अलीगढ़ में 20 से शुरू होंगे श्राद्ध, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद

ज्योतिषाचार्य हृदय रंजन शर्मा ने कहा कि श्रद्धा-भाव के साथ करें तर्पण।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:34 PM (IST) Updated:Thu, 16 Sep 2021 08:34 PM (IST)
अलीगढ़ में 20 से शुरू होंगे श्राद्ध, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद
अलीगढ़ में 20 से शुरू होंगे श्राद्ध, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : इस बार पितृपक्ष 20 सितंबर से प्रारंभ हो रहा है। यह छह अक्टूबर तक रहेगा। पितृपक्ष में श्रद्धा के साथ पितरों को तर्पण करने से पुण्य की प्राप्ति होती है, उनका आशीर्वाद मिलता है। हमें श्रद्धाभाव के साथ पितरों का श्राद्ध करना चाहिए। ज्योतिषाचार्य पंडित हृदय रंजन शर्मा ने बताया कि भाद्रपद शुक्ल पक्ष पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण पक्ष अमावस्या तक श्राद्ध पक्ष रहेगा। श्राद्ध पक्ष वास्तव में पितरों को याद करके उनके प्रति श्रद्धा भाव प्रदर्शित करने का मौका देता है। साथ ही नई पीढ़ी को अपने वैदिक और पौराणिक संस्कृति से अवगत भी कराता है।

ज्योतिषाचार्य ने कहा कि पितरों का श्राद्ध करने से जन्म कुंडली में व्याप्त पितृदोष से भी मुक्ति मिलती है। मनुष्य को अपने माता-पिता की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो तो वह पितृ पक्ष की अमावस्या के दिन विधिपूर्वक श्राद्ध कर सकते हैं। जो मनुष्य अपने पूर्वजों का श्राद्ध श्रद्धा पूर्वक नहीं करता है, उसके द्वारा की गई की गई पूजा पाठ को भगवान भी स्वीकार नहीं करते हैं। धन के अभाव में घर में निर्मित खाद्य पदार्थ को अग्निदेव को समर्पित करके जल से तर्पण करते हुए गाय माता को खिलाकर भी श्राद्ध कर्म पूरा किया जा सकता है। ज्योतिषाचार्य हृदय रंजन शर्मा ने कहा कि शाम के समय श्राद्ध नहीं करना चाहिए। ब्राह्मण भोजन से पहले पंचवली यानी गाय, कुत्ता कौआ, देवता और चीटियों के लिए भोजन सामग्री पत्ते या दोने में अवश्य निकाल लें, जिस घर में पितरों का श्राद्ध होता है उनके सकल मनोरथ सिद्ध होते हैं। घर परिवार, व्यवसाय और आजीविका में उन्नति होती है। आश्विन माह का एक पखवाड़ा हमें अपने पितरों के प्रति श्रद्धाभाव दिखाने का मौका देता है। विधि विधान से पितरों का श्राद्ध कर हमें इस पखवाड़े का फायदा उठाना चाहिए। श्राद्ध पक्ष में कोई भी नया काम नहीं शुरू करना चाहिए। नया काम शुरू करना है तो उसके लिए नवरात्र से अच्छा मौका कोई नहीं हो सकता है।

chat bot
आपका साथी