President of Zilla Panchaya : भाजपा की राह नहीं आसान, पार्टी में मची खींचतान Aligarh News

जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर भाजपा की राह आसान नहीं लग रही है। भले ही पार्टी अपने नौ सदस्य और छह बागियों के साथ दम भरने की कोशिश कर रही हो मगर अभी तक सभी को एक मंच पर लाया नहीं जा सका है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 11:11 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 11:11 AM (IST)
President of Zilla Panchaya : भाजपा की राह नहीं आसान, पार्टी में मची खींचतान Aligarh News
जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर भाजपा की राह आसान नहीं लग रही है।

अलीगढ़, जेएनएन। जिला पंचायत अध्यक्ष को लेकर भाजपा की राह आसान नहीं लग रही है। भले ही पार्टी अपने नौ सदस्य और छह बागियों के साथ दम भरने की कोशिश कर रही हो, मगर अभी तक सभी को एक मंच पर लाया नहीं जा सका है। एक साथ 15 सदस्यों की बैठक तक नहीं हुई है। वहीं, पार्टी में गुटबाजी भी शुरू हो गई है। जिला संगठन प्रदेश नेतृत्व के आदेश का इंतजार कर रहा है। ऐसी स्थिति रही तो भाजपा के साथ बागी भी छिटक सकते हैं। 

ऐसे बन रही रणनीति

जिला पंचायत के अध्यक्ष पद को लेकर भाजपा की साख दांव पर लगी हुई है। सभी पदों पर जनप्रतिनिधि काबिज होने के बाद भी यदि अध्यक्ष भाजपा से नहीं बनता है तो सवाल उठने शुरू हो जाएंगे। मगर, पार्टी की तैयारियां जिस प्रकार से हैं, उससे स्थिति बनती हुई फिलहाल नहीं दिख रही है।  पार्टी निर्दलीयों पर डोरे लगाने की कोशिश कर रही है। मगर, पुख्ता अगुवाई करने वाला अभी कोई नहीं है। चर्चा है कि पार्टी के कुछ लोगों ने निर्दलीय प्रत्याशी सुधीर सिंह की पत्नी अंजू देवी को अध्यक्ष बनाने के लिए गोटियां बिछानी शुरू कर दी हैैं। कुछ सदस्यों को एकजुट करना भी शुरू कर दिया गया है। सूत्र बताते हैं कि भाजपा के ही कुछ सदस्यों ने सहमति जता दी है। उधर, विजय सिंह को लेकर भी रणनीति तेज कर दी गई है। इसके लिए आपसी सहमति बनाई जा रही है। हालांकि, बुधवार को प्रदेश सह संगठन महामंत्री भवानी सिंह के निधन के चलते बैठक आदि नहीं हो पाई। जिला अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल सिंह ने बताया कि अभी बैठक नहीं हो पाई है। पूरी पार्टी शोक में है। अब प्रदेश नेतृत्व के निर्णय के बाद आगे कदम बढ़ाएंगे। 

बागियों की होगी वापसी

पार्टी चुनाव जीते भाजपा के छह बागियों की वापसी की तैयारी में है। सूत्र बताते है कि पार्टी एक-दो दिन में उनकी वापसी कर लेगी। क्योंकि, तनिक भी देरी की गई तो वो वह छिटकर दूसरे दलों के साथ भी जा सकते हैं।

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