Panchayat Chunav 2021 : दिग्गजों ने ठोकी ताल, कर्मठ कार्यकर्ता दरकिनार
जिला पंचायत के चुनाव में दिग्गज नेताओं का ही बोलबाला है। पार्टी के दिग्गज नेता अपनी-अपनी गोट बिठाने में लगे हुए हैं। ऐसे में पार्टी के कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ता हतोत्साहित हो रहे हैं उनका आरोप है कि उन्हें आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल रहा है।
अलीगढ़, जेएनएन। भले ही भाजपा कर्मठ और संघर्षशील कार्यकर्ताओं को आगे बढ़ाने का दावा करे, मगर जिला पंचायत के चुनाव में दिग्गज नेताओं का ही बोलबाला है। पार्टी के दिग्गज नेता अपनी-अपनी गोट बिठाने में लगे हुए हैं। ऐसे में पार्टी के कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ता हतोत्साहित हो रहे हैं, उनका आरोप है कि उन्हें आगे बढ़ने का मौका नहीं मिल रहा है। फिर, कार्यकर्ताओं का निर्माण कैसे होगा और वह आगे कैसे बढ़ सकेंगे?
महिला सीट होने से नेता चिंतित
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जोरों पर है। जिला पंचायत अध्यक्ष महिला सीट होने से चुनाव कठिन हो गया है। हालांकि, गांव-गांव प्रचार शुरू हो गया है। ग्राम प्रधान से लेकर जिला पंचायत सदस्य के दावेदार प्रचार कर रहे हैं। अलीगढ़ में 29 अप्रैल को चुनाव है। भाजपा ने अभी तक जिला पंचायत सदस्य के प्रत्याशियों की सूची जारी नहीं की है। हालांकि दावेदार प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं। इसी बीच भाजपा के कुछ नेताओं ने कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ताओं को दरकिनार करने का आरोप लगाया है। सूत्र बताते हैं कि कार्यकर्ता जिला पंचायत अध्यक्ष पद की कुर्सी को लेकर खासे नाराज हैं। जिले में कुछ दिग्गज नेता सियासी मैदान में फिर उतर आएं हैं। उन्होंने अपनी बिसात बिछानी शुरू कर दी है। अध्यक्ष की कुर्सी के लिए वह व्यापक रणनीति तैयार कर रहे हैं। वरिष्ठ और कर्मठ कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह चुनाव संगठन के माध्यम से होना चाहिए। संगठन के हाथ में पूरी कमान होनी चाहिए। इससे संगठन को मजबूती मिलेगी। पर, ऐसा हो नहीं रहा है, दिग्गज नेताओं के चलते कर्मठ और जुझारू कार्यकर्ता हताश है। उसका कहना है कि यदि चुनावों में इसी तरह से दिग्गज नेता अपनी रणनीति बनाएंगे और ईमानदार कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जाएगा तो कार्यकर्ता उत्साह के साथ चुनाव में नहीं लग पाएंगे। वह धीरे-धीरे घर बैठने लगेंगे। इसलिए संगठन को तुरंत निर्णय लेना चाहिए और पारदर्शिता के साथ टिकट का वितरण कराना चाहिए। जिले में तेजी से चर्चा होने लगी है कि जिला पंचायत सदस्य के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेता अपनी पत्नी, बेटी और परिवार की अन्य सदस्यों को चुनाव में उतारने की तैयारी कर रहे हैं। उधर, वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि महिला सीट भले ही है, मगर महिला मोर्चा की पदाधिकारियों को मौका देना चाहिए। दिग्गज नेताओं के परिवार को यदि मौका दिया जा रहा है तो फिर वो आगे कैसे बढ़ेंगी। कार्यकर्ता निर्माण कैसे होगा? इन बातों पर संगठन को गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है।
नवरात्र में टिकट होंगे घोषित
भाजपा में अब नवरात्र में ही टिकट घोषित होने की संभावना है। क्योंकि दो दिनों तक कोई बैठक नहीं है। इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि 13 अप्रैल को टिकट की घोषणा होगी। उधर, ज्यों-ज्यों चुनाव नजदीक आ रहा है दावेदारों की धुकधुकी बढ़ती जा रही है। दावेदार का कहना है कि एनवक्त पर टिकट घोषित होने से वह तैयारी नहीं कर पाएंगे। नामांकन पत्र दाखिल करने में ही कई खामियां रह जाती हैं, उससे उनके चुनाव लड़ने पर संकट मंडरा सकता है। प्रत्याशी को प्रचार-प्रसार का भी समय नहीं मिल पाएगा। क्योंकि जिस तरह की स्थिति बन रही है उससे साफ पता चलता है कि प्रचार के लिए एक हफ्ते का भी समय नहीं मिलेगा। इसलिए पार्टी को एक-दो दिन के भीतर ही टिकट घोषित कर देना चाहिए।