अलीगढ़ में हड़ताल से ओपीडी, कोविड टीकाकरण व सैंपलिग बाधित
संविदाकर्मियों की हड़ताल जारी सीएमओ दफ्तर पर दिया धरना।
जासं, अलीगढ़: विभागीय उत्पीड़न व अन्य समस्याओं को लेकर बाबुओं व संविदा स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन से गुरुवार को स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गईं। संविदा कर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल से सीएचसी-पीएचसी पर ओपीडी सेवाएं बाधित हो गईं। कोविड टीकाकरण व सैंपलिग कार्य प्रभावित हो गया।
सीएमओ दफ्तर पर प्रदर्शन : उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर गुरुवार को संविदा स्वास्थ्य कर्मियों ने सात सूत्रीय मांगों को लेकर तीसरे दिन भी सीएमओ कार्यालय परिसर में धरना दिया। इसमें चिकित्सक, फार्मासिस्ट, नर्स, लैब टेक्नीशियन, वार्ड ब्वाय, कम्युनिटी हेल्थ आफिसर व अन्य कर्मचारी शामिल हुए, जिससे सीएचसी व पीएचसी पर ओपीडी सेवाएं बाधित हो गईं। मरीजों को उपचार में काफी समस्या हुईं।
पहुंचे प्रशासनिक अफसर, नहीं माने कर्मचारी
संविदा कर्मियों की हड़ताल से कोविड टीकाकरण व सैंपलिग पर खासा असर पड़ा है। दोनों ही कार्यों में संविदा कर्मियों की अहम भूमिका है। ऐसे में एसीएम प्रथम संजय मिश्रा ने धरने पर पहुंच उन्हें समझाया, लेकिन वे नहीं माने। मंडल के संगठन महामंत्री डा. केसी भारद्वाज, जिलाध्यक्ष डा. अजीत सिंह, जिला संयोजक पुष्पेंद्र शर्मा, जिला महामंत्री डा. राकेश कुमार, अभिषेक शर्मा आदि ने वेतन विसंगति, सातवां वेतन आयोग का लाभ-जाब सिक्योरिटी, रिक्त पदों पर गैर जनपद स्थानांतरण, आउटसोर्सिंग की समाप्ति, बीमा व आशा कर्मियों को नियत वेतन संबंधी मांगें दोहराईं।
पहुंचे सपा नेता, नाराज हुए कर्मचारी
कर्मचारियों के धरने पर दोपहर में एक सपा नेता भी अपनी टीम के साथ पहुंच गए। भाषण देना चाहते थे, इसलिए लाउडस्पीकर भी खुद मंगा लिया। कर्मचारियों को हर संभव समर्थन का आश्वासन दिया, लेकिन कर्मचारी नेता उनके आने से नाराज दिखे। डा. केसी भारद्वाज ने कहा, हमारा धरना विपक्षी पार्टियों का मंच नहीं है, इसलिए यहां न आएं। जनप्रतिनिधियों का स्वागत है।
सीएमएस को हटाए शासन-प्रशासन
जिला अस्पताल में वरिष्ठ सहायक मीना कुमारी की तबीयत बिगड़ने के बाद यूपी मेडिकल एंड पब्लिक हेल्थ मिनिस्ट्रीयल एसोसिएशन के आह्वान पर दूसरे दिन भी अनिश्चितकालीन धरना जारी रहा। गुरुवार को फार्मासिस्ट, नर्स, वार्ड ब्वाय व चालक आदि भी शामिल हो गए। हालांकि, वे सीधे रूप से हड़ताल में शामिल तो नहीं हुए, लेकिन धरने पर उपस्थिति से ओपीडी से लेकर वार्ड तक कार्य बाधित हुआ। हर कोई सीएमएस के व्यवहार को लेकर नाराज दिखा। सीएमओ कार्यालय के बाबू भी इस धरने में शामिल हुए, इससे वहां भी कार्यालयों में कामकाज पर असर पड़ा। जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह सेंगर, जिला मंत्री विनयकांत अग्निहोत्री, डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन वाष्र्णेय व जिला मंत्री मुकेश गुप्ता, नर्सेज कर्मचारी संघ की जिलाध्यक्ष राधा रानी वर्मा, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अरविद कुमार सिंह, अरबन मलेरिया फाइलेरिया कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष पप्पू सिंह समेत अन्य कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी धरने पर पहुंचे और समर्थन का एलान किया। वक्ताओं ने सीएमएस पर हठधर्मिता, कर्मचारियों का उत्पीड़न व अभद्र व्यवहार का आरोप लगाते हुए हटाने की मांग की। सीएमएस वार्ता के लिए कई बार उनके बीच आए, लेकिन समाधान न हो सका।