अलीगढ़ में एक चौथाई 'आधी आबादी पर भी मंडराया कोरोना का खतरा, हर रोज मिल रहे हैं संक्रमित

कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी मास्क का इस्तेमाल व सैनिटाइजेशन पर जोर है। इसके बावजूद मरीजों का आंकड़ा 200 के पार है

By Mukesh ChaturvediEdited By: Publish:Sun, 07 Jun 2020 12:29 AM (IST) Updated:Sun, 07 Jun 2020 12:29 AM (IST)
अलीगढ़ में एक चौथाई 'आधी आबादी पर  भी मंडराया कोरोना का खतरा, हर रोज मिल रहे हैं संक्रमित
अलीगढ़ में एक चौथाई 'आधी आबादी पर भी मंडराया कोरोना का खतरा, हर रोज मिल रहे हैं संक्रमित

अलीगढ़ (जेएनएन)।  कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शारीरिक दूरी, मास्क का इस्तेमाल व सैनिटाइजेशन पर जोर है। इसके बावजूद मरीजों का आंकड़ा 200 के पार है। चिंता की बात ये है कि तमाम एहतियात के बावजूद यह वायरस महिलाओं तक पहुंच रहा है। आंकड़ों के अनुसार कुल मरीजों में 25 फीसद से अधिक महिलाएं व युवतियां संक्रमित हैंं। सात जान गंवा चुकी है। उन्हें संक्रमण अपनों से ही मिला। ऐसे में और सावधानी की जरूरत है। पेश है, एक रिपोर्ट...

60 युवतियां व महिलाएं संक्रमित

जिले में कोरोना संक्रमित पहली युवती 22 अप्रैल को मिली। उसके पिता (मीट विक्रेता) पॉजिटिव थे, जिनकी मेडिकल में मौत हुई थी। युवती को संक्रमण पिता से मिला। इसके बाद एक-एक कर 50 से अधिक महिलाएं अब तक संक्रमण की चपेट में हैं। 10 बच्चियां व युवतियां हैं। जंगलगढ़ी की 40 वर्षीय, सराय मियां की 52 वर्षीय व 38 वर्षीय, उस्मानपाड़ा की 26 वर्षीय, सराय हकीम की 60, 52 व 50 वर्षीय, जयगंज की 53 व 35 वर्षीय, कैलाश गली की 60 वर्षीय, आवास विकास की 60, 56 व 38 वर्षीय व 36 वर्षीय, गंभीरपुरा की 48 व 21 वर्षीय, दुर्गापुरी की 50 वर्षीय, तुर्कमान गेट की 60, 22 व 50 वर्षीय, जमालपुर की 36 वर्षीय, भुजपुरा की 30 वर्षीय, सहनौल की 19 वर्षीय, मानिक चौक की 45, 80, 60, 36 व 65 वर्षीय, रिजवी कॉलोनी की 46 वर्षीय, गूलर रोड की 38, 31, 59, 58 व 40 वर्षीय, कैथवारी की 24 वर्षीय, सराय मानङ्क्षसह की 30 वर्षीय, ब्रह्मनपुरी की 62 वर्षीय व कटरा की 59 वर्षीय महिलाएं व युवतियां संक्रमित पाई गईं। कई बच्चियां व किशोरियों की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई। ज्यादातर में सामने आया कि ये सभी पिता, पति, भाई व अन्य संबंधियों के संपर्क में आईं। ऐसी सात महिलाओं की मौत भी हो गई। हालांकि, आबादी के हिसाब से संक्रमित महिलाओं के आंकड़े ज्यादा डरावने नहीं हैं।

रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी

राठी हॉस्पिटल की संचालिका व वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. आशा राठी ने बताया महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता पुरुषों के मुकाबले कम होती है। दरअसल, परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ उठाते हुए व खुद की सेहत व खानपान के प्रति थोड़ी लापरवाही भी बरतती हैं। उन्हें अधिक सतर्कता की जरूरत है। कई बार ऐसा होता कि रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक होने के कारण पुरुष को कुछ नहीं होता। उसके संपर्क में आकर पत्नी, मां, बहन संक्रमित हो जाती हैं। इसलिए महिला व स्वजनों को भी छोटी-छोटी सावधानियों का ध्यान रखना होगा। शारीरिक दूरी व अन्य नियमों का पालन बहुत जरूरी है।

