UP board : हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए आया राहत भरा विकल्प Aligarh news

माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार ने राहत भरा विकल्प दिया है। जिले में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के करीब एक लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को इस विकल्प से फायदा मिलने वाला है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 09:31 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 09:51 AM (IST)
UP board : हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए आया राहत भरा विकल्प Aligarh news
यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार ने राहत भरा विकल्प दिया है।

अलीगढ़, जेएनएन ।  माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश (यूपी बोर्ड) के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के विद्यार्थियों के लिए राज्य सरकार ने राहत भरा विकल्प दिया है। जिले में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के करीब एक लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को इस विकल्प से फायदा मिलने वाला है। ऐसे विषय को विकल्प के तौर पर मंजूरी दी गई है जिसमें यूपी बोर्ड के विद्यार्थियों को काफी रुचि भी रहती है और इसकी व्यवस्थाएं भी कालेजों में हैं। बोर्ड प्रशासन ने 2023 से इसकी लिखित परीक्षा कराने पर भी मुहर लगा दी है। विद्यार्थियों को इस बात की भी आसानी होगी कि जो विषय विकल्प के तौर पर दिया गया है उससे वो पहले भी अतिरिक्त विषय के रूप में रूबरू होते रहे हैं। इस वर्ष से ही विद्यार्थी इस वैकल्पिक विषय की पढ़ाई कर सकते हैं।

एनसीसी की भी कर सकेंगेे पढ़ाई  

यूपी बोर्ड से संबंद्ध जिले में 94 एडेड, 35 राजकीय व करीब 625 वित्तविहीन कालेज हैं। इनमें करीब दो से ढाई लाख विद्यार्थी पढ़ते हैं। अब वे हाईस्कूल व इंटरमीडिएट में एनसीसी (राष्ट्रीय कैडेट कोर) की भी पढ़ाई कर सकेंगे। एनसीसी को वैकल्पिक विषय में शासन ने मान्य कर दिया है। ये विद्यार्थियों पर निर्भर है कि वे चाहें तो इस विषय की भी पढ़ाई कर सकते हैं। इसकी लिखित परीक्षा 2023 से कराई जाएगी। अफसरों ने बताया कि एनसीसी की प्रयोगात्मक परीक्षा संबंधित बटालियन स्तर पर होगी। बोर्ड प्रशासन इसकी लिखित परीक्षा वर्ष 2023 से निरंतर कराएगा। माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) में एनसीसी नया विषय नहीं है। बल्कि अभी तक इसकी पढ़ाई अतिरिक्त विषय के रूप में कराई जाती रही है। छात्र-छात्रएं इसी वर्ष से एनसीसी की हाईस्कूल व इंटर में वैकल्पिक विषय के रूप में पढ़ाई कर सकते हैं। इससे विद्यार्थियों में एनसीसी के प्रति रूझान भी बढ़ेगा। मगर इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं के लिए इसमें एक शर्त भी रखी गई हे। इंटरमीडिएट में पढ़ने वाले विज्ञान व कामर्स वर्ग के छात्र-छात्राओं को एनसीसी पढ़ने का मौका नहीं मिलेगा। सिर्फ मानविकी यानी कला वर्ग के विद्यार्थी ही एनसीसी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुन सकते हैं। डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि जिले के तमाम विद्यालयों में एनसीसी का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। एनसीसी की ओर विद्यार्थियों का रूझान बढ़ेगा तो उनको सामाजिक व नैतिक मूल्याें की समझ व जिम्मेदारी का एहसास भी होगा। एनसीसी का क्षेत्र काफी व्यापक है। इससे निश्चित ही विद्यार्थियों को नई दिशा मिलने की राह खुलेगी।

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