रेलवे के अधिकारियों ने किया ट्रैक का निरीक्षण, लापरवाही पर प्रबंधन पर जुर्माना ठोंका Aligarh news

रविवार की दोेपहर 250 मेगावाट से 660 मेगावाट को तेल के डिब्बे लेकर आ रही मालगाड़ी का डिब्बा ट्रैक पर से उतर गया था। जिसकी जांच करनेे सोमवार को रेलवे विभाग की टीम आई। जांच में टीम ने पाया घटना प्रबंधन की लापरवाही के चलते हुई है ।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 14 Sep 2021 12:41 PM (IST) Updated:Tue, 14 Sep 2021 12:45 PM (IST)
रेलवे के अधिकारियों ने किया ट्रैक का निरीक्षण, लापरवाही पर प्रबंधन पर जुर्माना ठोंका Aligarh news
मालगाड़़ी के डिब्‍बे पटरी से उतरने के बाद मौके का निरीक्षण करते अधिकारी।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता । रविवार की दोेपहर 250 मेगावाट से 660 मेगावाट को तेल के डिब्बे लेकर आ रही मालगाड़ी का डिब्बा ट्रैक पर से उतर गया था। जिसकी जांच करनेे सोमवार को रेलवे विभाग की टीम आई। जांच में टीम ने पाया घटना प्रबंधन की लापरवाही के चलते हुई है प्रबंधन कोे जिम्मेदार ठहराते हुुए जुर्माना लगाया।

मालगाडी का डिब्‍बा नए ट्रैक के मोड से उतरा

नई यूूनिट 660 मेगावाट लिए तेल लेकर आ रहीं माल गाड़ी का डिब्बा नए ट्रैक के मोड़ पर से उतर गया। डिब्बे कोे पटरी पर चढ़ाने के लिए परियोजना प्रबंधन और तौशिबा के इंजीनियरों को भारी मशक्कत करना पड़ा तब कहीं जाकर देेर रात बारह बजे पटरी पर डिब्बे को चढ़ाया। रेलवे विभाग से बचने के लिए सोमवार की सुबह रेलवे विभाग के अधिकारियों ने नए ट्रैक का निरीक्षण कर तमाम खामियां निकालतेे हुुए इस घटना का जिम्मेदार परियोजना प्रबंधन को ठहराते हुए रेलवे विभाग ने पटरी से उतरे डिब्बे में आई क्षति को देखते हुए साठ हजार का जुर्माना ठोक दिया। काम कर रहें मजदूरों से पटरी से उतरे डिब्बे के बारे में पूछने पर संतोष जनक उत्तर न मिलने पर डिब्बे की पूछताछ के लिए मौके पर परियोजना प्रबंधन से अधिकारियों को बुलवाया लेकिन प्रबंधन की तरफ से कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। वहीं ट्रैक के पास रेलवे के नियम को दर किनार कर हो रहें अतिक्रमण पर भी सवाल उठाएं ? रेलवे अधिकारियों ने बताया इलैक्ट्रिक लाइन से सात मीटर की परिधि में खाली रहनी चाहिए लेकिन यहां पर ऐसा नहीं है साथ ही नए ट्रैक पर अधिक घुुमाव पर भी सवाल खड़ेें किए? 

सड़क और पटरी के बीच फंसा परियोजना प्रबंधन

660 यूनिट के लिए प्रबंधन ने पुराने मुख्य मार्ग को बंद कर दिया जिसको लेकर स्थानीयजन न्यायालय की शरण में गए न्यायालय के अनुसार प्रबंधन को यह आदेश दिया कि पहले स्थानीय क्षेत्र वासियों को परियोजना दीवार से आठ मीटर चौड़ा पक्का रास्ता देना होगा तब जाकर पुराने मार्ग को बंद कर सकते है। इधर 660 यूनिट के लिए नया ट्रैक भी ड़ालना था और स्थानीय लेगों के लिए सड़क भी देनी थी । प्रबंधन ने अपनी जगह पर हुए अतिक्रमण को खाली कराने में लापर वाही दिखाते हुए सड़क को जगह देने के फेर में पटरी को ड्राइंग के अनुसार पटरी दस फीट अदंर ले ली जिससे पटरियों में अधिक घुमाव बन गए। अभी तो इन पटरियों पर कम वजन के डिब्बे चल नहीं पा रहें आग चलकर इन्हीं घुमावों में कोयला की मालगाड़ियां गुजर पाएंगी यह एक प्रबंधन के लिए एक बड़ी पहेली बनेगी?

अधिकारियों के बोल

इस सबंध में कोल यार्ड के अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार से बात करनी चाहीं तो उन्होंने इस बारे में बात करने से मना कर दी। इस सबंध में रेलवे विभाग के टुण्डला के डीटीएम के पीआरओ ने बताया परियोजना प्रबंधन खुद घटना का जिम्मेदार है रेलवे अपने क्षति ग्रस्त डिब्बे का हर्जाना वसूलेगा।

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