ये बरतें सावधानी

- महिलाएं बाहर निकलें तो मास्क व साड़ी के पल्लू से मुंह व नाक जरूर ढकें।

- दूध, सब्जी आदि लेकर घर लौटें तो साबुन से हाथ धोएं।

- बाजार में अनावश्यक चीजों को छूने से बचें।

- पुरुष भी घर से निकलने के बाद शारीरिक दूरी व अन्य नियमों का पालन करें।  

- घर लौटें तो कपड़े कक्ष के बाहर ही उतार दें। हाथों को अच्छे से सैनिटाइज करें।

- नोट व सिक्कों को भी सैनिटाइज करें।

-  ध्यान रखें कि बाहर से आकर हाथ सैनिटाइज किए या नहीं।

- महिलाएं बाहर निकलें तो बार-बार साड़ी के पल्लू को हाथ न लगाएं।

- महिलाएं संक्रमित न हों, पुरुषों को ऐसी कोई लापरवाही नहीं बरतनी है।

कोरोना के बढ़ते केसों से  घबराएं नहीं, सावधानी बरतें

जासं, अलीगढ़ : जेएन मेडिकल कॉलेज व निजी लैबों से रोज कोरोना के पॉजिटिव मरीजों की रिपोर्ट जारी हो रही हैं। लोग घबराए हुए हैं, मगर हकीकत में डराने वाली स्थिति नहीं है। दरअसल, आबादी के अनुपात में यहां मरीजों की संख्या ज्यादा नहीं।

दो माह के आंकड़ों पर गौर करें तो 37 लाख से ज्यादा आबादी वाले जिले में 208 संक्रमित मरीज सामने आए। इस तरह 37 हजार के सापेक्ष दो मरीज ही संक्रमित हैं। इनमें 50 फीसद मरीज ठीक भी हो चुके हैं। यह स्थिति भी जनसंख्या घनत्व बहुत ज्यादा होने के बावजूद है। मृत्यु दर अभी भी 8 से 9 फीसद है, जो सामान्य से छह-सात गुना ज्यादा है। अधिकारी भी संक्रमित मरीजों से ज्यादा मृत्यु दर को लेकर ङ्क्षचतित हैं। सीएमओ डॉ. भानुप्रताप कल्याणी कहते हैं कि लॉकडाउन से बाहर आ रहे हैं। ऐसे में संक्रमित मरीजों की संख्या बढऩा लाजिमी है, मगर घबराने की कोई बात नहीं। बेहतर चिकित्सीय स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए जुटे हुए हैं। आमजन केवल सावधानी बरतें, डरना बिल्कुल नहीं है। नियमों का पालन करना है।

50 की रिपोर्ट निगेटिव

शनिवार को मेडिकल कॉलेज से 50 मरीजों की रिपोर्ट निगेटिव आई। राहत की बात ये है कि ज्यादातर सैंपल संक्रमित मरीजों के परिवार व संपर्क में आए लोगों के थे।

बैंक के दो अधिकारी, डॉक्टर के स्वजनों समेत 19 पॉजिटिव

जिले में पहली बार इतनी संख्या में मिले मरीज, 94 हुई सक्रिय मरीजों की संख्या

-सीडीओ का नाजिर व एक मीडिया कर्मी भी चपेट में

-बैंक के दो बाबू व व्यापारी के भाई व रिश्तेदार भी संक्रमित

जासं, अलीगढ़ : जिले में शनिवार को 19 और मरीज कोरोना वायरस संक्रमित पाए गए हैं। पहली बार एक ही दिन में इतने मरीजों की पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। इनमें शहर के माणिक चौक निवासी एक चिकित्सक की पत्नी व मां समेत चार स्वजन और गंभीरपुरा के हार्डवेयर व्यापारी के भाई व अन्य सगे-संबंधी शामिल हैं। भारतीय स्टेट बैंक के दो अधिकारी व दो बाबू भी संक्रमित पाए गए हैं। इनमें एक बाबू हाथरस के रहने वाले हैं। सीडीओ के नाजिर की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई है। इससे सक्रिय मरीजों की संख्या अब 94 हो गई है। हालांकि, अधिकारी इस बात को लेकर थोड़ा राहत महसूस कर रहे हैं कि ज्यादातर मरीज एक-दूसरे के संपर्क वाले हैं, यानि वायरस का ज्यादा फैलाव नहीं हुआ है।

