झोपड़ी में गुजर बसर कर रहा गरीब परिवार, नहीं मिला पीएम आवास का लाभ Aligarh news

योगी सरकार भले ही आवास योजना चला रही हो लेकिन आज भी कई गरीब ऐसे हैं जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। कई बार अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं लेकिन आज भी ये गरीब परिवार तिरपाल डालकर रहने को मजबूर हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 03:21 PM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 03:44 PM (IST)
झोपड़ी में गुजर बसर कर रहा गरीब परिवार, नहीं मिला पीएम आवास का लाभ Aligarh news
मडराक थाना क्षेत्र के गांव सिंघारपुर में बदहाली की जिंदगी जी रहा परिवार।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। योगी सरकार भले ही आवास योजना चला रही हो लेकिन आज भी कई गरीब ऐसे हैं जिन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिला है। कई बार अधिकारियों से मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना मिलने के लिए गुहार लगा चुके हैं लेकिन आज भी ये गरीब परिवार तिरपाल डालकर रहने को मजबूर हैं। बरसात के दिनों में तो ये परिवार भीगता रहता है। ये गरीब परिवार पिछले दस साल से गांव में झोंपड़ी में रहने को मजबूर हैं। इस दौरान प्रदेश में कई सरकार आईं और गई लेकिन इस परिवार आज तक सिर्फ आश्वासन मिला है।

मडराक के गांव सिंघारपुर में रहता है परिवार

मडराक थाना क्षेत्र के गांव सिंघारपुर में एक परिवार का बुरा हाल है। इस परिवार के पास ना तो रहने के लिए मकान है। और ना ही खाने के लिए भोजन है। यह परिवार दर-दर भटक रहा है बरसात के समय में इस परिवार की झोपड़ी में भी उखड़ चुकी है कई बार शिकायत के बावजूद इस परिवार को कोई भी प्रधानमंत्री आवास योजना की सुविधा नहीं हो सकी है। मडराक के गांव सिंघारपुर निवासी कैलाश बघेल पुत्र भूप सिंह पोस्ट अहमदपुर थाना मडराक तहसील कोल के मूल निवासी हैं साथ में पत्नी रेशमा देवी तीन बच्चे नारायण रितु दीनदयाल साथ में रहते हैं। आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण परिवार भुखमरी की कगार पर है।

कई बार अधिकारियों से शिकायत के बावजूद नहीं हुई सुनवाई

कैलाश बघेल ने बताया की आवास तथा परिवार की स्थिति के बारे में कई बार अधिकारियों को बताया जा चुका हैै, लेकिन आज तक कोई भी सुनवाई नहीं हुई है। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण भुखमरी की कगार पर है। कैलाश बघेल ने बताया कि सेक्रेटरी विजेंद्र सिंह को कई बार परिवार की स्थिति के बारे में बता चुके हैं और आवास से सम्बंधित कागजात भी दे चुके हैं लेकिन आज तक कोई सुनवाई नहीं हुई है।

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