद्र सिंह, जो अब सपा में है, के खेमे का बताकर हटा दिया गया। इसे पार्टी हित में हाईकमान का फैसला बताया गया। इसके बाद नए जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष की नियुक्ति हुई। सामने जो चेहरे दिखाई दिए, उन्हें देखकर पार्टी में हंगामा खड़ा हो गया। आरोप लगे कि नए पदाधिकारी दूसरे खेमे के हैं। अब कांग्रेस उनके ही आवास से चलेगी। पूर्व अध्यक्षों समेत काफी नेता अभी भी मोर्चा खोले हुए हैं। ऐसे में पदाधिकारियों को आगे आकर खुद सफाई देनी पड़ी कि अब कांग्रेस जिला कार्यालय से ही चलेगी, जो इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का कार्यालय है। सोनिया गांधी, प्रियंका और राहुल गांधी का कार्यालय है। इसके बाद हर रविवार को यहां जिला-महानगर की बैठक आयोजित किए जाने का ऐलान किया गया। अब ये देखना है कब तक।

साहब बोले, मेरा वचन ही मेरा शासन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हो या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, काम करने के मामले में इनका कोई सानी नहीं। 16 से 18 घंटे तक काम करते हैं। आप सोच रहे होंगे कि यह बात यकायक क्यों? दरअसल, जनपद में एक विभाग की सेहत दुरुस्त करने के लिए जो नए साहब भेजे गए हैं, वे भी हर किसी से चार से छह घंटे सोने की बात करते हैं। कहते हैं कि खूब भागदौड़ करता हूं। जनपद को प्रदेश में पहले पायजान पर लेकर आऊंगा। साहब ने शायद बाहुबली फिल्म भी बहुत बार देखी है। कर्मचारियों को आते ही संदेश दे दिया है कि मेरा वचन ही मेरा शासन है। कोई भी आदेश की अवहेलना करने की जुर्रत न करें। जबकि, चार्ज लेते ही अपने खिलाफ ही शिकायत सामने आ गई। कहते हैं, काम करने वाला ही बदनाम भी होता। यहां सुधार का दौर जल्द देखने को मिलेगा। साहब, जनता को सुधार का इंतजार है।

कोरोना को खत्म करने वाले अफसरों के तबादले

कोरोना वायरस ने देशभर में खूब कहर बरपाया है। अलीगढ़ के लोगों की खुशकिस्मती ही रही कि यहां सबसे बाद में कोरोना की दस्तक हुई। दूसरी लहर भी सबसे बाद में आई, लेकिन उससे सफलतापूर्वक निपट लिया गया। प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग ने बेहतर तालमेल के साथ काम किया। स्क्रीनिंग, सैंपलिंग व टेस्टिंग में रिकार्ड बनाया। इससे संक्रमण की चेन तोड़ने में काफी मदद मिली। जनपद को बहुत जल्द आक्सीजन संकट से उबारा। अंततः अलीगढ़ सबसे पहले कोरोना मुक्त होने वाला जनपद बना। इसके लिए जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह व सीएमओ रहे डा. बीपीएस कल्याणी बधाई के पात्र हैं। मुख्यमंत्री ने भी जनपद की सराहना की। हैरानी तब हुई, जब पिछले दिनों डा. कल्याणी को न केवल पद से हटा दिया गया, बल्कि तबादला भी हो गया। अब जिलाधिकारी का तबादला हो गया है। बहरहाल, यह प्रशासनिक मामला है। अब नए अफसरों पर संभावित नए वैरिंएंट को रोकने की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी होगी।

संशोधित आदेश से भी बाबूजी परेशान

अरसे से एक ही जनपद व पटल पर जमे स्वास्थ्य विभाग के बाबुओं का पिछले दिनों पूर्वांचल के जनपदों में तबादला हो गया। सूची सामने आते ही बाबुओं के होश उड़ गए। तबादले सूची में नए तैनाती स्थल के कालम में गोंडा, बहराइच, गोरखपुर, झांसी, औरेया जैसे जनपदों के नाम लिखे हुए थे। जहां न बाबुओं का कोई परिचित न कोई रिश्तेदार रहता है। महिला बाबुओं को लेकर सबसे ज्यादा चिंता जताई गई। सप्ताहभर तक सीएमओ दफ्तर के सामने धरना-प्रदर्शन व कार्य बहिष्कार हुआ। प्रांतीय नेताओं की लखनऊ के अधिकारियों से कई दौर की वार्ता हुई, लेकिन रविवार को संशोधित आदेश जारी हुआ तो सभी हैरान रह गए। निदेशालय ने केवल महिला बाबुओं को ही राहत दी। उन्हें 50-60 किलोमीटर दूर समीपवर्ती जनपदों में नई नियुक्ति दे दी। अन्य बाबू फिर ठगे से रह गए। इसके बाद सभी बाबू तबादलों को अनियमित बताते हुए लखनऊ कूच कर गए।

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