ऋग्वेद पर पीएचडी करने वाले एएमयू के प्रो. खालिद बिन युसूफ नहीं रहे Aligarh news
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ नहीं रहे। इस समय वे 60 साल के थे। कोरोना संक्रमण के चलते उनका निधन हो गया। प्रो. खालिद ने ऋग्वेद में पीएचडी की थी।
अलीगढ़, जेएनएन । अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के संस्कृत विभाग के पूर्व चेयरमैन प्रो. खालिद बिन यूसुफ नहीं रहे। वे 60 साल के थे। कोरोना संक्रमण के चलते उनका निधन हो गया। प्रो. खालिद ने ऋग्वेद में पीएचडी की थी। रियलिटी शो 'इंडियाज गाट टैलेंट' में अपनी गायकी का जादू बिखेरने वाली इला और इब्रा इनकी बेटी हैं। पत्नी से उनका तलाक हो चुका है।
बीते कुछ दिनों से बीमार थे
वे मूल रूप से मऊ के थे। काफी समय से अलीगढ़ के सर सैयद नगर में रह रहे थे। कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। इसके चलते एएमयू के ही जवाहर लाल नेहरू (जेएन) मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था। कोरोना की रिपोर्ट भी पाजिटिव आई थी। जेएन मेडिकल कालेज के ङ्क्षप्रसिपल प्रो. शाहिद सिददीकी के अनुसार मंगलवार को प्रो. युसूफ को वेंटीलेटर की जरूरत पड़ी थी। मेडिकल कालेज में वेंटीलेटर न मिलने पर उन्हें जकरिया स्थित आइटी सुपर स्पेशिलिटी ले जाया गया गया। जहां रात को उन्होंने दम तोड़ दिया। प्रो. खालिद एएमयू के संस्कृत विभाग में 30 साल से सेवारत थे। तीन साल चेयरमैन भी रहे। 2009-10 में यूनिवर्सिटी के वीएम हाल के प्रोवोस्ट और एएमयू कोर्ट के सदस्य भी रहे। वर्तमान में वह एएमयू की डिसएविलिटी यूनिट के समन्वयक थे।
ये मिले सम्मान
प्रो. युसूफ ने ऋग्वेद पर पीएचडी की थी। नौ किताबें लिखीं थीं। इनके 55 शोध पत्र प्रकाशित हो चुके हैैं। 1991 में उन्हें ओपन दक्षेस राष्ट्रीय मौलाना अबुल कलाम आजाद निबंध लेखन प्रतियाेगिता का प्रथम पुरस्कार राष्ट्रपति शंकरदयाल शर्मा ने दिया था। 2005 में विजय रत्न अवार्ड उड़ीसा और असम के पूर्व राज्यपाल भीष्म नारायण सिंह के हाथों मिला था। अलीगढ़ की डा. जाकिर हुसैन फाउंडेशन की ओर से भी सम्मानति किया गया था।
एएमयू का दावा
एएमयू के जनसंपर्क कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार प्रो. खालिद बिन यूसुफ दुनिया के पहले मुस्लिम स्कालर थे जिन्होंने ऋग्वेद में पीएचडी थी। लेकिन एएमयू के संस्कृत विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. शरीफ ने इससे इनकार किया है। उनका कहना है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रो. मो. इस्राइल खान पहले मुस्लिम थे जिन्होंने ऋग्वेद में पीएचडी की थी। एएमयू में ऋग्वेद पर पीएचडी करने वाले प्रो. खालिद बिन यूसुफ पहले व्यक्ति थे।
अब मेरा काम पूरा हो गया...
एएमयू के संस्कृत विभाग के चेयरमैन प्रो. मो. शरीफ ने बताया कि 12 अप्रैल को प्रो. युसूफ उनके कार्यालय में आए थे। वह तबीयत खराब होने की बात कर रहे थे। एक प्रार्थना पत्र भी दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था अधिकांश काम पूरा हो गया है। अब बाकी का काम घर से ही करेंगे। 14 अप्रैल को वह अस्पताल में भर्ती हो गए। उनके निधन से डिपार्टमेंट को बड़ी क्षति हुई है।