अलीगढ़़ मेें तीसरी लहर के लिए तैयारियां शुरू, हर मरीज को मिलेगा आक्सीजन बेड, हर मरीज को इलाज
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के धीमी पड़ते ही तीसरी लहर ने चिंता बढ़ा दी है। नई लहर में दूसरी लहर जैसे हालात पैदा न हों इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं।
अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के धीमी पड़ते ही तीसरी लहर ने
चिंता बढ़ा दी है। नई लहर में दूसरी लहर जैसे हालात पैदा न हों, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। तीसरी लहर में सबसे ज्यादा खतरा ब'चों को होने की आशंका है। लिहाजा, मंडल स्तर 100 बेड का पीडियाट्रिक आइसीयू बनेगा। इस बार आक्सीजन बेड बढ़ाने पर खासा जोर है। लेवल-टू के नए अस्पताल भी तैयार होंगे। डाक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ व अन्य कर्मचारियों की कमी न हो, इसके लिए आउटसोर्सिंग व वाक एंड इंटरव्यू से सीधे नियुक्ति की जाएगी।
दूसरी लहर में बिगड़ गए थे हालात
कोरोना संक्रमण ने जब अप्रैल में रफ्तार पकड़ी तो स्वास्थ्य विभाग के पास संसाधनों के नाम पर केवल 250 बेड का दीनदयाल कोविड अस्पताल ही थी। इसमें 100 आक्सीजन बेड व 30 वेंटीलेटर बेड थे। 40-50 आक्सीजन सिलेंडर की बामुश्किल खपत थी। जिले में 400-450 आक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध थे, जिन्हें बाहर तक सप्लाई किया जा रहा था।अचानक मरीज बढ़े तो संसाधन बढ़ाए गए। 100-100 बेड के अतरौली व छेरत में लेवल-1 के हास्पिटल फिर बनाए गए। अतरौली में 45 लीटर प्रतिमिनट की क्षमता वाला आक्सीजन कंसंट्रेटर लग चुका है। दीनदयाल में बेड क्षमता 374 करीब पहुंच गई है। 175 आक्सीजन बेड हैं। आक्सीजन कंसंट्रेटर की संख्या 35 से बढ़कर 61 पहुंच गई है। 61 वेंटीलेटर कार्यशील हैं। सात निजी कोविड अस्पताल बनाए गए, जिनकी कुल क्षमता 200 है। आउटसोर्सिंग से डाक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गई है। जिला अस्पताल में भी 40 बेड का कोविड केयर सेंटर संचालित हो गया है। संक्रमण दर कम होने से हालात कुछ काबू में आए हैं।
तीसरी लहर से निबटना है अब
तीसरी लहर में बेड, आक्सीजन व वेंटीलेटर के लिए हाहाकार की स्थिति पैदा न हो, इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए जाएंगे। आपात स्थिति में पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय की क्षमता को 500 बेड तक बढ़ाने का विचार है। फिलहाल, सभी 374 बेड तक आक्सीजन की व्यवस्था की जा रही है। इनमें 61 बेड पर आक्सीजन कंसंट्रेटर से सप्लाई होगी। नए आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था होगी। अतरौली कोविड हास्पिटल की क्षमता अभी करीब 100 बेड की है, भविष्य में इसे 150 बेड तक बढ़ाया जा सकता है। पेटीएम व राज्य आपदा निधि से दो आक्सीजन प्लांट भी लगाए जा रहे हैं। फिलहाल, 100 बेड तक सेंट्रल आक्सीजन सप्लाई शुरू की जा रही है। इसके लिए ठेकेदार को बिना टेंडर के ही काम शुरू कर देने को कहा गया है, ताकि इसमें समय की बर्बादी न हो। 54 लीटर प्रति मिनट आक्सीजन सप्लाई वाला प्लांट लग चुका है। इससे एक समय में आठ-नौ मरीजों को आक्सीजन दी जा सकती है। हास्पिटल को सेंट्रल आक्सीजन सप्लाई से जोडऩे का काम शुरू हो चुका है। मेडिकल कालेज के लेवल-टू के कोविड सेंटर को भविष्य में लेवल थ्री की मान्यता पर भी विचार हो रहा है। अतरौली को लेवल-टू का दर्जा मिल सकता है। इस तरह 500-600 बेड लेवल-टू के होंगे। 100 बेड लेवल थ्री के। जरूरत बढ़ी तो लेवल-टू के निजी कोविड सेंटर बनाए जाएंगे।
डाक्टर व कर्मियों की सीधी भर्ती
कोरोना की दूसरी लहर में सरकार ने संसाधन तो बढ़ा दिए, मगर डाक्टर व अन्य स्टाफ की व्यवस्था नहीं हो पाई। अब शासन ने स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन को यह अधिकार दिया है कि जरूरत के अनुसार आउटसोर्सिंग या वाक एंड इंटरव्यू से सीधे डाक्टर व अन्य कर्मियों की नियुक्त की जा सकेगी। इसके लिए अलग से अनुमति की आवश्यता नहीं होगी। पिछले साल दो से ढाई हजार सैंपल लिए गए। दूसरी लहर में यह संख्या चार हजार हो गई, लेकिन तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए सरकार ने पांच से सात हजार सैंपल लिए जाएंगे। इससे संक्रमण की चेन को तोडऩे में जल्द ही सफलता मिलेगी।
निजी डाक्टरों की मदद
तीसरी लहर में हालात बेकाबू दिखते ही कोविड सेंटरों में टेली मेडिसन या सीधे वार्ड में ड्यूटी के लिए निजी डाक्टरों की मदद लेने पर भी विचार होगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन व अन्य संगठनों से स्वयं सेवा करने की अपील तक की जाएगी, ताकि मरीजों की ङ्क्षजदगी बचाई जा सके।
कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निबटने के लिए विभाग तैयार है। हमारा जोर इस बार बेड बढ़ाने की बजाय, आक्सीजन बेड बढ़ाने पर होगा। आक्सीजन कंसंट्रेटर भी और खरीद जाएंगे। ब'चों के लिए मेडिकल कालेज के अलावा 100 बेड का पीडियाट्रिक आइसीयू भी प्रस्तावित है।
- डा. बीपीएस कल्याणी, सीएमओ।