RSS: त्योहार हैं संस्कार, इन्हें परंपरा के अनुसार मनाएंAligarh News

यहां संस्कृति है तो संस्कार भी भरपूर है। इसका प्रमुख कारण तीज और त्योहार है। आरएसएस के महानगर संघचालक अजय सर्राफ का कहना है कि तीज-त्योहार हमें हमारी परंपराओं से जोड़ते हैं। इसलिए आरएसएस इन्हें विधिवत परंपरा के अनुसार मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 05:32 PM (IST) Updated:Tue, 26 Oct 2021 05:32 PM (IST)
RSS: त्योहार हैं संस्कार, इन्हें परंपरा के अनुसार मनाएंAligarh News
यहां संस्कृति है तो संस्कार भी भरपूर है। इसका प्रमुख कारण तीज और त्योहार है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। अब त्योहार पर लोगों में उल्लास तो रहता है, मगर त्योहार की परंपरा के बारे में लोग कम जानते हैं। त्योहार क्यों मनाए जाते हैं, उसकी गहराइयों के बारे में लोगों को जानकारी कम होती है। दीपावली के बारे में भले ही लोगों को जानकारी हो, मगर इसके साथ पड़ने वाले त्योहारों के बारे में अभी भी तमाम लोगों को जानकारी नहीं है। आरएसएस का कुटुंब परिवार घर-घर जाकर त्योहारों के बारे में बताएगा। प्रमुख त्योहारों से कैसे परंपरा को जोड़ते हैं, इसके बारे में भी बताएगा।

यह है परंपरा

भारत परंपराओं का देश है, यहां संस्कृति है तो संस्कार भी भरपूर है। इसका प्रमुख कारण तीज और त्योहार है। आरएसएस के महानगर संघचालक अजय सर्राफ का कहना है कि तीज-त्योहार हमें हमारी परंपराओं से जोड़ते हैं। इसलिए आरएसएस इन्हें विधिवत परंपरा के अनुसार मनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। इन संस्कारों को मजबूत करने के लिए ही कुटुंब प्रबोधन परिवार का गठन किया गया है। अजय सर्राफ ने कहा कि आरएसएस से जुड़े लोग तो संस्कार और तीज-त्योहारों से रुबरु होते रहते हैं, मगर आम जनमानस अछूता रह जाता है। वह अपनी गहरी परंपरों से जुड़ नहीं पाता है। जैसे, धनतेरस के त्योहार पर लोग नए बर्तन खरीदते हैं, पूजन की सामग्री लेते हैं, तमाम और नए सामान लेते हैं, मगर धनतेरस क्यों मनाते हैं? इसका महत्व क्या है? कैसे इसकी शुरुआत की गई थी? इसके बारे में लोग नहीं जानते हैं। इसी प्रकार से नरक चर्तुदशी, गाेवर्धन पूजन आदि त्योहार हैं, जिसके बारे में बहुत गहराई से नहीं जान पाते हैं, सिर्फ इसमें खुशी और उल्लास में रहते हैं। अजय सर्राफ ने कहा कि ऐसे में कुटुंब प्रबोधन परिवार के पदाधिकारी घरों में त्योहारों को धूमधाम से मनाते हैं। वह इन त्योहारों की बारिकियों के बारे में बच्चों को बताते हैं। इनकी क्या परंपरा है, त्योहारों से हमारे जीवन का कैसे जुड़ाव है इसके बारे में बताया जाता है। अजय सर्राफ कहते हैं कि संघ के परिवारों में परिवर्तन आ रहा है, बच्चे त्योहारों की बारिकियों के बारे में जानते हैं। अजय ने कहा कि यदि एक बार बच्चे ने त्योहार की परंपरा को जान लिया और उससे वह जुड़ गया तो जीवन पर्यंत वह जुड़ा रह सकता है। वह स्वयं भी लोगों को प्रेरित कर सकता है। इसलिए लोग कुटुंब परिवार से जुड़े और तीज त्योहारों के बारे में जानने की कोशिश करें।

भारत की आत्मा हैं तीज त्योहार

आरएसएस के महानगर कार्यवाह रतन कुमार मित्र का कहना है कि तीज-त्योहार भारत की आत्मा हैं। दुनिया में इन्हीं तीज-त्योहारों से भारत की परंपरा है, भारत का पहचान है, लोग इन परंपरा को देखने के लिए दौड़े चले आते हैं। इसलिए हमारी जिम्मेदारी होती है कि शहर से लेकर गांव तक हम अपनी परंपरा को मजबूत करें। अपने तीज त्योहार दोगुनी खुशियों के साथ मनाएं।

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