Corona Curfew के बाद अनलाक में फिर से बढ़े सड़क हादसे, खूनी बन रही सड़कें Aligarh News

करीब 37 दिन तक कोरोना कफ्र्यू के बाद अनलाक शुरू होते ही फिर से सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ने लगा है। पिछले एक सप्ताह में ही जिले भर में सड़क हादसों में 16 से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं। सड़कें खूनी साबित हो रही हैं।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 09 Jun 2021 11:58 AM (IST) Updated:Wed, 09 Jun 2021 11:58 AM (IST)
Corona Curfew के बाद अनलाक में फिर से बढ़े सड़क हादसे, खूनी बन रही सड़कें Aligarh News
कोरोना कफ्र्यू के बाद अनलाक शुरू होते ही फिर से सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ने लगा है।

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को लेकर करीब 37 दिन तक कोरोना कफ्र्यू के बाद अनलाक शुरू होते ही फिर से सड़क हादसों का ग्राफ बढ़ने लगा है। पिछले एक सप्ताह में ही जिले भर में सड़क हादसों में 16 से अधिक लोग अपनी जान गवां चुके हैं। सड़कें खूनी साबित हो रही हैं। रोज कहीं न कहीं किसी की जिंदगी की शाम हो रही है। सड़क पर यातायात नियमों को तोडऩा किसी भी तरह से सही नहीं है। नियमों को ताक पर रखकर अधिक रफ्तार में गाड़ी चलाना सबसे अधिक जानलेवा साबित हो रहा है। निर्धारित सीमा से अधिक रफ्तार से वाहन चलाने से ज्यादा हादसे होते हैं। तेज रफ्तार से चालक का वाहन से नियंत्रण खत्म हो जाता है। सड़के भले ही ऊबड़-खाबड़ हों और उनमें गड्ढे बने हों लेकिन यदि वाहन चालक का नियंत्रण है तो हादसे टल सकते हैं।

तेज रफ्तार पड़ रही जिंदगी पर भारी

वाहनों की बढ़ती रफ्तार जिंदगी पर खासी भारी पड़ रही है। इसमें ट्रैफिक पुलिस व परिवहन विभाग भी कुछ नहीं कर पा रही है। देश में होने वाले हादसों से चिंतित सरकार ने वाहन चालकों को जागरूक करने का अभियान छेड़ रखा है, इसके बाद भी वाहनों की रफ्तार से कोई समझौता न करना लगातार हादसों का कारण बन रहा है।

बढ़ रहा हादसों का ग्राफ

जिले में वर्ष 2019-20 में सड़क दुर्घटनाओं में 64 प्रतिशत मौतें अधिक रफ्तार से वाहन चलाने पर हुई हैं। यही हाल इस साल भी है। प्रदेश भर में होने वाले सड़क हादसों के मामले में लखनऊ पहले, आगरा छठवें व अलीगढ़ 11 वें स्थान पर है। इन हादसों में होने वाली मौत के मामले में कानपुर सिटी पहले, आगरा तीसरे व अलीगढ़ आठवें स्थान पर है। इस साल भी अब तक 352 हादसों में 223 लोग जान गवां चुके हैं और 563 लोग घायल होकर जीवन भर का दंश झेलने को मजबूर हैं। सबसे चिंताजनक बात है कि इनमें से ऐसे 169 दोपहिया सवार अकाल मौत के मुंह में समा गए जो बिना हेलमेट ही वाहन चला रहे थे।

पिछले पांच साल में हुए सड़क हादसे

वर्ष, हादसे, मृतक, घायल

2017, 810, 451, 702

2018, 839, 466, 817

2019, 929, 530, 928

2020, 472,314, 463

2021, 352,223, 563

(नोट: सभी आंकड़े 06 जून 2021 तक)

वाहन चालकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के लिए ट्रैफिक सप्ताह व ट्रैफिक माह का अभियान चलाया जाता है। फिर भी वाहन चालक नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ चालान, जुर्माना व सीज की कार्रवाई की जा रही है।

- सतीश चंद्र, एसपी ट्रैफिक

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