हड़ताल से रोगी हुए परेशान, मुसीबत में आई जान

जेएन मेडिकल कालेज में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से रोगियों और तीमारदारों की मुसीबत बढ गई है।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 11:18 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 11:18 PM (IST)
हड़ताल से रोगी हुए परेशान,
मुसीबत में आई जान
हड़ताल से रोगी हुए परेशान, मुसीबत में आई जान

जागरण संवाददाता, अलीगढ़: जेएन मेडिकल कालेज में जूनियर डाक्टरों की हड़ताल से रोगियों और उनके तीमारदारों पर आफत आ गई है। उन्हें एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। गंभीर रोगियों की जिदगी बचाने के लिए कुछ तीमारदार निजी अस्पताल या फिर हायर सेंटर पहुंच रहे हैं, जिसमें समय और धन की बर्बादी हो रही है। गरीब तबके के ऐसे मरीज, जिन्हें तुरंत आइसीयू व वेंटीलेटर पर लेने की जरूरत है, उनकी स्थिति तो काफी खराब हो गई है। यह हड़ताल उनके लिए किसी कहर से कम नहीं, क्योंकि उनके लिए तो सरकारी अस्पताल ही पहली और आखिरी उम्मीद होते हैं।

दीनदयाल अस्पताल से लौटाए जा रहे मरीज

कोरोना संक्रमण काल में 54 बेड का आइसीयू चलाने वाले दीनदयाल अस्पताल में इन दिनों मात्र 12 बेड का आइसीयू ही संचालित है। सघन चिकित्सा विशेषज्ञों की कमी के चलते अन्य आइसीयू वार्ड व वेंटीलेटर काफी समय से बंद हैं। हड़ताल के बाद अचानक मरीज बढ़ गए हैं। मंगलवार को मेडिकल में इमरजेंसी सेवा ठप होते ही यहां का आइसीयू फुल हो गया। बुधवार को काफी रोगियों को गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया, मगर आइसीयू में जगह न होने की बात सुनकर स्वजन लौट गए। ऐसे एक दर्जन से अधिक रोगियों को निजी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। हालांकि, दीनदयाल अस्पताल के सामान्य वार्ड में 35 रोगियों को भर्ती कर उपचार दिया गया। इनमें चार-पांच मरीज ऐसे हैं, जिन्हें वेंटीलेटर की जरूरत पड़ेगी। देररात पुराने रोगियों को सामान्य वार्ड में लेकर उनके स्थान पर नए रोगी आइसीयू में लिए जाएंगे। ओपीडी में करीब दो हजार रोगी उपचार के लिए आए। इसमें 976 नए रोगी पहुंचे। उधर, जिला अस्पताल की ओपीडी में रोगियों की संख्या बढ़ गई है।

आज से सरकारी फार्मासिस्टों का दो घंटे कार्य बहिष्कार: वेतन विसंगति समेत 20 सूत्रीय मांगों को लेकर चार दिसंबर से शुरू हुआ सरकारी फार्मासिस्टों का चरणबद्ध आंदोलन जारी है। दूसरे चरण के अंतर्गत बुधवार को फार्मासिस्टों ने ड्यूटी पर काली पट्टी बांधकर कार्य किया। वहीं, तीसरे चरण में नौ से 16 दिसंबर तक दो घंटे के कार्य बहिष्कार का ऐलान किया।

जिला अस्पताल में बुधवार को फार्मासिस्टों की बैठक हुई। डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिला मंत्री मुकेश गुप्ता ने बताया कि चार दिसंबर से शांति पूर्वक आंदोलन चल रहा है, लेकिन सरकार ने कोई सुध नहीं ली है। लिहाजा, हमें आंदोलन के नए चरणों में जाना पड़ रहा है। दो घंटे के कार्य बहिष्कार के दौरान केवल इमरजेंसी व पोस्टमार्टम सेवाएं ही सुचारू रहेंगी। यदि मांगें पूरी नहीं हुई तो 17 से 19 दिसंबर तक पूर्ण कार्य बहिष्कार करेंगे। इसमें इमरजेंसी सेवा ही सुचारू रहेंगी। फिर भी सरकार हमारी मांगों को नहीं मानती है तो 20 दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी, जिसमें इमरजेंसी व पोस्टमार्टम सेवाएं भी बाधित रहेंगी।

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