अलीगढ़ में धान का नहीं हुआ पूरा भुगतान, खाते खंगाल रहे किसान

क्रय केंद्रों पर धान की खरीद रफ्तार पकड़ रही है लेकिन भुगतान की गति कुछ धीमी है। किसानों को साढ़े तीन करोड़ रुपये का भुगतान एजेंसियां कर चुकी हैं। अभी दो करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है। किसान हर रोज अपने खाते खंगाल रहे हैं।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Wed, 08 Dec 2021 01:08 PM (IST) Updated:Wed, 08 Dec 2021 01:16 PM (IST)
अलीगढ़ में धान का नहीं हुआ पूरा भुगतान, खाते खंगाल रहे किसान
क्रय केंद्रों पर धान की खरीद रफ्तार पकड़ रही है।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। क्रय केंद्रों पर धान की खरीद रफ्तार पकड़ रही है, लेकिन भुगतान की गति कुछ धीमी है। किसानों को साढ़े तीन करोड़ रुपये का भुगतान एजेंसियां कर चुकी हैं। अभी दो करोड़ रुपये का भुगतान बाकी है। किसान हर रोज अपने खाते खंगाल रहे हैं। नियमानुसार 72 घंटे में किसानों को भुगतान करने के आदेश हैं। लेकिन तकनीकी खामियों का हवाला देकर एजेंसियों छह से सात दिन में ही भुगतान कर पा रही हैं। जिन किसानों के मोबाइल पर बैलेंस के अपडेट मैसेज बैंक से नहीं आ पाते हैं, उन्हें बैंक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। शिकायत करने के लिए स्थापित कंट्रोल रूम पर भी किसान गुहार लगा रहे हैं। यहां से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है।

एजेंसियों ने बढ़ाइ्र धान खरीद की गति 

शासन के आदेश का अनुपालन कर जनपद में धान की खरीद के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए खरीद कर रहीं एजेंसियों ने रफ्तार बढ़ा दी है। एक अक्टूबर से अब तक छह हजार मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। लक्ष्य पाने के लिए तीन मीट्रिक टन और खरीदना है। जनपद को 9100 मीट्रिक टन धान की खरीद का लक्ष्य मिला है। मंडल के चारों जिलों की बात करें तो कुल 34,300 मीट्रिक टन धान की खरीद होनी हैं। अब तक मंडल में साढ़े नौ हजार मीट्रिक टन ही खरीदा गया है। धान की खरीद में एटा और कासगंज पिछड़ रहे हैं। पिछले साल 25 नवंबर तक इन जिलों में जितना धान खरीदा गया, उसका 60 प्रतिशत भी ये जिले धान की खरीद न सके। खरीद की स्थिति ऐसी ही रही तो इतना बढ़ा लक्ष्य पाना संभव नहीं हो पाएगा। लक्ष्य भी इस बार शासन ने बड़ा दिया है। खरीद कर रहीं एजेंसियां तय समय पर भुगतान करने का दावा कर रही हैं। भुगतान सीधा किसानों के खातों में किया जा रहा है। मंडल के किसानों को करीब 13 करोड़ रुपये का भुगतान उनके खातों में हो चुका है। पांच करोड़ रुपये अभी शेष हैं।

खरीद के आधार पर लक्ष्य

उत्पादन के हिसाब से खरीद के लक्ष्य तय होते हैं। मगर, अब पिछले साल हुई खरीद के आधार पर लक्ष्य तय हुए हैं। इस बार लक्ष्य कई गुना बढ़े हुए हैं। वहीं, मंडल में मोटा धान (कामन व ग्रेड वन) की पैदावार कम है। अलीगढ़ जनपद में करीब 10 हजार हेक्टेअर में ये धान होता है। जबकि, बासमती यहां अधिकांश किसान करते हैं। क्रय केंद्रों पर सिर्फ मोटा धान ही खरीदा जाता।

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