लोगों ने उठाई आवाज, गुजरात व बिहार की तरह यूपी में भी हो शराब बंदी Aligarh news
इगलास तहसील मुख्यालय पर पांच दिनों से प्रदेश में शराब बंदी को लेकर धरना प्रदर्शन चल रहा है। यहां कजरौठ निवासी विश्वविजय सिंह उर्फ केके भूख हड़ताल पर बैठे हैं। पांचवें दिन भी उनका चिकित्सकीय परीक्षण प्रशासन द्वारा नहीं कराया गया है।
अलीगढ़, जेएनएन । इगलास तहसील मुख्यालय पर पांच दिनों से प्रदेश में शराब बंदी को लेकर धरना प्रदर्शन चल रहा है। यहां कजरौठ निवासी विश्वविजय सिंह उर्फ केके भूख हड़ताल पर बैठे हैं। पांचवें दिन भी उनका चिकित्सकीय परीक्षण प्रशासन द्वारा नहीं कराया गया है। केके ने बताया कि वह कमजोरी महसूस कर रहे हैं सीने में दर्द भी हुआ था। लेकिन उनकी मांग शराब बंदी को लेकर कोई निष्कर्ष न निकलने तक जारी रहेगी। अलीगढ़ में सौ से अधिक मौते शराब पीने से होने के बाद भी सरकार ने शराब बंदी नहीं की है।
नशे के लिए आदमी अपराध कर बैठता है
धरने पर पहुंचे समाज सेवी हरिमोहन अग्रवाल ने कहा कि शराब का सेवन करने वालों को सड़क हादसों, लड़ाई झगड़ों जैसी परेशानियों के साथ कैंसर, ब्लड प्रेशर सहित कई घातक बीमारियों का सामना करना पड़ता है। शराब पीने वाला व्यक्ति मानसिक रोगी भी हो जाता है और अपराध तक कर बैठता है। प्रदेश में शराब बंदी होने से युवाओं को भविष्य सुधरेगा। वहीं नितिन अग्रवाल व जतन चौधरी ने बताया कि सोमवार को दोपहर 12 बजे से कस्बा के बस स्टैंड से नशाखोरी के संबंध में लोगों को जागरुक करने के लिए जन चेतना यात्रा निकाली जाएगी। उन्होंने लोगों से यात्रा में भाग लेने की अपील की है।