बिहार के मजदूर की मौत में फरार आरोपित एसटीई को 55 दिन बाद भी न पकड़ सकी पुलिस Aligarh News

रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर तीन से लाइन पार करते हुए प्लेटफार्म दो पर आते समय एक मजदूर की मालगाड़ी के आगे आने से हुई मौत के मामले में आरोपित एसटीई (वरिष्ठ टिकट पर्यवेक्षक) को जीआरपी 55 दिन बाद भी नहीं पकड़ सकी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 08:35 AM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 08:35 AM (IST)
बिहार के मजदूर की मौत में फरार आरोपित एसटीई को 55 दिन बाद भी न पकड़ सकी पुलिस Aligarh News
जीआरपी आरोपित को 55 दिन बाद भी नहीं पकड़ सकी है।

अलीगढ़, जेएनएन। रेलवे जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर तीन से लाइन पार करते हुए प्लेटफार्म दो पर आते समय एक मजदूर की मालगाड़ी के आगे आने से हुई मौत के मामले में आरोपित एसटीई (वरिष्ठ टिकट पर्यवेक्षक) को जीआरपी 55 दिन बाद भी नहीं पकड़ सकी है। हालांकि पुलिस तलाश जारी होने व जल्द गिरफ्तारी करने का दावा कर रही है।

लाइन पार करते में हुआ हादसा

घटनाक्रम 10 जून की रात डेढ़ बजे का है। बिहार के किशनगंज के रानी गांव निवासी 42 वर्षीय हबीबुल रहमान अपने गांव के साथी अफसर आलम, सबी अनवर, शफीक आलम के साथ ब्रह्मपुत्र एक्सप्रेस से रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म तीन पर उतरे थे। इन सभी को खुर्जा में धान बुबाई का काम मिला था। अलीगढ़ आने के बाद लोकल ईएमयू पैसेंजर ट्रेन के आने का इंतजार करते हुए प्लेटफार्म तीन पर ही बैठे थे। तभी रात दो बजे पास एसटीई नीरज कुमार यादव पहुंचा। उसने इनकी टिकट चेक की, जिसमें पाया कि शफीक और हबीबुल रहमान की टिकट कंफर्म थी। सबी अनवर और अफसर आलम के पास वेटिंग टिकट थी। आरोप है कि टिकट चेक करने के बाद एसटीई ने उनको अपने साथ चलने को कहा। वह प्लेटफार्म तीन से लाइन पार करते हुए लाने लगा। इस बीच उसे टोका भी गया कि वह सीढ़ियों से आ रहे हैं। मगर, उनकी एसटीई ने एक न चलने दी। सबसे पहले वह खुद लाइन पार करते हुए प्लेटफार्म दो पर पहुंचा। एसटीई के डर से अफसर और सबी अनवर उसके पीछे चलने लगे। प्लेटफार्म दो पर पहुंच गए। इसके बाद हबीबुल रहमान और शफीक लाइन पार करने लगे। तभी अचानक से दिल्ली की ओर से मालगाड़ी आ गई। हबीबुल रहमान मालगाड़ी को देख सन्न हो गया। ट्रेन स्पीड में थी। उसके परखच्चे उड़ा दिए। इस मामले में हबीबुल रहमान के बेटे सरफराज ने एसटीई पर गैर इरादतन हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था।

सांठगांठ के खेल में गई जान

रेलवे से जुड़े लोगों ने ही बताया कि यह टिकट चेकिंग स्टाफ बेटिकट या वेटिंग टिकट वाले यात्रियों से पैसे लेने का खेल करते हैं। पिछले दिनों महाबोधि एक्सप्रेस में छह लोगों को प्लेटफार्म टिकट पर ही बिहार के लिए रवाना कर दिया था। उसमें भी पैसे के लेनदेन का मामला था। साथ ही नीरज का नाम भी उक्त घटना में जुड़ा था।

मजदूर की मौत के प्रकरण में जांच जारी है। अभी आरोपित एसटीई फरार है, तलाश की जा रही है। विभागीय स्तर से भी उसके खिलाफ निलंबन व जांच की कार्रवाई जारी है।

- सुरेश चंद्र, प्रभारी जीआरपी

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