अलीगढ़ में मरीजों ने दिनभर झेला संकट, रात में एंबुलेंसकर्मियों का चक्का जाम खत्म
गर्भवतियों को बाइक टेंपो टिर्री व अन्य वाहनों से अस्पताल लाया गया पुलिस व प्रशासनिक अफसरों ने धरना-स्थल पर पहुंचकर की बात।
जासं, अलीगढ़ : एंबुलेंस चालकों का मंगलवार को भी चक्का जाम रहा। जरूरतमंदों को न तो 102 या 108 एंबुलेंस मिली और न एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस। मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए तीमारदार परेशान रहे। गर्भवती महिलाओं व गंभीर मरीजों को बाइक, टिर्री, टेंपो व अन्य साधनों से अस्पताल पहुंचाना पड़ा। पुलिस और प्रशासन के अधिकारी एंबुलेंस स्टाफ को समझाने रामघाट रोड संत फिदेलिस स्कूल के पास चल रहे धरनास्थल पर पहुंचे, मगर बात नहीं बनी। रात में फिर से अधिकारी धरनास्थल पर पहुंचे। आंदोलनकारियों को समझाकर व आश्वासन देकर चक्काजाम खत्म कराया। सभी कर्मचारियों को घर भेजकर मैदान से एंबुलेंसों को हटवा दिया गया।
मरीजों की परेशानी को देखते हुए मंगलवार को पुलिस-प्रशासन सक्रिय हो गया। पहले क्षेत्रीय पुलिस को भेजकर एंबुलेंस कर्मियों को समझाया गया। नहीं माने तो एसीएम द्वितीय अंजुम बी खुद पुलिस के साथ धरना स्थल पर पहुंचीं। उन्होंने कर्मचारियों को समझाया कि एंबुलेंस संचालन बंद होने से मरीजों को परेशानी हो रही है, तुरंत संचालन शुरू किया जाए। एंबुलेंस कर्मियों ने कहा कि पूरे प्रदेश में ही हड़ताल और शासन स्तर पर लगातार वार्ता हो रही है। बिना कोई नतीजा निकले हड़ताल खत्म नहीं की जा सकती। पहले एसीएम चलीं गई। दोबारा आकर कर्मचारियों से बात की। कर्मचारियों का आरोप है कि हड़ताल खत्म कराने के लिए अफसरों ने मुकदमा दर्ज कराने की धमकी दी। जबकि एंबुलेंसकर्मी लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे हैं। 12 एंबुलेंस भी क्षेत्र में उतार दी गई हैं, ताकि मरीजों को परेशानी न हो। मंडल प्रभारी प्रदीप चौहान, जिलाध्यक्ष अजीत कौर ने बताया कि जिन एंबुलेंस कर्मियों को अफसरों ने कोरोना योद्धा के रूप में प्रमाण-पत्र दिए थे, उन्हें जेल भेजने की धमकी दी जा रही है।
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भोजन लेकर पहुंचे बसपाई
मंगलवार को बसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष तिलकराज यादव समर्थकों के साथ धरनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने प्रदर्शनकारियों के लिए पानी के टैंकर, सचल शौचालय व खाने का प्रबंधन किया। समर्थकों के साथ खुद भी धरना दिया। तिलकराज ने कहा कि एंबुलेंस कर्मचारी धरने पर बैठे हैं, इनकी कोई सुनने के लिए तैयार नहीं है। बसपा सरकार आने पर सभी को नियमित किया जाएगा। गर्भवती महिलाओं को बाइक
व कार से पहुंचाया अस्पताल
संसू, अकराबाद : गांव मिर्जा नगला गोपी निवासी विशाल पुंढीर ने पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर मंगलवार दोपहर 108 एंबुलेंस को फोन लगाया, मगर कोई फायदा नहीं हुआ। करीब डेढ़ घंटा बीत गया। पत्नी की पीड़ा बढ़ती जा रही थी। फिर निजी कार की व्यवस्था कर आशाकर्मी के साथ पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया। कुआंगांव निवासी रोहित कुमार की पत्नी मेघा को प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई। किसी तरह गर्भवती को बाइक से अस्पताल लेकर आए। अस्पताल में आपरेशन से बच्ची पैदा हुई।