Panchayat chunav : अब वादे नहीं विकास चाहिए, गांवों में जोर पकडऩे लगा पंचायत चुनाव का शोर, चौपालों पर होने लगीं बहस Aligarh news

तेज धूप और गर्म हवा के बीच शुक्रवार की दोपहर कस्बे से लेकर गांवों तक में यदि कोई चर्चा थी तो वह कोरोना संक्रमण और चुनाव को लेकर। जगह-जगह बैठे लोग चिंता भी जता रहे थे और गांव के विकास की आस भी जता रहे थे। स्वभाविक भी हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 17 Apr 2021 06:38 AM (IST) Updated:Sat, 17 Apr 2021 07:50 AM (IST)
Panchayat chunav : अब वादे नहीं विकास चाहिए, गांवों में जोर पकडऩे लगा पंचायत चुनाव का शोर, चौपालों पर होने लगीं बहस Aligarh news
ऐंचना में एक किराना की दुकान के बाहर लगी चुनावी चौपाल।

अनिल गोविल, अलीगढ़ । तेज धूप और गर्म हवा के बीच शुक्रवार की दोपहर कस्बे से लेकर गांवों तक में यदि कोई चर्चा थी तो वह कोरोना संक्रमण और चुनाव को लेकर। जगह-जगह बैठे लोग चिंता भी जता रहे थे और गांव के विकास की आस भी जता रहे थे। स्वभाविक भी हैं। विकास के द्वार गांव की सरकार से खुलते हैं, जिसके चुनने का अब समय आ गया है। शनिवार से नामांकन शुरू हो जाएगा। इसके चलते चुनावी शोर तेज होने लगा है। एक तरह से दावेदारों का शक्तिप्रदर्शन भी हो रहा है। गुटों में निकलना और नारेबाजी के साथ वोट की अपील का सिलसिला रात तक चलता है। खेतों से लेकर तिराहों और चौराहों पर चौपालों में हार-जीत पर बहस चल रही हैं। ऐसी ही चौपाल ऐंचना में एक किराना की दुकान के बाहर भी जमी हुई थी, जिसमें सभी पर अपने -अपने तर्क और आंकड़े थे। पांच साल पहले किए गए वादे पूरे न होने की शिकायत थी और नाराजगी भी। इनमें शामिल एक वृद्ध ने तो साफ कह दिया कि अब वादे नहीं, विकास चाहिए। सोच -समझकर वोट दो। अन्यथा पांच साल बाद फिर विकास न होने की बात करोगे। चौपाल मजाक से भले शुरू हुई थी, लेकिन कुछ ही देर में नाराजगी और शिकवा-शिकायतों से माहौल बदल चुका था।

इस बार सोच समझकर वोट करना है

इस बीच गांव में गुटबंदी को महत्व न देने की बात पर सभी एकसुर थे। ग्रामीणों का कहना था कि विकास पर पूरा ध्यान देंं। इससे सहमत सोनू ने गांव की समस्याओं पर बोलना ही शुरू किया था कि अन्य मौजूूूद लोगों ने रोक दिया। बोले, इस बार विकास पर ही बात होंगीं। जो विकास कराए, उसकी को वोट की बात कही जाएगी। मुकेश कुमार, लवकुश, जितेंद्र सिंह गांव की जर्जर सड़कों पर चिंता जताई। इस दौरान हर व्यक्ति अपनी पसंद और ना पसंद को लेकर राय रख रहा था। विकास सारस्वत का कहना था गांव की प्रधान पढ़ी-लिखी हो। गजेंद्र कुमार जातिवाद पर वोट से खिलाफ थे। इनका समर्थन दिलीप सिंह ने भी किया। उनका कहना था कि वोट गांव के विकास के लिए करना चाहिए, न कि जाति के नाम पर 7 तभी कंछीलाल शर्मा बोले, सुनेंगे सब की, करेंगे अपने मन की। वोट सही व्यक्ति को देंगे। वहीं, मुकुल पहलवान ने सभी को सचेत किया। कहा, भैया अपना वोट अबकी बार सोच समझकर देना है। किसी की बातों व लालच में नहीं पडऩा।

इस बार सामान्य महिला होगी प्रधान

पंचायत चुनाव को लेकर मतदाताओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। प्रधान सीट सामान्य महिला के लिए है। 1825 मतदाता हैं।

गांव का विकास पहली प्राथमिकता है। गांव में गुटबंदी खत्म कराकर विकास कराए और किसी राजनीति में न पड़े, ऐसे प्रत्याशी को वोट देंगे।

-दिनेश कुमार, ग्रामीण

-चुनाव के समय कसमें तक खाई जाती हैं, पर बाद में पता लगता है कि वायदे कितने निभाए गए 7 इसलिए सोच समझकर वोट दिया जाएगा।

-रामगोपाल टेलर, ग्रामीण

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