Coronavirus Wreaked Havoc On AMU: 15 दिन में एएमयू के 15 से अधिक प्रोफेसरों की गई जान

Coronavirus Wreaked Havoc On AMUअलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सौ साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब यूनिवर्सिटी से जुड़े इतनी संख्या में शिक्षकों की जान गई हो। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अब तक 15 से अधिक प्रोफेसरों की मौत हो चुकी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 09:46 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 09:46 AM (IST)
Coronavirus Wreaked Havoc On AMU: 15 दिन में एएमयू के 15 से अधिक प्रोफेसरों की गई जान
कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अब तक 15 से अधिक प्रोफेसरों की मौत हो चुकी है।

अलीगढ़, जेएनएन।Coronavirus Wreaked Havoc On AMU:अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के सौ साल के इतिहास में यह पहला मौका है जब यूनिवर्सिटी से जुड़े इतनी संख्या में शिक्षकों की जान गई हो। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में अब तक 15 से अधिक प्रोफेसरों की मौत हो चुकी है। इनमें सेवानिवृत्त प्रोफेसर व अन्य कर्मचारी शामिल नहीं हैं। ऐसे लोगों को जोड़कर मरने वालों की संख्या 40 से अधिक बताई जा रही है। इससे एएमयू इंतजामिया भी चिंतित है। 

इन प्रोफेसरों की हुई मौत

एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व सचिव व ईसी मेंबर प्रो. आफताब आलम ने दुनिया छोड़ चुके इन शिक्षकों की सूची तैयार की है। इनमें पूर्व प्राक्टर प्रो. जमशेद, सिद्ददीकी, सुन्नी थियोलोजी डिपार्टमेंट के प्रो. एहसानउल्लाह फहद, उर्दू विभाग के प्रो. मौलाना बख्श अंसारी, पोस्ट हार्वेस्टिंग इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के प्रो. मो. अली खान, राजनीतिक विज्ञान विभाग के प्रो. काजी,मोहम्‍मद जमशेद, मोलीजात विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. यूनुस सिद्ददीकी, इलमुल अदविया विभाग के चेयरमैन गुफराम अहमद, मनोविज्ञान विभाग के चेयरमैन प्रो. साजिद अली खान, म्यूजियोलोजी विभाग के चेयरमैन डा. मोहम्मद इरफान, सेंटर फोर वीमेंस स्टडीज के डा. अजीज फैसल, यूनिवर्सिटी पालिटेक्निक के मोहम्मद सैयदुज्जमान, इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर जिबरैल, संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ और अंग्रेजी विभाग के डा. मोहम्मद यूसुफ अंसारी शामिल हैं। प्रो. आफताब आलम ने कहा है कि यूनिवर्सिटी के लिए यह बहुत खराब दौर है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ जब यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों की इतनी तादात में मौत हुई हों। 

इनका चल रहा इलाज 

जेएन मेडिकल कालेज में बड़ी संख्या में एएमयू से जुड़े लोगों का इलाज चल रहा है। इनमें विधि विभाग के डीन प्रो. शकील समदानी, ओएसडी प्रो. अफसर अली, प्रो. शुएब जहीर, प्रो. शादाब अहमद खान, प्रो. जाहिद, प्रो.अबू कमर, प्रो. एहतिशाम भी शामिल हैं। इनके अलावा कई का घर इलाज चल रहा है, कुछ निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। 

एएमयू से जुड़े चार और प्रोफेसरों की मौत 

पिछले दो दिनों में एएमयू से सेवानिवृत्त तीन प्रोफेसरों की मौत हुई है। इनमें प्रो. मुबस्सिर अली, प्रो. इफत अफजाल, प्रो. सईद सिददीकी और फरमान हुसैन व अमरेटस प्रो फरहतउल्‍लाह खान  शामिल हैं। 

वेद ज्ञान में माहिर थे प्रो. खालिद 

ऋग्वेद में पीएचडी करने वाले प्रो. खालिद बिन यूसुफ वेद ज्ञान में माहिर थे। आठ छात्रों को वह पीएचडी भी करा चुके हैं। एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार प्रो. खालिद बिन यूसुफ दुनिया के पहले मुस्लिम स्कालर थे जिन्होंने ऋग्वेद में पीएचडी थी। लेकिन एएमयू के संस्कृत विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. शरीफ ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो. मो. इस्राइल खान पहले मुस्लिम थे जिन्होंने ऋग्वेद में पीएचडी की थी। एएमयू में ऋग्वेद पर पीएचडी करने वाले प्रो. खालिद बिन यूसुफ पहले व्यक्ति थे।

अब मेरा काम पूरा हो गया...

एएमयू के संस्कृत विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. शरीफ ने बताया कि 12 अप्रैल को प्रो. युसूफ उनके कार्यालय में आए थे। वह तबीयत खराब होने की बात कर रहे थे। एक प्रार्थना पत्र भी दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था अधिकांश काम पूरा हो गया है। अब बाकी का काम घर से ही करेंगे। 14 अप्रैल को वह अस्पताल में भर्ती हो गए। इसके बाद एक संदेश भी आया था, मैं अस्पताल में भर्ती हो गया हूं। मैंने उनकी जल्द ठीक होने की कामना की थी। उनके निधन से डिपार्टमेंट को बड़ी क्षति हुई है।

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