मानसून में शहर काे जलभराव से बचाने के लिए तैयार हो रहीं पोखरेंAligarh News
80 फीसद नालों की सफाई कर चुका नगर निगम अब पोखरों को साफ करने में जुटा है। पोखरों में जमे कचरे का हटाने के साथ दो-तीन फुट पानी भी निकला जा रहा है जिससे बेहिसाब वर्षाजल इनमें समाहित हो सके।
अलीगढ़, जेएनएन। तालाब,पोखर जल संचय को मुख्य स्रोत होते हैं। बारिश का पानी इन्हीं में सहेजा जाता है। जलभराव की दुश्वारियों को दूर करने में भी इनका सहयोग रहता है। बशर्ते इनकी समय-समय पर सफाई हो और क्षमता बढ़ाई जाए। नगर निगम का फोेकस अब इन्हीं पर है। 80 फीसद नालों की सफाई कर चुका नगर निगम अब पोखरों को साफ करने में जुटा है। पोखरों में जमे कचरे का हटाने के साथ दो-तीन फुट पानी भी निकला जा रहा है, जिससे बेहिसाब वर्षाजल इनमें समाहित हो सके। शुक्रवार को पोकलैंड मशीन से पोखरों में सफाई कार्य जारी था।
नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह ने कहा कि बारिश के पानी का संचय करने के लिए नगर निगम पूर्ण रूप से प्रयासरत है। जहां एक ओर बड़े नालों की सफाई कराकर जल निकासी को प्रभावी बनाया जा रहा है, तो दूसरी ओर शहर के तालाब और पोखरों की सफाई का काम भी तेजी से हो रहा है। पिछले दिनों अधीनस्थ अफसरों के साथ समीक्षा कर वर्षाजल के संचय के लिए कार्ययोजना बनाने के दिशा-निर्देश दिए गए थे। इसके लिए टीम तैयार कर ली गई है। तालाब-पोखरों की सफाई का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। नगर निगम द्वारा बड़ी पोकलैंड मशीनों से सुरेंद्र नगर पोखर, क्वार्सी बाईपास स्थित गोविंद नगर आदि क्षेत्रों में सफाई कराई जा रही है। नगर आयुक्त ने कहा कि शहर में दिन प्रतिदिन गिरते जलस्तर को सुधारने के लिए वर्षाजल का संचल किया जाना बेहद जरूरी है। इस बार नगर निगम ने जल संचय के लिए ठोस योजना बनाई है। शहर में जगह-जगह रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के साथ तालाब, पोखरों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। इससे जलभराव की समस्या पर भी काफी हद तक अंकुश लगाया जा सकता है।