रंग लाई विधायक की सख्ती, 24 घंटे में दीनदयाल अस्पताल में तैयार हो गए 30 बेड Aligarh News
दीनदयाल अस्पताल में किस कदर की लापरवाही चल रही थी इसका पता कोल विधायक के निरीक्षण के बाद चल गया था। विधायक ने यहां अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई।
अलीगढ़ [जेएनएन]: दीनदयाल अस्पताल में किस कदर की लापरवाही चल रही थी, इसका पता कोल विधायक के निरीक्षण के बाद चल गया था। विधायक ने यहां अव्यवस्थाओं पर नाराजगी जताई। संसाधन होने के बाद भी यहां कोविड-19 के मरीजों के बेड बढ़ाए जाने की कोई तैयारी नहीं थी। मगर, विधायक ने कहा कि इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से करेंगे। दूसरे ही दिन अस्पताल में कोविड-19 के मरीजों के लिए 30 बेड तैयार कर दिए गए।
वार्ड की चाबी गायब
दीनदयाल अस्पताल 20 हजार स्क्वायर फुट में फैला है। यहां चार वार्ड हैं। कोविड-19 के मरीजों के लिए 150 बेड की व्यवस्था की जा सकती है। कोल विधायक अनिल पाराशर ने 23 अप्रैल को शासन को पत्र भी लिखा था कि कम संसाधन में अस्पताल में बेड की व्यवस्था हो जाएगी। यहां स्टाफ, नर्स आदि हैं। यदि शहर के बाहर गेस्ट हाउस आदि में बेड बनाए गए तो खर्च अधिक आएगा। इस बारे में कोल विधायक सीएमओ से भी मिल चुके थे। मगर, इसकी ङ्क्षचता नहीं की गई। शनिवार को प्रमुख सचिव नितिन रमेश गोकर्ण से इस बारे में शिकायत की। निरीक्षण में पाया गया कि तीन वार्ड बंद हैं। मौके पर पहुंचे तो वार्ड की चाबी गायब थी।
प्रमुख सचिव भी हैरान
प्रमुख सचिव ने ताला तुड़वा दिया। जिसमें बेड और मेडिकल की तमाम सामग्री हैं, जो कबाड़ में परिवर्तित हो रही हैं। यह देख प्रमुख सचिव भी हैरान रह गए। प्रमुख सचिव ने कहा कि वार्ड को व्यवस्थित किया जाए, जिससे जरूरत पडऩे पर मरीजों को यहां भर्ती किया जाए। कोल विधायक ने बताया कि सख्ती के बाद रविवार को अस्पताल में 30 बेड तैयार कर दिए गए। कोई सामग्री बाहर से खरीदनी नहीं पड़ी। उन्होंने बताया कि महिला वार्ड में भी 30 बेड की व्यवस्था हो सकती है। कुल मिलाकर अस्पताल में 150 बेड किए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि यदि यहां फिर लापरवाही बरती गई तो वह सीएम को पत्र लिखकर शिकायत करेंगे।
बाहर होता अधिक खर्च
विधायक अनिल पाराशर ने कहा कि जिस प्रकार से मरीजों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, ऐसे में अतिरिक्त बेड की व्यवस्था हमें करनी ही होगी। मगर, आश्चर्य की बात है कि स्वास्थ्य विभाग दीनदयाल में संसाधन होने के बाद गेस्ट हाउस और स्कूलों में बेड की व्यवस्था की तैयारी में हैं, जबकि वहां टेंट, बेड, बेड शीट और मेडिकल सामग्री जुटाने में लाखों रुपये खर्च हो जाएंगे।