रालोद ने की घेरने की तैयारी, पश्चिमी यूपी में बनाई कुछ ऐसी रणनीतिAligarh News
राष्ट्रीय लोकदल भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है। इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी लगातार सभाएं करके सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं। जयंत चौधरी ने अभी कुछ दिन पहले अलीगढ़ के खैर के गोमत में जनसभा की थी।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय लोकदल भाजपा को घेरने की तैयारी कर रही है। इसलिए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी लगातार सभाएं करके सियासी जमीन तैयार करने में जुटे हुए हैं। जयंत चौधरी ने अभी कुछ दिन पहले अलीगढ़ के खैर के गोमत में जनसभा की थी। यहां उन्होंने सीधे भाजपा पर वार किया था। अन्य किसी दल पर उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की थी। इससे साफ पता चलता है कि पश्चिमी यूपी में जयंत अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। एक समय था जब पश्चिमी यूपी में रालोद की मजबूत पकड़ थी।
यह है आरएलडी की रणनीति
विधानसभा और लोकसभा चुनाव में बिना रालोद का मान-मनौव्वल शुरू हो जाया करता था। बिना रालोद के तालमेल के आगे बढ़ना मुश्किल होता था। मगर, 2014 में मोदी सरकार आने के बाद रालोद की पकड़ कमजोर होती गई। भाजपा ने धीरे-धीरे पश्चिमी यूपी में अपनी पकड़ को मजबूत करने की कोशिश की। कई जाट नेताओं को तैयार किया। इसका परिणाम रहा कि रालोद की पकड़ ढीली होती गई। स्थिति यह रही कि जयंत चौधरी भी लोकसभा का चुनाव हार गए। बहरहाल, अब रालोद की कमान जयंत के पास ही है, ऐसे में वह अपनी सियासत को बनाए रखने के लिए नए-नए दांव चल रहे हैं। खैर में हुई जनसभा में उन्होंने नया पैतरा चला। जयंत ने इस जनसभा का नाम आशीर्वाद पथ रैली दिया था। अर्थात जनता के बीच में आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचेंगे। खैर की जनता ने उन्हें हाथों हाथ लिया। खांटी किसान और रालोद से जुड़े पुराने कार्यकर्ताओं ने तो यहां तक कह दिया कि इस बार जयंत चौधरी के साथ हैं, खैर सीट पर रालाेद प्रत्याशी को जीत दिलाएंगे। बहरहाल, चुनाव में अभी समय है, इसलिए यह जोश कितना बरकरार रहता है यह देखना होगा। दो दिन पहले ही जयंत ने हाथरस में भी आशीर्वाद पथ रैली में भी काफी भीड़ जुटी। यहां भी जयंत ने भाजपा को निशाना बनाया। इससे साफ पता चल रहा है कि जयंत भाजपा से दूरी बनाएंगे। चुनाव में वह सपा से तालमेल कर सकते हैं। हालांकि, सपा से उनका पहले से तालमेल चल रहा है। मगर, विधानसभा चुनाव में कितनी सीटों पर बंटवारा होगा। पश्चिमी यूपी में रालोद कितनी सीटें मिलेंगी यह देखना होगा। बहरहाल, जिस तरह से सिर्फ भाजपा पर तीखे वार छोड़ रहे हैं, उससे अन्य दलों के लिए विकल्प है। रालोद की पश्चिमी यूपी में पकड़ को देखते हुए कांग्रेस और बसपा भी लपकने की कोशिश करत सकती है।
भीम आर्मी के साथ तालमेल की संभावना
संभावना यह भी है कि भीम आर्मी के साथ भी रालोद तालमेल कर सकती है। हालांकि, अभी तक ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है। सबसे अधिक संभावना सपा के साथ है। चर्चा चल रही है 31 अक्टूबर तक रालोद प्रमुख जयंत चौधरी कोई एलान कर सकते हैं। इसे देखते हुए ही उन्होंने अलीगढ़ में तमाम पुराने नेताओं से अपील की थी कि वह रालोद में चले आएं। भाजपा में उनका कुछ नहीं होने वाला है। जयंत चौधरी ने पार्टी छोड़ गए नेताओं पर सवाल किया था कि भाजपा की सरकार में किसानों पर गाड़ी चढ़ाई जा रही है, ऐसे में क्या वह भाजपा के साथ रहना चाहेंगे। इसके बाद से रालोद छोड़कर गए जिले के नेताओं में हलचल तेज हो गई थी।