गुरुजी के दरबार में जमकर लुटे अंक, कोई बना राजा कोई बना रंक Aligarh news

यूपी बोर्ड ने 31 जुलाई को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परिणाम जारी कर दिया। गुरुजी के दरबार में जमकर अंक लुटाए गए। अंक ऐसे लुटाए गए कि किसी को राजा बना दिया तो किसी को रंक बना दिया। इससे विद्यार्थियों में भी खासा आक्रोश है।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:00 AM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:00 AM (IST)
गुरुजी के दरबार में जमकर लुटे अंक, कोई बना राजा कोई बना रंक Aligarh news
यूपी बोर्ड ने 31 जुलाई को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परिणाम जारी कर दिया।

अलीगढ़, जेएनएन।  यूपी बोर्ड ने 31 जुलाई को हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का परिणाम जारी कर दिया। गुरुजी के दरबार में जमकर अंक लुटाए गए। अंक ऐसे लुटाए गए कि किसी को राजा बना दिया तो किसी को रंक बना दिया। इससे विद्यार्थियों में भी खासा आक्रोश है। आक्रोश भी वे ही दिखा रहे हैं जो मेधावी हैं और या फिर जिनका परिणाम अटक गया है। इस समस्या को विद्यार्थी व प्रधानाचार्य दोनों झेल रहे हैं लेकिन गुरुजनों ने ताबड़तोड़ अंकों की बारिश जो की तो उसके कीचड़ में विद्यार्थियों को तो फंसना ही था। ऐसी स्थिति जिले के कुछ विद्यालयों के सामने आई है। धीरे-धीरे दिन बीतने के बाद जब परिणाम सभी कालेजों में स्पष्ट रूप से खुलेगा तो ऐसी समस्याओं की संख्या में इजाफा भी हो सकता है।

कोई भी जिला स्‍तर पर परिणाम नहीं देख सका

यूपी बोर्ड ने जब हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परिणाम जारी किए तो पहली बार ही ऐसा हुआ है कि विद्यार्थी हो या शिक्षक फिर चाहें अधिकारी ही क्यों न हों? कोई भी जिलास्तर पर परिणाम नहीं देख पाया। विद्यालयों के कोड डालकर कुछ प्रधानाचार्यों ने संस्थान का परीक्षा परिणाम देखना चाहा तो आधा-अधूरा परिणाम देखने को मिला। वहीं इन प्रधानाचार्यों के होश तब चकरा गए जब कुछ विद्यार्थियों के परिणाम अटके दिखाई दे रहे थे। यानी न विद्यार्थी की गिनती पास मेें थी और न ही उसकी गिनती फेल में थी। जबकि सभी विद्यार्थियों को प्रमोट किया गया है। बाबूलाल जैन इंटर कालेज के प्रधानाचार्य अंबुज जैन ने भी बताया कि उनके संस्थान में भी कुछ विद्यार्थियों के परिणाम अटके दिखा रहा है।

गुरुजनों की अंकों की बरसात से आई समस्‍या

शिक्षा विशेषज्ञों से इस संबंध में जानकारी की तो पता चला कि ये समस्या गुरुजनों की अंकों की बरसात की वजह से सामने आ रही है। दरअसल, जब यूपी बोर्ड ने विद्यार्थियों के आंतरिक मूल्यांकन, छमाही परीक्षा, प्री-बोर्ड परीक्षा, नौवीं के अंक या 11वीं के अंक मांगे तो शिक्षकों ने ताबड़तोड़ नंबर देने शुरू कर दिए। इसमेें ये भी नहीं देेखा कि किसी विद्यार्थी ने विद्यालय से अपना नाम वापस लेकर किसी अन्य कालेज से पंजीकरण तो नहीं करा लिया। कोरोना काल के चलते विद्यार्थी भी अपना पंजीकरण कैंसिल कराने अपने पहले विद्यालय में नहीं गए। दूसरी जगह से भी वे पंजीकृत हो गए। जब नंबर देने की बारी आई तो दोनों ही संस्थानों से नंबर दे दिए गए। बोर्ड की साइट पर ऐसे विद्यार्थियों के अंक डबल-डबल शो हो रहे हैं। इसलिए उनके परिणाम अटके नजर आ रहे हैं। इसका समाधान तभी होगा जब बोर्ड की ओर से पहले वाले विद्यालय से पंजीकरण कैंसिल कर डिलीट किया जाए और नए वाले विद्यालय मेें नाम जोड़ा जाए, तभी एक परिणाम को हटाकर विद्यार्थी का परिणाम जारी हो सकेगा।

इनका कहना है

डीआइओएस डा. धर्मेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि जिन विद्यालयों व उनके विद्यार्थियों को परिणाम से संबंधित कोई समस्या सामने आ रही है तो वो डीआइओएस कार्यालय मेें अवगत कराएं या सीधे क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ मेें भी अपनी समस्या फोन के जरिए या वहां जाकर दर्ज करा सकते हैं। किसी के साथ कोई अन्याय नहीं होने दिया जाएगा।

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