अलीगढ़ में डिफेंस कारिडोर विकसित होने से पहले ही लैंड शुल्क वसूलने का विरोध
एफआइएम व एसआइडीएम की बैठक में निवेशकों ने की आपत्ति 25 प्रतिशत सब्सिडी समाप्त करने का मामला भी उठाया।
जासं, अलीगढ़ : डिफेंस इंडस्ट्रियल कारिडोर अभी विकसित नहीं हुआ है, लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) ने लैंड शुल्क वसूलने के निर्देश दे दिए हैं। इसका निवेशकों ने विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि कारिडोर विकसित होने के बाद लैंड शुल्क वसूला जाए। यह मुद्दा फेडरेशन आफ इनोवेटिव मैन्युफेक्चरर्स (एफाआइएम) व सोसायटी आफ इंडियन डिफेंस मैन्युफेक्चरर्स (एसआइडीएम) की बैठक में भी उठाया गया। तय किया गया कि इस संबंध में एसआइडीएम जल्द ही यूपी़डा के अधिकारियों से संपर्क करेगी।
मैरिस रोड स्थित एक होटल में हुई इस बैठक में खैर पलवल मार्ग अंडला स्थित कारिडोर के अलीगढ़ नोड के निवेशकों को आवंटित की गई भूमि पर 25 प्रतिशत सरकारी सब्सिडी से मुकरने की शिकायत भी की गई। एफआइएम के अध्यक्ष धनजीत वाड्रा ने कहा कि पीएम के विजन को अलीगढ़ के उद्यमी मूर्त रूप देना चाहते हैं। अलीगढ़ प्रशासन ने कारिडोर के लिए सबसे पहले भूमि को अधिग्रहण कर निवेशकों को आवंटित किया। उन्हें कब्जा भी दिलाए। अगर समय से बिजली, पानी व सड़क जैसे संसाधन जल्द मिलते हैं, तो हम सबसे पहले उत्पादन तैयार कर सकते हैं। बाजार एसआइडीएम उपलब्ध कराए। नित्या क्रिएशन के चेयरमैन व निवेशक नवनीत वाष्र्णेय ने एसआइडीएम के डायरेक्टर जनरल सुनील मिश्रा व ब्रिगेडियर अमूल्या मोहन को बताया कि अभी कारिडोर विकसित नहीं हुआ है। लीज लैंड शुल्क 2.5 फीसद वसूलने के निर्देश हो गए हैं। मेंटीनेंस शुल्क लगाने की तैयारी हो चुकी है। रक्षा हथियार में प्रयोग किए जाने वाले कलपुर्जे या पार्ट्स अब तक आयात किए जाते थे, उस पर रोक लगा दी गई। अगर उसे देश में बनाया जाता है, तो उद्यमी को डिजाइन या नाम के कापी राइट के प्रक्रिया का समाना तो नहीं करना पड़ेगा। इस दिशा में सरकार ने क्या इंतजाम किए हैं। संचालन कोआर्डिनेटर मोहित गुप्ता ने किया। प्रशात गोयल ने आभार जताया। इस मौके पर अभिषेक जिंदल, चंदन अग्रवाल, तबिश, अनुपम प्रसाद, पारस अग्रवाल मौजूद थे।