पंचायत भवन पुराने जमाने की बात, अब मिनी सचिवालय कहिए जनाब Aligarh news
ग्राम पंचायत के विकास का केंद्र बिंदु कहे जाने वाले पंचायत भवन भी अब समय से साथ स्मार्ट होने का जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने इन्हें मिनी सचिवालय के रूप में तब्दील करने का फैसला लिया है।
सुरजीत पुंढीर, अलीगढ़ । ग्राम पंचायत के विकास का केंद्र बिंदु कहे जाने वाले पंचायत भवन भी अब समय से साथ स्मार्ट होने का जा रहे हैं। प्रदेश सरकार ने इन्हें मिनी सचिवालय के रूप में तब्दील करने का फैसला लिया है। जिले की कई ग्राम पंचायतों में इसके लिए काम भी शुरू हो गया है। अब पंचायत से जुड़ा हर छोटा-बड़ा काम इन्हीं सचिवालय में पूरा होगा। सचिव व प्रधान भी पंचायत सहायकों के साथ इन्हीं में बैठेंगे। एक सचिवालय पर निर्माण कार्य के अलावा सुविधाओं से उपकरण खरीदने के लिए 1.75 लाख रुपये खर्च हो रहे हैं। पूरे जिले में कुल 15 करोड़ की धनराशि इसी पर खर्च हो रही है।
जिले में कुल 867 ग्राम पंचायतें
जिले में कुल 867 ग्राम पंचायतें हैं। अब तक इनमें पंचायत भवन संचालित होते हैं, लेकिन जिले में अधिकतर पंचायत भवनों की हालात काफी जजर्र थी। तमाम पंचायतों में तो इन भवनों का प्रयोग तक नहीं होता है। प्रधान व सचिव अपने घरों में बैठ कर ही पूरा कार्यकाल निकाल देते हैं। ऐसे में अब सरकार ने इस सिस्टम में बदलाव करने का फैसला लिया है। अब सभी पंचायत भवनों काे मिनी सचिवालय में तब्दील किया जा रहा है। इसके तहत कायाकल्प योजना के तहत निर्माण कार्य से सुंदर बनाया जा रहा है। वहीं, सुविधाओं के लिए उपकरण खरीदने के लिए भी पौने दो लाख का बजद दिया जा रहा है। शासन से इसको लेकर आदेश आ गया है।
सचिवालय में ही होंगे सभी काम
अब पंचायतों से जुड़े सभी काम इन्हीं सचिवालयों में पूरे होंगे। प्रधान व सचिव यहीं बैठेंगे। पंचायत सहायक भी इसी में तैनाती होगी। पंचायतों की बैठक भी यहीं पर निपटेंगी। ऐसे में सरकार का स्पष्ट संदेश है कि पंचायत में ही पूरी ग्राम पंचायत के विकास की रूपरेखा तैयार होगी।
यह सुविधाएं होंगी सचिवालय में
कार्यालय के लिए 25 कुर्सी, तीन आफिस व कंप्यूटर मेज, दो स्टील अलमारी या रैक, सोलर पैनल, बैटरी एवं इनवटर्र सहित, दो दरी, तीन पंखा कमरे की उपलब्घता एवं आवश्यकता अनुसार, डेस्कटाप कंप्यूटर, यूपीएस प्रिंटर व बेबकैम एक सेट, एक सेट सीसीटीवी कैमरा व सहवर्ती उपकरण शामिल हैं। इन सभी उपकरणों पर 1.75 लाख की धनराशि खर्च होगी।
लोगों को मिलेगा फायदा
पंचायत भवनों के मिनी सचिवालय में तब्दील होने का सबसे बड़ा फायदा स्थानीय लोगों को मिलेगा। खतौनी, जाति, आय, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए अब उन्हें तहसील व ब्लाक के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। सभी काम इन्हीं मिनी सचिवालय में हुआ करेंगे। आधार कार्ड, पैन कार्ड व मतदाता फोटो पहचान पत्र भी यहीं बनेंगे। पेंशन, छात्रवृत्ति से जुड़े काम निपटाए जाएंगे। मिनी बैंक भी इन्हीं सचिवालयों में संचालित होंगी।
71 पंचायतों में जगह नहीं
भले ही जिले की सभी पंचायतों के लोग इस पहल से खुश हों, लेकिन 71 ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां अभी तक पंचायत भवन ही नहीं हैं। सरकारी जमीन न होने के चलते इनके निर्माण कार्य भी पाइपलाइन में फंसे पड़े हैं।
मिनी सचिवालय में तब्दील
सभी पंचायत भवनों को अब मिनी सचिवालय के रूप में तब्दील किया जा रहा है। शासन से इसके लिए आदेश आ गया है। एक पंचायत घर पर निर्माण कार्य के साथ ही करीब 1.75 लाख की धनराशि खर्च हो रही है। जिले में इसके लिए कामकाज शुरू कर दिया गया है।