Child's murder : पोस्टमार्टम के बाद उलझी पुलिस, विशेषज्ञों की लेगी राय Aligarh news
गौंडा थाना क्षेत्र में बच्ची की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस को उलझा दिया है। मौत का कारण भले ही पानी में डूबना आया हो। लेकिन बड़ा सवाल है कि बच्ची खुद डूबी या उसे डुबोया गया। पुलिस दोनों पहलुओं पर जांच कर रही है।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। गौंडा थाना क्षेत्र में बच्ची की मौत के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट ने पुलिस को उलझा दिया है। मौत का कारण भले ही पानी में डूबना आया हो। लेकिन, बड़ा सवाल है कि बच्ची खुद डूबी या उसे डुबोया गया। पुलिस दोनों पहलुओं पर जांच कर रही है। वहीं उसके शरीर के बाहरी अंगों पर कोई चोट का निशान नहीं है। लेकिन, प्रथम दृष्टया लग रहा है कि बच्ची के साथ सबकुछ ठीक नहीं रहा है। इसे लेकर मंगलवार को पुलिस विशेषज्ञों की राय भी लेगी।
घर के बाहर से गायब हुई थी बच्ची
रविवार को गांव में गमगीन माहौल था। इसी बीच शाम करीब छह और साढ़े छह के बीच बच्ची घर के पास से खेलते हुए गायब हो गई थी। बच्ची के पिता ने बताया कि शाम साढ़े छह बजे पत्नी ने फोन करके बताया कि बच्ची घर नहीं पहुंची तो होश उड़ गए। पूरे गांव में कोई पता न चलने पर पुलिस की मदद ली गई। पुलिस ने पिता के साथ रात करीब एक बजे तक बच्ची की तलाश की। फिर सुबह सात बजे दोबारा से पुलिस ने गांव में तलाशी शुरू कर दी थी। जिस खेत में बच्ची का शव मिला, वहां से घर की दूरी करीब चार सौ मीटर है और करीब 50 मीटर पर आबादी है। खेत गांव को जाने वाले रास्ते से सटा हुआ है। पानी के चारों तरफ फसल लहला रही है। हालांकि पानी की गहराई महज डेढ़ से दो फुट है। जबकि बच्ची की लंबाई तीन फुट है। इस आधार पर देखा जाए तो बच्ची डूब नहीं सकती। लेकिन, कुछ जगहों पर गहराई ज्यादा भी है और बहाव है। ऐसे में पुलिस दोनों पहलुओं पर काम कर रही है। एक बिंदु ये भी है कि अगर बच्ची डूबी होती तो उसके पेट व लंग्स में पानी भरा होता। लेकिन, बच्ची के गर्दन के नीचे हिस्से तक पानी भरा मिला था। पेट व लंग्स में पानी नहीं था।
पापा मैं घर चली जाऊंगी
बच्ची तीन भाई बहनों में दूसरे नंबर की थी। अक्सर घर के पास ही बने चौक में अन्य बच्चों के साथ खेलती थी। रविवार को आखिर बार पिता ने उसे देखा। ये कहते हुए पैंठ चले कि बेटा घर जाना। शाम हो गई है। बच्ची ने जवाब दिया, पापा मैं चली जाऊंगी। पिता के मुताबिक, पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं की। तलाश में पूरा साथ दिया गया। वहीं शव भी स्वजन की मर्जी से उठाया गया। लेकिन, कुछ लोगों ने शव उठने के बाद ही हंगामा शुरू कर दिया। पिता ने कहा कि मैं तो लोगों को ये कहते हुए रोकता रहा कि मुझे सिर्फ न्याय चाहिए।
स्वजन हुए शांत, अन्य लोगों ने मचाया उपद्रव
पुलिस ने स्वजन को समझाकर शांत कर दिया था। माता-पिता को शव दिखाने के बाद उसे एक गाड़ी में पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। इसके बाद दूसरी गाड़ी से पिता को भिजवाने की तैयारी थी, तभी कुछ अन्य लोगों ने महिलाअों को भड़का दिया। कुछ देर बाद महिलाओं इकट्ठा हो गईं। इसी बीच लोगों ने उपद्रव शुरू कर दिया। इसमें एसआइ सुरेश पाल की ओर से धर्मवीर, त्रिलोक चंद, ओमवीर सिंह, मनोज कुमार, महाशय, अजीतपाल सिंह, बंटी, गजेंद्र पुत्र महेंद्र, भूदेव, धीरज, सत्यवीर, सोनू, सत्यभान, संतोष, सुरेश, गगन, प्रेमपाल, टिंकू, भीम व 50-60 अज्ञात लोगों के खिलाफ बलवा, जानलेवा हमला, धमकी, आपराधिक कानून अधिनियम की धारा सात समेत गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें धर्मवीर, त्रिलोक चंद, ओमवीर सिंह व भीम को गिरफ्तार कर लिया है।
इन डाक्टरों ने किया पोस्टमार्टम
चार डाक्टरों के पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसमें डा. अमित सिंह, डा. अभिषेक गुप्ता, डा. गीतांजलि व फोरेंसिक से डा. कासिफ शामिल थे। बच्ची की मौत को लेकर पुलिस अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं बता पा रही है। स्लाइड रिपोर्ट और विशेषज्ञों की राय ही पुलिस की जांच की दिशा तय करेगी।
इनका कहना है
प्रकरण की जांच के लिए चार टीमें लगाई गई हैं। इसमें स्वजन से भी बातचीत की जा रही है। वहीं गांव के कई लोगों से पूछताछ की जा रही है।
शुभम पटेल, एसपी देहात