आरटीओ में बदनुमा दाग धोने की चल रही कवायद, बदल रही सूरत जानिए कैसे Aligarh News
आरटीओ प्रशासन केडी सिंह गौर ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस व डीएल बनवाने आने वाले आवेदकों को टेस्ट देना अनिवार्य किया गया है। टेस्ट ट्रैक पर बिना वाहन चलाए और टेस्ट के मानकों को पास किए बिना कोई भी डीएल जारी नहीं किया जा रहा है।
अलीगढ़, जेएनएन। भ्रष्टाचार एवं दलाली के लिए बदनाम आरटीओ दफ्तर अब कार्यसंस्कृति बदल रही है। बदलाव के इस दौर में जहां कार्यालय हाईटेक बन रहा है वहीं शुचिता और कार्य-प्रक्रिया में उल्लेखनीय सुधार आया है। आरटीओ प्रशासन के स्तर से स्वच्छ एवं पारदर्शी व्यवस्था बनाने की कवायद की जा रही है। कार्यालय के इंफ्रास्ट्रेक्चर को अधिक सुदृढ बनाने और कार्य संपादन के लिए निर्बाध बिजली आपूर्ति के जेनेरेटर सुविधा के साथ ही हरेक पटल को सीसीटीवी कैमरों से लैस करने के साथ ही वहां सारथी साप्टवेयर के सफल संचालन के लिए हाईस्पीड इंटरनेट, इंटरकाम की व्यवस्था की गई है।
बदली है तस्वीर
अलीगढ़ परिवहन कार्यालय को माडल आफिस बनाने की दिशा में अब लाइसेंस की प्रक्रिया को बेहद सरल बनाने के लिए टोकन सिस्टम व डिस्प्ले सिस्टम की शुरूआत की गई है। लर्निंग लाइसेंस, डीएल, नवीनीकरण व डुप्लीकेट लाइसेंस के आवेदकों की सुविधा के लिए अलग- अलग टोकन मशीनें लगाई गई हैं। जहां आवेदक अपना टोकन प्राप्त कर वेटिंग लाउंज में प्रतीक्षा कर सकेंगे। जब टोकन नम्बर सामने लगे डिस्प्ले सिस्टम पर प्रदर्शित होगा तो वे अपनी- अपनी बारी से क्रम संख्या के अनुसार प्रपत्रों की स्क्रूटनी, बायोमैट्रिक्स और टेस्ट की प्रक्रिया को पूरा कर सकेंगे। इस प्रक्रिया के प्रारम्भ होने से अब आवेदकों को अराजकता और असुविधा से निजात मिली है। सारथी भवन में आवेदकों के लिए प्रतीक्षालय की व्यवस्था भी की गई है। जहां न केवल लाइसेंस के लिए प्रतीक्षारत अभ्यर्थियों के बैठने के लिए सीटों की व्यवस्था की गई है, बल्कि प्रतीक्षालय में रोड साइन (संकेतक) लगाए गए हैं ताकि आवेदक यातायात संबंधी नियमों और संकेत चिन्हों से अवगत हो सकें। पेयजल के लिए वाटर कूलर के अलावा कार्यालय परिसर में ही प्रसाधन (पब्लिक टायलेट) की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
लाइसेंस से पहले टेस्ट जरुरी
आरटीओ प्रशासन केडी सिंह गौर ने बताया कि लर्निंग लाइसेंस व डीएल बनवाने आने वाले आवेदकों को टेस्ट देना अनिवार्य किया गया है। टेस्ट ट्रैक पर बिना वाहन चलाए और टेस्ट के मानकों को पास किए बिना कोई भी डीएल जारी नहीं किया जा रहा है। यहां तक की डीआइजी व खुद अपने बेटे का लाइसेंस भी निर्गत करते समय लाइव कैमरे के सामने ड्राइविंग टेस्ट लेकर व पास होने पर ही लाइसेंस बनाया गया है।
संभागीय परिवहन कार्यालय को दलाल विहीन बनाने के साथ ही उसे हाईटेक बनाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी जा रही है। 24 दलालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेजा गया है। करीब 52 लाख की लागत से रिकार्ड को सुरक्षित रखने के लिए रिकार्ड रूम व टूटी बाउंड्रीबाल के निर्माण पर 22 लाख की लागत आई है। अलीगढ़ में ट्रेनिंग सेंटर बनकर तैयार हो चुका है। अब वाहन चालकों को लाइसेंस से पहले प्रशिक्षित भी किया जाएगा।
- केडी सिंह गौर, आरटीओ प्रशासन