अलीगढ़ में गंभीर मरीजों के जीवन से खेल रहे निजी कोविड अस्पताल, जानिए कैसे Aligarh news

स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए निजी कोविड अस्पतालों के संचालन की अनुमति दी है। ज्यादातर लेवल वन की सुविधा वाले हैं यानि वे अपने यहां ऐसे मरीज भर्ती नहीं करेंगे जो ज्यादा गंभीर हों या फिर जिन्हें सीधे वेंटीलेटर पर लेना पड़े।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 01:15 PM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 01:15 PM (IST)
अलीगढ़ में गंभीर मरीजों के जीवन से खेल रहे निजी कोविड अस्पताल, जानिए कैसे Aligarh news
अलीगढ़ में मिथराज हास्पिटल को कोविड केयर सेंटर चलाने की मिली है अनुमति।

अलीगढ़, जेएनएन । स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना संक्रमित मरीजों की जिंदगी बचाने के लिए निजी कोविड अस्पतालों के संचालन की अनुमति दी है। ज्यादातर लेवल वन की सुविधा वाले हैं, यानि वे अपने यहां ऐसे मरीज भर्ती नहीं करेंगे, जो ज्यादा गंभीर हों या फिर जिन्हें सीधे वेंटीलेटर पर लेना पड़े। हैरानी की बात ये है कि लेवल-वन वाले सभी अस्पताल ऐसे मरीजों को बे-रोकटोक भर्ती कर रहे हैं। ज्यादा कमाई के लालच में वे मरीजों की जिंदगी से खेल रहे हैं। हैरानी की बात ये है कि अंतिम समय में मरीज को दीनदयाल अस्पताल या मेडिकल कालेज रेफर कर देते हैं। 

इन अस्‍पतालों को मिली है कोविड केयर सेंटर चलाने की अनुमति

जिले में वरुण हास्पिटल, मिथराज हास्पिटल, शेखर सर्राफ मेमोरियलय हास्पिटल, जीवन ज्योति हास्पिटल, जेडी हास्पिटल, वकार हास्पिटल, एसजेडी हास्पिटल को कोविड केयर सेंटर चलाने की अनुमति दी है। अनुमति से पूर्व एसीएमओ स्तर के अधिकारी से अस्पताल में नियुक्त स्टाफ,  आक्सीजन, वेंटीलेटर व अन्य सुविधा और मानकों की जांच कराई। ऐसा एक ही हास्पिटल नहीं रहा, जिनके निरीक्षण में कोई खामी पाई गई हो। हैरानी की बात ये है कि कई कोविड केयर सेंटरों के खिलाफ गंभीर शिकायतें मिलनी शुरू हो गई है। मरीजों से इलाज के नाम पर लाखों रुपये वसूले जा रहे हैं। शिकायतें मिल रही हैं कि कई अस्पतालों में पर्याप्त स्टाफ तक नहीं। आक्सीजन व वेंटीलेटर तक खराब पड़े हुए हैं। लापरवाही से मरीजों की जान तक जा रही है।  

इलाज में घालमेल 

कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में घालमेल चल रहा है। ज्यादातर अस्पतालों को लेवल-वन के अंतर्गत ही मरीजों का उपचार कर सकते हैं। यानि, ज्यादा वे अधिक गंभीर मरीजों को अपने यहां भर्ती नहीं कर सकते। लेकिन, इस नियम का पालन कई कोविड अस्पताल नहीं कर रहे। कमाई के लालच में हर मरीज को भर्ती कर लिया जाता है। दो-तीन दिन तक इलाज पर रखने के बाद पचास से एक लाख रुपया वसूलकर मरीज को रेफर कर दिया जाता है। ऐसे कई मरीजों की जान जा चुकी है, वहीं कई उचित इलाज न मिलने से जिंदगी और मौत के बीच में झूल रहे हैं। रोजाना ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। 

इनका कहना है

कई निजी अस्पतालों के खिलाफ ऐसी शिकायतेें मिली हैं। जल्द ही औचक निरीक्षण कर मरीजों की आडिट किया जाएगा। यदि लेवल के अनुसार मरीज भर्ती नहीं पाए गए तो कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल की कोविड मान्यता खत्म की जा सकती है। 

- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।

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