जेएन मेडिकल कालेज में हुई महिला के मस्तिष्क की दुर्लभ सर्जरी

एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के डाक्टरों ने एक 51 वर्षीय महिला के मस्तिष्क की दुर्लभ सर्जरी हुई।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Nov 2021 10:18 PM (IST) Updated:Tue, 23 Nov 2021 10:25 PM (IST)
जेएन मेडिकल कालेज में हुई महिला के मस्तिष्क की दुर्लभ सर्जरी
जेएन मेडिकल कालेज में हुई महिला के मस्तिष्क की दुर्लभ सर्जरी

जासं, अलीगढ़ : एएमयू के जेएन मेडिकल कालेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के डाक्टरों ने एक 51 वर्षीय महिला के मस्तिष्क की एक धमनी की दीवार में उत्पन्न 'गुब्बारा' जैसे असामान्य उभार को कठिन शल्य चिकित्सा द्वारा हटाने में सफलता हासिल की है। इस तरह के उभार को सेरेब्रल एन्यूरिज्म कहा जाता है। कार्डियोलाजी विभाग की भी इस शल्य चिकित्सा में अहम भूमिका रही। महिला अब ठीक है।

मुरादाबाद निवासी कमलेश को कुछ दिनों से तेज सिरदर्द, उल्टी, गर्दन में अकड़न और धुंधली ²ष्टि जैसे लक्षण हुए थे। न्यूरो सर्जरी विभाग के वरिष्ठ प्रो. एमएफ हुदा ने कहा कि मरीज की हालत को देखते हुए तुरंत एक एंडोवास्कुलर कोआइलिग प्रक्रिया करनी थी। इसके लिए पूरी टीम का गठन किया गया। इस प्रक्रिया में प्लैटिनम काइल्स को मुक्त करने के लिए एन्यूरिज्म युक्त धमनी में एक कैथेटर से गुजारा गया था। उन्होंने कहा कि अगर मरीज सर्जरी के लिए समय पर नहीं पहुंचा होता, तो उसके मस्तिष्क में उभार आसपास की नसों पर दबाव डालता। इससे रक्तस्त्राव, मस्तिष्क क्षति, कोमा या यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती थी। प्रो. एमएफ हुदा ने आवश्यक सहयोग और कैथ लैब सुविधाएं प्रदान करने के लिए कार्डियोलाजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. एमयू रब्बानी और उनकी टीम का आभार व्यक्त किया।

कहा, न्यूरोसर्जरी विभाग में सालाना 500 से अधिक ऐसी सर्जरी की जाती हैं। न्यूरोसर्जरी विभाग के अध्यक्ष प्रो. रमन मोहन शर्मा ने कहा कि दुर्लभ सेरेब्रल एन्यूरिज्म को दूर करने के लिए न्यूरोसर्जरी विभाग की विशेषज्ञता अलीगढ़ के आस-पास के क्षेत्रों में निम्न आय वर्ग के रोगियों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है। टीम में न्यूरोसर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर एमताबिश खान, डा. मोहम्मद अहमद अंसारी, डा. तारिक मतीन के अलावा डा. ओबैद सिद्दीकी भी शामिल थे।

एएमयू के कुलपति प्रो. तारिक मंसूर ने कहा कि विश्वविद्यालय समुदाय इस दुर्लभ सर्जरी की उपलब्धि पर गर्व करता है। उत्कृष्टता के इस स्तर को प्राप्त करने के लिए रोगी की देखभाल के सभी पहलुओं से समन्वित प्रयासों की आवश्यकता होती है। इसमें प्री-आपरेटिव असेसमेंट एंड केयर, इंट्रा-आपरेटिव मैनेजमेंट, इन-पेशेंट और आउट पेशेंट पोस्ट आपरेटिव केयर शामिल हैं।

मेडिसिन फैकल्टी के डीन प्रो. राकेश भार्गव और प्रिसिपल प्रो. शाहिद सिद्दीकी ने भी टीम के कार्य की सराहना की है।

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