मंगलायतन यूनिवर्सिटी एवं पावना ग्रुप आफ इंडस्‍ट्री के संस्‍थापक पवन जैन नहीं रहे

Pawan Jain chairman of Pawana Group passes away पावना ग्रुप के इंडस्‍ट्री संस्‍थापक पवन जैन नहीं रहे। उन्‍होंने हरिनगर स्‍थित अपने निज आवास पर अंतिम श्‍वास ली। जानकारी मिलने पर शहर के तमाम रिश्‍तेदार परिचित व शुभचिंतिक उनके घर पहुंच गए और शोक व्‍यक्‍त किया।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Thu, 02 Dec 2021 03:16 PM (IST) Updated:Thu, 02 Dec 2021 04:29 PM (IST)
मंगलायतन यूनिवर्सिटी एवं पावना ग्रुप आफ इंडस्‍ट्री के संस्‍थापक पवन जैन नहीं रहे
तीर्थधाम मंगलायतन एवं मंगलायतन यूनिवर्सिटी के संस्‍थापक पवन जैन नहीं रहे।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। पावना ग्रुप आफ इंडस्‍ट्रीज के संस्‍थापक पवन जैन नहीं रहे। गुरुवार को उन्‍होंने आगरा रोड स्थित निज आवास हरिनगर पर अंतिम श्‍वास ली। वह काफी दिनों से अस्‍वस्‍थ्‍य चल रहे थे। जानकारी मिलने पर शहर के तमाम रिश्‍तेदार, परिचित व शुभचिंतिक उनके घर पहुंच गए और शोक व्‍यक्‍त किया। जैन तीर्थधाम मंगलायतन एवं मंगलायतन यूनिवर्सिटी के संस्‍थापक पवन जैन मूल रूप से बुलंदशहर के रहने वाले थे। लेकिन 1961 के बाद वे अलीगढ़ आ गए थे। उन्‍होंने हार्डवेयर से व्‍यवसाय की शुरूआत की थी। लगन और मेहनत के बलबूते पर उन्‍होंने इंडस्‍ट्रीज क्षेत्र में नई पहचान बनाई और अलीगढ़ का नाम रोशन किया। पावना ग्रुप आफ इंडस्‍ट्रीज स्‍थापना की। निधन की खबर पर शहर के व्यापारी जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। शव को अंतिम दर्शन के लिए डीपीएस के सिटी कार्यालय पर रखा गया है।

 उच्च शिक्षा उपलब्ध कराने को 2007 में स्थापित की थी मंगलायतन यूनिवर्सिटी

अलीगढ़ : कोरोना महामारी ने भले ही 2019-20 में शिक्षा को आधुनिकता की पटरी पर लाया हो लेकिन शिक्षा में आधुनिकता का फलसफां पावना ग्रुप व पावना ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के संस्थापक पवन जैन 1996 में ही लिख चुके थे। मैरिस रोड पर उन्होंने जिले का पहला नेशनल इंस्टीट्यूट आफ इंफार्मेशन टेक्नोलाजी (एनआइआइटी) का कंप्यूटर सेंटर विद्यार्थियों के लिए खोला था। इतना ही नहीं उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए 2007 में मंगलायतन यूनिवर्सिटी की स्थापना कराई थी।इनके पिता कैलाश चंद्र जैन आध्यत्मिक गुरु व मां विमला गृहणी थीं। बुलंदशहर में 11 दिसंबर 1951 को पवन जैन का जन्म हुआ। 1968-69 के करीब वे अलीगढ़ आए और 1970 के आस-पास खिरनी गेट स्थित अल्का ग्रुप परिवार में केशवदेव की बेटी आशा जैन से विवाह किया। 1970 में ही समाचार पत्र में भी काम कर रहे थे। 1971 में पत्नी के नाम पर आशा इंजीनियरिंग वक्र्स के नाम से फ्यूल काक असेंबलिंग का काम शुरू किया। बजाज कंपनी की अोर से 100 पीस का आर्डर मिला। अागरा रोड पर ही कृष्णापुरी में किराए के मकान में रहते हुए 1973 में अाटोलाक के नाम से ताला फैक्ट्री शुरू की। 1975 में पला रोड पर फैक्ट्री के लिए जमीन ली। 1981 में गोपालपुरी में जगह लेकर मां के नाम पर विमलांचल आवास बनाया। फिर वहीं ताले की फैक्ट्री संचालित की। पवन जैन के जीवन के बारे में 90 के दशक में पावना ग्रुप आफ इंडस्ट्रीज से अभी तक बतौर फाइनेंस आफिसर जुड़े सीए अतुल गुप्ता ने दी। वे एसवी कालेज प्रबंध समिति में सचिव भी हैं।शिक्षा व आध्यात्म के क्षेत्र में काम1998 में पवन जैन ने दिल्ली पब्लिक स्कूल की फ्रेंचाइजी लेकर डीपीएस अलीगढ़ खोला। 2000 में तीर्थधाम मंगलायतन की स्थापना भी कराई। 2003 में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शिरकत की।

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