बाल रोग विशेषज्ञ का परामर्श: चिप्स व जंक फूड से बच्चों को बचाएं Aligarh news

ठंड बढ़ेगी तो डायरिया व निमोनिया भी सताएगा मगर थोड़ी सी सावधानी बरतकर सभी बीमारियों से बचा जा सकता है।

By Sandeep SaxenaEdited By: Publish:Thu, 14 Nov 2019 04:04 PM (IST) Updated:Fri, 15 Nov 2019 07:44 AM (IST)
बाल रोग विशेषज्ञ का परामर्श: चिप्स व जंक फूड से बच्चों को बचाएं Aligarh news
बाल रोग विशेषज्ञ का परामर्श: चिप्स व जंक फूड से बच्चों को बचाएं Aligarh news

अलीगढ़ (जेएनएन)। सर्दियों के दस्तक देते ही बच्चों पर बीमारियों का साया मंडराने लगा है। तमाम बच्चे बुखार, नाक व आंख से पानी, सांस की तकलीफ, खाज-खुजली आदि की चपेट में हैं। ठंड बढ़ेगी तो डायरिया व निमोनिया भी सताएगा, मगर थोड़ी सी सावधानी बरतकर सभी बीमारियों से बचा जा सकता है। यह जानकारी 'हेलो डॉक्टर' कार्यक्रम में आए आवास विकास कॉलोनी, मसूदाबाद स्थित नीरू मेटरनिटी होम के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. डीके अग्र्रवाल ने पाठकों के सवालों का जवाब में दी।

मेरे आठ माह के बेटे को जल्दी-जल्दी सर्दी होती है। नाक से पानी बहता रहता है। - रेखा शर्मा, विकास नगर एटा चुंगी

-यह एलर्जिक रेनाइटिस के लक्षण हैं। एसी-कूलर अब बंद कर दें। ठंडा पानी न पिलाएं। सुबह जल्दी न नहलाएं। कुत्ता-बिल्ली व पौधों से भी एलर्जी हो सकती है।

सात साल के बच्चे को बार-बार सर्दी व खांसी हो जाती है। -उमेश, नरौना

- बच्चे को सर्दी, धूल, धुआं व धुंध से बचाएं। इससे फेफड़े में समस्या हो सकती है। बाल रोग विशेषज्ञ से संपर्क करें।

तीन वर्षीय नाती की पीठ पर गोल चकते हो गए हैं। खुजली भी होती है। - गोपाल, मोरथल

- ये खाज के लक्षण हैं। बाजार में ऐसा शैंपू उपलब्ध है, जिसे पूरे शरीर पर लगाएं और 15 मिनट बाद नहलाएं। लोशन भी उपलब्ध है।  चिकित्सक से संपर्क करें।

मेरा सात वर्षीय बेटा बार-बार बीमार हो जाता है। - सुशीला, स्वर्ण जयंती नगर

-चिंता मत कीजिए। बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। उसे जंक फूड खिलाना बंद करें। स्कूल के टिफिन में उबले चने व रमास रख सकते हैं।

सर्दी में बेटे का कान बहना शुरू हो जाता है। गला भी जकड़ जाता है। - रजनीश शर्मा, प्रतिभा कॉलोनी

-बच्चों में गला खराब होने के कारण ही कई बार कान बहने की समस्या होती है। ईएनटी या बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं।

ये भी बरतें सावधानी

- पूरी आस्तीन के कपड़े पहनाएं।

- रात को क्वाइल की बजाय मच्छरदानी इस्तेमाल करें।

- स्कूल से आने के बाद बच्चों के हाथ-मुंह जरूर धुलवाएं।

- शिशु को सुबह जल्दी न नहलाएं

- कमरे को गर्म करके गुनगुने पानी में ही नहलाएं।

- रात को सोते समय डायपर निकाल दें, अन्यथा रैशेज होने का खतरा है।

- सुबह नौ व 11 बजे के मध्य बच्चे को धूप में ले जाएं, ठंड न हो तो गोला व अन्य तेल की मालिश करें।

इन्होंने भी लिया परामर्श

स्वर्ण जयंती नगर से श्याम बाबू शर्मा, रायट से राधेश्याम दीवान, गौतम चौराहा से रतिराम शर्मा, रनमोचना से श्रीपाल सिंह यादव, सारसौल से सूरज, बसंत विहार से राजकुमार, सुरेंद्र नगर से रिचा अग्र्रवाल आदि।

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