अलीगढ़ में कूड़ा निस्तारण की वर्षों पुरानी व्यवस्था से तंग आयी पब्लिक, मुखर हुआ विरोध
नगर निगम अधिकारी योजनाओं को अमल में न ला सके। न समय पर कूड़ उठ पा रहा न ही डलावघर ही कम हो सके। सिल्ट भी ट्रालियों में नहीं भरी जा रही। नगर निगम की इन्हीं नाकामियों पर पब्लिक विरोध कर रही है।
अलीगढ़, जेएनएन। शहर में कूड़ा निस्तारण की वर्षाें पुरानी व्यवस्था से पब्लिक तंग आ चुकी है। सड़कों पर दौड़ते कूड़ा लदे ट्रैक्टर-ट्राली, मार्ग अवरुद्ध कर डलावघरों से कूड़ा उठातीं जेसीबी मशीनें, नालाें की सफाई कर घर, दुकानों के अागे सिल्ट डालते कर्मचारी, ये नजारे शहर में हर राेज देखने काे मिलते हैं। खासकर जगह-जगह बनाए गए डलावघरों ने मुसीबत खड़ी कर दी है। जबकि, इन सभी अव्यवस्थाओं को व्यवस्थित करने के लिए योजनाएं बनाई जा चुकी हैं। लेकिन, नगर निगम अधिकारी योजनाओं को अमल में न ला सके। न समय पर कूड़ उठ पा रहा, न ही डलावघर ही कम हो सके। सिल्ट भी ट्रालियों में नहीं भरी जा रही। नगर निगम की इन्हीं नाकामियों पर पब्लिक विरोध कर रही है।
यह है मामला
शहर से हर रोज 450 मीट्रिक टन कूड़ा उठता है। ये कूड़ा जगह-जगह बने 84 डलावघरों पर डाला जाता है। ये डलावघरों के लिए स्थान वर्षों पहले चिह्नित किए गए थे। यहां अब आबादी बस चुकी है। डलावघरों के आसपास ही स्कूल, कालेज खुल गए। लेकिन डलावघर नहीं हटाए जा सके। नगर निगम कर्मचारी आसपास क्षेत्र से कूड़ा उठाकर यहीं डाल देते हैं। फिर एटूजेड कंपनी के वाहन कूड़ा उठाकर निस्तारण के लिए प्लांट में ले जाते हैं। स्पष्ट निर्देश हैं कि कूड़ा सुबह 10 बजे से पहले उठ जाए, लेकिन कूड़ा उठाने का क्रम दोपहर तक चलता है। जर्जर ट्रालियाें से कूड़ा सड़क पर फैलता है, इस पर भी अधिकारियों का ध्यान नहीं है। शुक्रवार को सरसैयद नगर में इसी को लेकर विरोध-प्रदर्शन हुआ। क्षेत्रीय लोगों ने बताया कि आबादी में डलावघर बना दिए गए हैं। इनसे गंदगी, दुर्गंध फैल रही है। नगर निगम कर्मचारी समय पर कूड़ा नहीं उठाते। दिनभर कूड़ा सड़कों पर पड़ा रहता है। क्षेत्रीय लोगों द्वारा 15 दिन में व्यवस्था न सुधरने पर आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है। प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस नेता आगा यूनुस, मोहम्मद नदीम, मोहम्मद आसिफ, प्रो. सीमा जावेद, अहमद अली, नासिर अली, नदीम अल्वी, डा. नाहिद आदि थे।