कोरोना काल मेें पंचायत चुनाव फिर यूपी बोर्ड परीक्षाएं, नहीं देंगे सेवाएं, जानिए मामला Aligarh news

कोरोना काल में स्कूल-कालेज बंद होने से शिक्षकों को उनके मूल काम यानी शिक्षा से अलग हर काम कराया जा रहा है। आनलाइन शिक्षण में लगने वाले शिक्षक अभी फिलहाल पंचायत चुनाव में ड्यूटी देने के लिए व्यस्त हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Tue, 20 Apr 2021 04:14 PM (IST) Updated:Tue, 20 Apr 2021 04:14 PM (IST)
कोरोना काल मेें पंचायत चुनाव फिर यूपी बोर्ड परीक्षाएं, नहीं देंगे सेवाएं, जानिए मामला Aligarh news
सभी शिक्षकों ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने की मांग उठाई है।

अलीगढ़, जेएनएन । कोरोना काल में स्कूल-कालेज बंद होने से शिक्षकों को उनके मूल काम यानी शिक्षा से अलग हर काम कराया जा रहा है। आनलाइन शिक्षण में लगने वाले शिक्षक अभी फिलहाल पंचायत चुनाव में ड्यूटी देने के लिए व्यस्त हैं। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों को आनलाइन शिक्षण कार्य से भी दो-चार नहीं होना है। क्याेंकि उनको स्कूलों में बुलाया जा रहा है। साथ ही चुनाव ड्यूटी का प्रशिक्षण भी पूरा करना है। इन सब प्रक्रियाओं के निपटने के बाद यूपी बोर्ड परीक्षाएं भी 20 मई के बाद होनी हैं। इसमें भी बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों की ड्यूटी बड़ी संख्या में लगती है। लगभग दो हजार शिक्षक-शिक्षिकाएं बोर्ड परीक्षा में ड्यूटी करते हैं।

पिछली बोर्ड परीक्षा में करीब 3 हजार शिक्षकों की ड्यूटी लगी थी

पिछली बोर्ड परीक्षा में भी बेसिक शिक्षा परिषद के करीब 2500 से 3000 शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई थी। मगर इस बार शिक्षकों ने आवाज उठाई है कि कोरोना काल के चलते इस बार दो-दो बड़ी प्रक्रियाओं में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई जा रही है। मगर शिक्षकों को कोरोना संक्रमण से बचाने के कोई खास उपाय नहीं किए जा रहे। ऐसे में शिक्षकों की मांग है कि परीक्षा कार्य में ड्यूटी लगने वाले हर शिक्षक व कर्मचारी को पहले कोविड-19 वैक्सीन लगवाई जाए, तब वे परीक्षा में ड्यूटी करेंगे। उत्तरप्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डा. प्रशांत शर्मा ने कहा कि शिक्षा व प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है।

टीकाकरण नहीं होने पर परीक्षा में काम नहीं करेंगे शिक्षक

अगर शिक्षकों को परीक्षा ड्यूटी से पहले टीकाकरण नहीं कराया गया तो किसी भी शिक्षक को परीक्षा कार्य में काम नहीं करने दिया जाएगा। संगठन इसका पुरजोर विरोध करता है। अभी भी तमाम जिले ऐसे हैं जहां चुनाव ड्यूटी में लगे शिक्षकों को कोरोना संक्रमण के चलते अपनी जान से हाथ धोना पड़ रहा है। यह स्थिति काफी खेदजनक है। कहा कि शिक्षकों को भी फ्रंट लाइन वर्कर का दर्जा देते हुए उनका टीकाकरण हरहाल में कराया जाए। तभी शिक्षक परीक्षा कार्य में ड्यूटी देने को तैयार होंगे। अन्यथा की स्थिति में प्रदेशभर का शिक्षक शासन के विरोध में धरना-प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। सभी शिक्षकों ने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन लगवाने की मांग उठाई है। अगर इनको वैक्सीन नहीं लगाई गई तो ये परीक्षा कार्य में हाथ नहीं बटाएंगे। इसका समर्थन भी शिक्षक संघ पदाधिकारियों ने कर भी दिया है।

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