Three tier panchayat elections : आरक्षण ने बिगाड़ा समीकरण, प्रधानी में चूके तो जिला पंचायत में ठोक दी ताल Aligarh news
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना पिछले दिनों जारी हुई है लेकिन काफी उम्मीदवार कई महीनों से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे। पंचायत चुनाव के आरक्षण ने ऐसा समीकरण सेट कर दिया कि तमाम नेताओं के चुनाव लडऩे के अरमानों पर पानी फिर गया।
योगेश कौशिक, इगलास : त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की अधिसूचना पिछले दिनों जारी हुई है, लेकिन काफी उम्मीदवार कई महीनों से चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे थे। पंचायत चुनाव के आरक्षण ने ऐसा समीकरण सेट कर दिया कि तमाम नेताओं के चुनाव लडऩे के अरमानों पर पानी फिर गया। अब ये नेता प्रधानी को छोड़कर जिला पंचायत सदस्य के लिए मैदान में ताल ठोक रहे हैं।
चक्रानुसार आरक्षण प्रक्रिया ने बदली चाल
विगत 25 दिसंबर को ग्राम पंचायतों में प्रधान का कार्यकाल खत्म हो गया था। प्रधान पद के लिए तमाम उम्मीदवारों ने इससे पहले से ही तैयारियां करना शुरु कर दिया था। उम्मीदवार गांव में लोगों से मिलने के साथ त्योहारों पर शुभकामनां देकर अपनी सियासी गोटियां फिट करने का हर संभव प्रयास कर रहे थे। प्रत्येक उम्मीदवार स्वयं को कर्मठ, ईमानदार, समाज सेवी सिद्ध करने में जुटा हुआ था। मार्च माह में चक्रानुसार आरक्षण प्रक्रिया अपनाए जाने के बाद तमाम नेताओं के अरमानों पर पानी फिर गया। प्रधानी की चुनिंदा सीटों पर चुनकर आने वाले नेताओं को इस बार या तो घर बैठना पड़ रहा है या दूसरों को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतार रहे हैं। वहीं प्रधानी के लिए जो कल तक ग्रामीणों से संपर्क साध रहे थे अब सीट आरक्षित होने पर प्रधानी में हाथ नहीं आजमा सकते तो उन्होंने जिला पंचायत सदस्य पद के लिए ताल ठोक दी हैं। वैसे कहावत है कि नेता वहीं है जो समय के साथ अपना दांव बदल ले। अब इन दाब बदलने वाले नेताओं को जनता अस्वीकर करेगी या इनके सर पर ताज होगा यह तो समय ही बताएगा।
समय के साथ बदलते गए सपने
इगलास विधानसभा सीट सुरक्षित होने से कुछ उम्मीदवार अब तक यहां से पार्टी से टिकट पाकर विधायक बनने का सपना देख रहे थे। अब उन्होंने विधायक बनने के सपने को साइड में रखकर बीडीसी में अपनी किस्मत आजमाना शुरु कर दिया है। अब वह ब्लाक प्रमुख बनने का सपना सजो रहे हैं। क्योंकि इस बार इगलास ब्लाक प्रमुख की सीट सुरक्षित है।