Khudiram Bose Jayanti : जवानी की दहलीज पर कदम रखते ही देश के लिए कुर्बान हो गए थे क्रांतिकारी खुदीराम बोस
इगलास में परोपकार सामाजिक सेवा संस्था के तत्वावधान में VDM पब्लिक स्कूल बसई में आज देश की आजादी के मात्र 19 वर्ष की अल्पायु में ही हंस-हसकर फांसी के फंदे को चूमने वाले महान क्रांतिकारी शहीद खुदीराम बोस की 132वीं जयंती मनाई गई।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। इगलास में परोपकार सामाजिक सेवा संस्था के तत्वावधान में VDM पब्लिक स्कूल, बसई में आज देश की आजादी के मात्र 19 वर्ष की अल्पायु में ही हंस-हंसकर फांसी के फंदे को चूमने वाले महान क्रांतिकारी शहीद खुदीराम बोस की 132 वीं जयंती मनाई गई। जिसके अंतर्गत स्कूली बच्चों की भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 17 विद्यार्थियों ने हिस्सा लेकर अपने विचार व्यक्त किये जिनमें से विश्रुति, तनु व गायत्री ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त किये । संस्था द्वारा चयनित विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
गरीब परिवार में हुआ था खुदी राम बोस का जन्म
संस्था के अध्यक्ष जतन चौधरी ने कहा कि खुदीराम बोस का जन्म 3 दिसंबर 1889 को बंगाल के मिदनापुर में एक गरीब परिवार में हुआ था| खुदीराम बोस ने मात्र 12 वर्ष की उम्र में ही देश को आजादी दिलाने का संकल्प ले लिया था| उन्हें बम बनाने व बम फोड़ने में बहुत महारत हासिल थी। असहयोग आंदोलन को कुचलने वाले ब्रिटिश् मजिस्ट्रेट किंग्स फोर्ड को बम से उड़ाने की कोशिश करने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था और 11 अगस्त 1908 को उन्हें फांसी दे दी गई थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता ब्रजेश कुमार शर्मा ने व संचालन प्रदीप शर्मा ने किया।
कार्यक्रम में ये लोग रहे उपस्थित
इस अवसर पर मनोज ठैनुआं, सुनील शर्मा, सुधीर शर्मा, नेहा शर्मा, कृष्ण मुरारी, पूनम शर्मा, अमित कुमार, किरन, कुमकुम, अंकित, जतिन, जान्हवी, खुशी, रीना, निधि, हेमंत, काजल, प्रिंस, कनिष्का, शीतल आदि मौजूद रहे।