चिकित्सक के पिता पूर्व में संक्रमित पाए जा चुके हैं। इनकी 36 वर्षीय पत्नी, 65 वर्षीय मां, 36 व 34 वर्षीय दो भाई की शनिवार को रिपोर्ट पॉजिटिव आई। कोरोना संक्रमण से दम तोड़ चुके गंभीरपुरा के हार्डवेयर कारोबारी के दो भाइयों की रहस्यमयी परिस्थिति में मौत हो चुकी है। अब इनके 59 वर्षीय चौथे भाई, 24 व 22 वर्षीय दो भतीजे भी संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। ये तीनों द्वारिकापुरी के हैं। जिला अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं, गूलर रोड के व्यापारी का 19 वर्षीय भांजा, उनके यहां किराये पर रहने वाली 40 वर्षीय महिला व उसका 18 वर्षीय बेटा भी संक्रमित पाया गया है। इसके अलावा खैर के 35 वर्षीय मीडिया कर्मी, कटरा की 59 वर्षीय महिला, देहलीगेट क्षेत्र के 35 वर्षीय युवक  व 60 वर्षीय बुजुर्ग भी संक्रमित पाए गए हैं। वहीं, देरशाम निजी लैब से गुरुद्वारा रोड, मसूदाबाद के 54 वर्षीय, लेखराज नगर के 58 वर्षीय, तमोलीपाड़ा के 33 वर्षीय व हाथरस निवासी एक व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसमें भारतीय स्टेट बैंक के दो अधिकारी व दो बाबू शामिल हैं।

पॉजिटिव था मरीज, निगेटिव बताकर घर भेजा

-असलियत मालूम होने पर आनन-फानन मरीज को घर से लाकर दीनदयाल अस्पताल में कराया भर्ती

जासं, अलीगढ़: ये तो हद हो गई। एक तरफ तो कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान कर उन्हें उपचार पर लेने की कवायद हो रही है, वहीं शनिवार को जिला अस्पताल में भर्ती कोरोना के पॉजिटिव मरीज की दूसरी निगेटिव रिपोर्ट देखकर डिस्चार्ज कर दिया गया। करीब दो घंटे बाद असली रिपोर्ट सामने आई तो अधिकारियों को गलती का एहसास हुआ। आनन-फानन मरीज को घर से लाकर दीनदयाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। इससे पहले भी कई मामले ऐसे आए, जिसमें रिपोर्ट का इंतजार किए बगैर मरीज को घर भेज दिया। द्वारिकापुरी निवासी 59 वर्षीय शख्स तीन जून को जांच कराने जिला अस्पताल पहुंचे। उन्हें कफ की शिकायत थी। एक्स-रे के साथ कोरोना टेस्ट भी हुआ। दरअसल, यह व्यक्ति गंभीरपुरा के हार्डवेयर कारोबारी के बड़े भाई हैं। हार्डवेयर कारोबारी कोरोना संक्रमित पाए गए थेे। बाद में उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद दो और भाइयों की मौत हुई, हालांकि वे निगेटिव थे। एक बहन भी पॉजिटिव आई। हैरानी की बात ये है कि विभाग ने परिवार में तीन मौत व दो लोग पॉजिटिव होने के बावजूद इनके मामले में लापरवाही बरती। दैनिक जागरण ने रिपोर्ट में देरी का मुद्दा उठाया। शनिवार सुबह एक निगेटिव रिपोर्ट प्राप्त हुई, एक जैसा नाम होने के कारण प्रबंधन ने उन्हें घर भेज दिया।

