कोरोना की तीसरी लहर से पहले तैयारी, दवा की नहीं होने दी जाएगी कमी Aligarh news

कोरोना की दूसरी लहर में भले ही बेड आक्सीजन व वेंटीलेटर के साथ जरूरी दवा का भंयकर संकट भी मरीजों ने झेला। इलाज के अभाव में तमाम मरीजों की जान चली गई। तीसरी लहर में ऐसी स्थित पैदा न होने पाए सरकार ने अभी से इंतजाम कराने शुरू कर दिया।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 05:32 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 06:45 AM (IST)
कोरोना की तीसरी लहर से पहले तैयारी, दवा की नहीं होने दी जाएगी कमी Aligarh news
नए वैरिएंट से बच्चों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा है

अलीगढ़, जेएनएन। कोरोना की दूसरी लहर में भले ही बेड, आक्सीजन व वेंटीलेटर के साथ जरूरी दवा का भंयकर संकट भी मरीजों ने झेला। इलाज के अभाव में तमाम मरीजों की जान चली गई। तीसरी लहर में ऐसी स्थित पैदा न होने पाए, सरकार ने अभी से इंतजाम कराने शुरू कर दिया। विशेषकर दवा को लेकर पहले जैसा संकट सामने नहीं आएगा। नए वैरिएंट से बच्चों को ज्यादा खतरा बताया जा रहा है, लेकिन अभी वायरस को नष्ट करने वाली कोई दवा डब्ल्यूएचओ या अन्य संस्थानों की ओर से नहीं सुझाई गई है। लिहाजा, सरकार ने वायरल की दवा, एंटीबायोटिक व ताकत बढ़ाने वाली दवा का स्टाक करने के निर्देश दिए हैं। बड़ों के लिए पर्याप्ता दवा उपलब्ध है।

बच्चों के लिए जरूरी दवा

पं. दीनदयाल उपाध्याय संयुक्त चिकित्सालय में 100 बेड का पीडियाट्रिक वार्ड बनकर तैयार है। पूर्व में 374 बेड के आइसोलेशन वार्ड यहां बनाए गए, जो सक्रिय मरीज न होने के कारण अभी बंद हैं। लेकिन, इनमें बेड, आक्सीजन व वेंटीलेटर की समुचित व्यवस्था है। इनमें 14 वेंटीलेटर लगाए गए हैं। सीएमएस डा. शिव कुमार उपाध्याय ने बताया कि तीसरी लहर से निपटने के लिए हम पूरी तरह तैयार हैं। ड्रग डिपार्टमेंट से हमें इम्यूनोग्लोविंस (ताकत की दवा) व फ्लूड आदि का स्टाक करने के निर्देश मिल चुके हैं। डिमांड भेज दी गई है, जल्द ही दवा आ जाएगी। फिलहाल, अभी जरूरत महसूस नहीं हो रही। पैरासिटामोल, एंटीबायोटिक व अन्य एंटी वायरल दवा की कोई कमी नहीं है। बच्चों को फिलहाल, इन्हीं दवा से उपचार होना है। आइवरमेक्टिन, डेक्सामेथासोन व अन्य हैवी एंटीबायोटिक की बच्चों के लिए जरूरी नहीं।

3000 से ज्यादा रेमडेसिविर

कोरोना की दूसरी लहर में मरीजों के लिए पर्याप्त दवा तक उपलब्ध नहीं हो पाई। बाजार ही नहीं, सरकारी अस्पतालों के पास भी कई जरूरी दवा खत्म हो गईं। रेमडेसिविर इंजेक्शन के लिए सबसे ज्यादा मारामारी रही। बाद में फेविपिराविर, डेक्सामेथासोन, आइवरमेक्टिन से लेकर विटामिन-सी व जिंक जैसे सप्लीमेंट भी बाजार से गायब हो गए। खूब कालाबाजारी हुई। रेमडेसिविर का एक इंजेक्शन एक लाख रुपये तक बिक गया। ऐसे में प्रशासन ने खुद अपनी देखरेख में मरीजों को रेमडेसिविर उपलब्ध कराया, फिर भी कालाबाजारी की शिकायतें मिलती रहीं। हास्पिटल संचालक भी निशाने पर आए। बाजार में नकली रेमेडेसिविर तक बिक गए। अन्य दवा की कीमतें भी सामान्य 10-15 गुना महंगी बिकीं। हालांकि, ये सभी दवा बड़ों के लिए थीं। इस बार रेमडेसिविर, फेविपिराविर, डेक्सामेथासोन जैसी दवा को लेकर हाहाकार मचने की आशंका कम है। डब्ल्यूएचओ ने इन दवाअों के अनावश्यक इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर विशेषज्ञ भी स्पष्ट कह चुके हैं कि इससे मृत्यु की आशंका बिल्कुल भी कम नहीं होती है। लिहाजा, डब्ल्यूएचओ ने विशेष परिस्थिति में ही रेमडेसिविर के इस्तेमाल की अनुमति दी है। इंजेक्शन की मांग व जरूरत को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तीन हजार से ज्यादा रेमडेसिविर इंजेक्शन की व्यवस्था कर रखी है। दो हजार इंजेक्शन दीनदयाल चिकित्सालय में ही उपलब्ध हैं। मेडिकल कालेज, जिला अस्पताल व सीएमअो के पास भी करीब 1000 रेमडेसिविर का स्टाक है।

बंटवाई जा रही दवा

तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए बच्चों की सेहत पर नजर रखी जा रही है। विभिन्न कार्यक्रमों के अंतर्गत डोर-टूृ-डोर अभियान के दौरान मिलते-जुलते लक्षण वाले हजारों बच्चों तक वायरल की दवा पहुंचाई जा चुकी है। अब सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के अंतर्गत भी ओआरएस व जिंक के पैकेट वितरित किए जाएंगे।

इनका कहना है

हमारे पास दो हजार रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध हैं, जो इस्तेमाल में न आने से एक्सपायरी की तरफ जा रहे हैं। संक्रमित बच्चों के लिए अभी कोई नई दवा नहीं है। एंटी वायरल व हल्के एंटीबायोटिक से ही इलाज होगा। अगस्त या सितंबर में तीसरी लहर आई तो दवा का कोई संकट नहीं रहेगा। रेमडेसिविर भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।

- डा. शिव कुमार उपाध्याय, सीएमएस दीनदयाल अस्पताल।

जिले में रेमडेसिविर, डेक्सामेथासोन, आइवरमेक्टिन समेत तमाम दवा व मल्टी विटामिन का पर्याप्त मात्रा में स्टाक उपलब्ध है। तीसरी लहर आई तो मरीजों को उपचार में कोई समस्या नहीं होगी। न आक्सीजन और वेंटीलेटर की और न दवा की।

- डा. आनंद उपाध्याय, मुख्य चिकित्सा अधिकारी

रेमडेसिविर व अन्य दवा की इस बार किल्लत नहीं होगी। बच्चों के लिए कोई नई दवा तो नहीं बताई गई, लेकिन सामान्य दवा की सूची जारी हो गई है, जिसकी बाजार में पर्याप्त उपलब्धता है। ये सभी सामान्य दवा हैं।

- हेमेंद्र चौधरी, औषधि निरीक्षक।

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