रद्दी के टोकरे में जम्मू-कश्मीर से बने डेढ़ हजार शस्त्र लाइसेंस, विस्‍तार से जानिए मामलाAligarh News

जम्मू-कश्मीर से स्थानांतरित होकर आए डेढ़ हजार से अधिक शस्त्र लाइसेंस पिछले चार साल से जिले में रद्दी के टोकरे में पड़े हैं। प्रशासन ने केंद्रीय स्तर पर सीबीआई जांच के चलते इनके पंजीकरण पर रोक लगा रखी है।

By Sandeep Kumar SaxenaEdited By: Publish:Tue, 12 Oct 2021 10:08 AM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 10:08 AM (IST)
रद्दी के टोकरे में जम्मू-कश्मीर से बने डेढ़ हजार शस्त्र लाइसेंस, विस्‍तार से जानिए मामलाAligarh News
जम्मू-कश्मीर से स्थानांतरित होकर आए शस्त्र लाइसेंस जिले में रद्दी के टोकरे में पड़े हैं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जम्मू-कश्मीर से स्थानांतरित होकर आए डेढ़ हजार से अधिक शस्त्र लाइसेंस पिछले चार साल से जिले में रद्दी के टोकरे में पड़े हैं। प्रशासन ने केंद्रीय स्तर पर सीबीआई जांच के चलते इनके पंजीकरण पर रोक लगा रखी है। शासन ने भी बिना एनओसी किसी भी लाइसेंस पर विचार न करने के निर्देश दिए हैं। अलीगढ़ समेत सूबे भर के सभी जिलों का यही हाल है। अधिकतर लाइसेंस धारक तो ऐसे हैं, जिन्होंने एक बार फार्म भरके दोबारा पलटकर भी नहीं देखा है। शंका ये भी जताई जा रही है कि इस तरह के लाइसेंस फर्जी हैं। हालांकि सही स्थिति तो जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

यह है मामला

जिले में कुल 37 हजार से अधिक शस्त्र लाइसेंस हैं। सबसे अधिक बंदूक व राइफल के हैं। पिछले दिनों शासन से एक आदेश आया था। इसमें निर्देश दिए गए थे कि जम्मू कश्मीर समेत अन्य गैर प्रांतों से स्थानांतरित होकर आने वाले लाइसेंस के जिलों में पंजीकरण से पहले अनिवार्य रूप से एनओसी ली जाए। ऐसे में तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह ने जिले में भी यह आदेश लागू कर दिया। इसके कुछ दिनों बाद ही शासन स्तर पर फर्जीवाड़े की आशंका में जम्मू कश्मीर के लाइसेंस को लेकर जांच पड़ताल शुरू हो गई।

लंबित पड़े हैं आदेश

जम्मू -कश्मीर से स्थानांतरित होकर आने वाले लाइसेंसों के पंजीकरण के लिए एनओसी अनिवार्य होने के आदेश को करीब चार साल बीत गए। इसमें करीब डेढ़ हजार से अधिक असलहा स्थानांतरित होकर जिले में आए हैं, लेकिन किसी भी लाइसेंस के लिए एनओसी नहीं मिली है। प्रशासन की तरफ से एनओसी के लिए कई बार पत्र भी लिखा गया है, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला है।

यह है कारण

जम्मू -कश्मीर से गैर प्रांतों के निवासियों को जारी किए गए असलहा के मामलों की सीबीआई भी जांच कर रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तत्कालीन अफसरों पर नियमों का उल्लंघन कर शस्त्र लाइसेंस जारी करने के आरोप हैं। पिछले दिनों गृह मंत्रालय की ओर से भी अलीगढ़ जिले को एक पत्र भेजा गया था। इसमें जेएंडके से जारी हुए लाइसेंसों की विशेष निगरानी के निर्देश दिए थे। इसी जांच के चलते अब एनओसी जारी नहीं हो रही है।

पूरा नहीं हो पाया सत्यापन

तत्कालीन डीएम ने एनओसी की अनिवार्यता के साथ ही पूर्व में गैर राज्यों से स्थानांतरित होकर लाइसेंसों के भी जांच के आदेश दिए थे। थानों की टीमों को इसके भौतिक सत्यापन में लगाया गया था। आशंका जताई गई थी कि दूसरे राज्यों वाले कुछ लाइसेंसधारकों ने फर्जीवाड़ा किया है। वहां रिकार्ड में दर्ज कराए बिना ही लाइसेंस स्थानांतरित करा लिए गए है। हालांकि, यह जांच अभी थानों में ही लंबित पड़ी हैं। प्रशासन को अधिकतर लाइसेंस के सत्यापन की रिपोर्ट नहीं मिली है।

जम्मू -कश्मीर के असलहा पंजीकरण के लिए एनओसी लाना अनिवार्य है। जिले में वहां के करीब डेढ़ हजार से अधिक असलाह लाइसेंस लंबित पड़े हुए हैं।

प्रदीप वर्मा, सिटी मजिस्ट्रेट

chat bot
आपका साथी