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वल्दियत न देखे जाने के कारण स्टाफ को भ्रम हो गया, जिसके चलते मरीज को होम क्वारंटाइन के निर्देश देते हुए डिस्चार्ज कर दिया गया। रिपोर्ट आते ही उन्हें पुन: अस्पताल में भर्ती किया गया है। गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी जांच कराई जाएगी।

- डॉ. भानुप्रताप कल्याणी, सीएमओ।

नाजिर की पत्नी की रिपोर्ट पर भ्रम

विकास भवन के नाजिर की पत्नी की तबीयत कई दिनों से खराब चल रही थी। 30 जून को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सैंपल लिया। दो जून को रिपोर्ट निगेटिव आई। ऐसे में स्वजनों की ङ्क्षचता थोड़ी कम हो गई, लेकिन मरीज को सांस लेने में तकलीफ होने लगी। शुक्रवार को उन्हें रामघाट रोड स्थित निजी हॉस्पिटल मेें भर्ती कराया। तबीयत ज्यादा बिगडऩे पर उन्हें रेफर कर दिया गया। स्वजनों ने उन्हें दिल्ली के मैक्स हॉस्पिटल में भर्ती कराया। वहां शनिवार को पुन: जांच कराई गई तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। स्वजन अब उन्हें गुरुग्राम ले गए हैं।

अब ग्रामीण क्षेत्रों में हाईरिस्क के   मरीजों की होगी रैंडम चेङ्क्षकग

-डीएम की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट में हुई कोरोनो संक्रमण को लेकर समीक्षा बैठक

-डीएम ने कहा कि अस्थमा, शुगर व सांस के मरीजों की अलग से बनेगी सूची

जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : अब डोर टू डोर सर्वे के बाद स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना की रैंडम चेङ्क्षकग करेगा। पहले चरण में हाई रिस्क वाले मरीजों की जांच होगी। अस्थमा, शुगर व सांस के मरीजों की अलग से एक सूची तैयार कराई जा रही है।

शनिवार को डीएम की अध्यक्षता में कोरोना की समीक्षा बैठक हुई। इसमें सीडीओ ने बताया कि जिले में शनिवार को एक साथ सबसे अधिक संक्रमित मिले हैं। इसमें न्यूज चैनल के एक पत्रकार भी शामिल हंै। डीएम ने इन सभी के संपर्क में आए लोगों की सैंपङ्क्षलग कराने के साथ ही निवास स्थान के 250 मीटर क्षेत्र को सील करने के निर्देश दिए। डीएमओ राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि डोर टू डोर सर्वे में 20 लोगों में कोरोना के लक्षण मिले हैं। अभी 409 कोरोना की जांच रिपोर्ट मेडिकल कॉलेज में लंबित पड़ी हैं। इस पर डीएम ने जल्द इन्हें मंगाने के निर्देश दिए। सीएमओ ने बताया कि जेल में अब तक 423 कैदियों की सैंपङ्क्षलग की जा चुकी है। सभी की थर्मल स्क्रीङ्क्षनग कर ली गई हैं। 60 कैदियों की अभी जांच रिपोर्ट आना लंबित है। डीएम ने लक्षण वाले मरीजों को क्वारंटाइन करने के निर्देश दिए। इस मौके पर एसएसपी मुनिराज, सीडीओ अनुनय झा मौजूद रहे।

पोर्टल पर मजदूरों की गलत जानकारी हो रही अपलोड

प्रदेश सरकार ने मजदूरों के लिए एक पोर्टल की शुरुआत की है। इस पर उनकी पढ़ाई लिखाई से लेकर काम करने तक का अनुभव अपलोड किया जा रहा है। शेल्टर होम के माध्यम से घर पहुंचने वाले मजदूरों का डाटा तो प्रशासन के पास है, लेकिन सीधे घर पहुुंचने वाले मजदूरों का डाटा तहसीलों को अपलोड करना है। तहसील स्तर से बड़े पैमाने पर खामियां हो रही हैं। मजदूरों का डाटा गलत भरा जा रहा है। इस पर डीएम ने एसडीएम को सुधार के निर्देश दिए हैं।

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