Dr Astha Murder Case: डाक्टर आस्था अग्रवाल की हत्या के आरोपित उसके पति को अभी नहीं खोज पाई पुलिस Aligarh News

उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में क्वार्सी थाना क्षेत्र के रमेश विहार कालोनी में महिला डाक्टर आस्था अग्रवाल की हत्या में आरोपित पति अरुण अग्रवाल का पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस अब उसकी कार को ट्रेस करने में लगी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Sat, 16 Oct 2021 09:46 AM (IST) Updated:Sat, 16 Oct 2021 09:46 AM (IST)
Dr Astha Murder Case: डाक्टर आस्था अग्रवाल की हत्या के आरोपित उसके पति को अभी नहीं खोज पाई पुलिस Aligarh News
महिला डाक्टर आस्था अग्रवाल की हत्या में आरोपित पति अरुण अग्रवाल है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता।  उत्‍तर प्रदेश के जनपद अलीगढ़ में क्वार्सी थाना क्षेत्र के रमेश विहार कालोनी में महिला डाक्टर आस्था अग्रवाल की हत्या में आरोपित पति अरुण अग्रवाल का पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस अब उसकी कार को ट्रेस करने में लगी है। इसके लिए मडराक व गभाना टोल के सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले जा रहे हैं। वहीं, अरुण के बड़े भाई तरुण को शुक्रवार को पुलिस ने जेल भेज दिया।

यह है मामला

कोरोना कंट्रोल रूम में तैनात डा. आस्था अग्रवाल का शव बुधवार को उनके रमेश विहार स्थित घर के कमरे में फंदे पर लटका मिला था। कासिमपुर में राधिका आक्सीजन प्लांट चलाने वाले पति अरुण व दोनों बच्चे घर पर नहीं थे। बच्चों को पुलिस ने अरुण के बड़े भाई तरुण के घर से बुधवार रात सकुशल बरामद कर लिया। अरुण ने मंगलवार रात को ही बच्चों को यहां छोड़ दिया था। इसके बाद से वह फरार है। फोन बंद है। आस्था की बहन ने अरुण, उसके भाई तरुण व अनुज के अलावा दोस्त अर्वित के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गला दबाकर हत्या की बात सामने आई है। पुलिस ने तरुण को हिरासत में लेकर पूछताछ की। इसमें स्पष्ट हुआ कि अरुण ने तरुण को घटना के बारे में जानकारी दे दी थी, लेकिन वह कहां भाग गया, इस बारे में नहीं बताया। ऐसे में आरोपित को शरण देने व भागने में मदद करने को लेकर उसे जेल भेजा गया है।

बच्चों को मौसी के सिपुर्द किया

ताऊ की गिरफ्तारी के बाद दोनों बच्चों को सीडब्ल्यूसी (चाइल्ड वेलफेयर कमेटी सेंटर) के सिपुर्द कर दिया है। वहीं, शुक्रवार को किशनपुर स्थित श्मशानघाट में आस्था का अंतिम संस्कार कर दिया गया। ऐसे में सीडब्ल्यूसी से दोनों बच्चों को भी यहां लाया गया। बाद में सीडब्ल्यूसी में पेश करने के बाद दोनों को मौसी आरती के सिपुर्द कर दिया। सीओ तृतीय श्वेताभ पांडेय ने बताया कि आरोपित अरुण की तलाश में टीमें लगी हुई हैं। अभी कुछ पता नहीं लग सका है। टोल प्लाजा के सीसीटीवी कैमरे देखे जा रहे हैं। वहीं, अरुण के भाई तरुण को जेल भेज दिया है।

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