अलीगढ़ में उखड़ी सड़कों पर धुंधला रही स्मार्ट सिटी की तस्वीर, जानिए कैसे

स्मार्ट सिटी एक ऐसा शहर जहां सपाट सड़कें सुगम यातायात उचित सुरक्षा और जलापूर्ति के बेहतर इंतजाम हों। ऐसी ही तस्वीर स्मार्ट सिटी के कर्ता-धर्ताओं ने शहरवासियों को दिखाई थी। दावा विकास की नई परिभाषा लिखने का था।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 05 Aug 2021 07:57 AM (IST) Updated:Thu, 05 Aug 2021 07:57 AM (IST)
अलीगढ़ में उखड़ी सड़कों पर धुंधला रही स्मार्ट सिटी की तस्वीर, जानिए कैसे
सड़कों के गड्ढे भरने की जो औपचारिकता निभाई गई थी

अलीगढ़, जेएनएन। ''स्मार्ट सिटी'' एक ऐसा शहर, जहां सपाट सड़कें, सुगम यातायात, उचित सुरक्षा और जलापूर्ति के बेहतर इंतजाम हों। ऐसी ही तस्वीर स्मार्ट सिटी के कर्ता-धर्ताओं ने शहरवासियों को दिखाई थी। दावा विकास की नई परिभाषा लिखने का था। तीन साल हो चुके हैं, विकास की परिभाषा लिखना तो दूर, बुनियादी सहुलियतों के कागज भी अभी कोरे ही पड़े हैं। उखड़ी सड़कें स्मार्ट सिटी को आइना दिखा रही हैं। इससे अफसोसजनक और क्या होगा कि स्मार्ट सिटी के चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर (सीईओ) यानि नगर आयुक्त गौरांग राठी जिस दफ्तर में बैठते हैं, उसी दफ्तर के बाहर की सड़क बदहाल है। आए दिन यहां वाहन फिसलते हैं। यही हाल पुलिस कंट्रोल रूम के सामने है। सड़कों के गड्ढे भरने की जो औपचारिकता निभाई गई थी, उसकी कलई बारिश में खुल गई। ये गड्ढे अब मुसीबत बन चुके हैं। नगर निगम से सहयोग मिलने का दम भर रहे जनप्रतिनिधि भी खामोश हैं।

अलीगढ़ को स्मार्ट सिटी बनाने की पठकथा 2017 में लिखी गई थी। कहां क्या होना है, सब तय कर लिया गया। लेकिन, काम शुरू न हो सका। 2019 के अंत में सेंटर प्वाइंट के सुंदरीकरण की योजना बनी और कुछ समय बाद ही सड़कें चौड़ी करने के लिए तोड़फोड़ शुरू कर दी। तभी से यहां सुंदरीकरण का काम चल रहा है, जो अभी पूरा न हो सका। शहर के बाकी हिस्सों को भी संवारना था, विशेषकर सड़कों को। लेकिन, ये काम अब तक न हो सका। सड़कें बदहाल पड़ी हैं। बारिश से पहले सड़कों पर जिन गड्ढों को भरवाया गया था, वे बारिश में फिर उखड़ गए। रामघाट रोड पर सीवर के मैनहाल को दुरुस्त करने की मांग अक्सर होती है, लेकिन निगम अधिकारियों ने ये काम भी ठीक से न किया। गड्ढे में परिवर्तित हो चुके मैनहाल वाहन चालकों के लिए मुसीबत बन चुके हैं। जीटी रोड, सारसौल, आइटीआइ रोड, नौरंगाबाद, आगरा रोड, क्वार्सी आदि क्षेत्रों में सड़कों की हालत दयनीय है। ऐसा नहीं कि इन मार्गों से निगम और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी न गुजरते हों, अक्सर निकलते हैं, लेकिन शीशे बंद गाड़ियों से उन्होंने कभी झांककर नहीं देखा। देखा होता तो राहगीरों की मुश्किलों का एहसास भी हुआ होता।

बजरी पर फिसल जाते हैं वाहन

शहर के विकास की योजनाएं सेवाभवन में ही बनती हैं। यहीं नगर आयुक्त और स्मार्ट सिटी के सीईओ गौरांग राठी का दफ्तर है। हैरानी होती है कि इसी सेवाभवन के बाहर सड़क बदहाल है। पूरी सड़क पर बजरी उखड़ी पड़ी है। पुलिस कंट्रोल रूम के सामने चौराहे के चारों ओर भी यही हाल है। आए दिन यहां वाहन फिसलते हैं। लेकिन, निगम अधिकारियों ने इसका संज्ञान नहीं लिया।

हाईवे पर मुसीबत बने गड्ढे

अलीगढ़-आगरा हाईवे पर फ्लाईओवर का लिंक रोड अधूरे विकास की व्यथा सुना रहा है। गहरे गड्ढे, उखड़ी बजरी से होकर निकलना वाहन चालकों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। शेखर सराफ मैमोरियल हास्पिटल के सामने सालभर जलभराव रहता है। इस ओर न एनएचएआइ ने सोचा, न नगर निगम की ओर से कोई कार्रवाई हो सकी। माहेश्वरी क्रिएटिव क्लब के संरक्षक संजय माहेश्वरी ने इस समस्या को लेकर आरजीआरएस पोर्टल पर शिकायत की है।

शहर में जो सड़कें उखड़ी हुई हैं, गड्ढे हो रहे हैं, वहां सर्वे कराकर सड़कों को दुरस्त कराया जाएगा। शहरवासियों की बेहतर व्यवस्था मिले, इसका नगर निगम विशेष ध्यान रख रहा है।

अरुण कुमार गुप्त, अपर नगर आयुक्त

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