लोकसभा अध्यक्ष की सिफारिश पर मरीज को भर्ती तो किया, इलाज न मिलने से मौत aligarh news
फेफड़ों में संक्रमण होने पर पिता राकेश माहेश्वरी की तबीयत बिगड़ गई थी। आठ मई को दीनदयाल अस्पताल में संपर्क किया तो यहां बेड खाली न होने की जानकारी दी गई। इस पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से फोन कराया। इसके बाद बेड का इंतजाम हुआ।
जासं, अलीगढ़ : दीनदयाल अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो पा रहा है। एक संक्रमित व्यापारी के पुत्र ने अस्पताल प्रबंधन पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। कहा कि चिकित्सकों ने उनके पिता को शारीरिक व मानसिक प्रताडऩा देकर मार डाला। वे इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे। पूरी रात चिल्लाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने उनके पिता को खांसी का सीरप तक नहीं दिया, जबकि इन्हें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की सिफारिश पर अस्पताल में भर्ती किया गया था। तमाम चीख पुकार के बाद भी अस्पताल में कोई सुनने वाला नहीं था।
यह लगाए आरोप
चंडौस निवासी नवनीत माहेशवरी ने मीडिया को लिखित में बताया कि वे व्यापारी हैं। फेफड़ों में संक्रमण होने पर पिता राकेश माहेश्वरी की तबीयत बिगड़ गई थी। आठ मई को दीनदयाल अस्पताल में संपर्क किया तो यहां बेड खाली न होने की जानकारी दी गई। इस पर उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से फोन कराया। इसके बाद बेड का इंतजाम हुआ, लेकिन इसमें भी टायलेट तक की व्यवस्था नहीं थी। पिता चलने फिरने में असमर्थ थे और आक्सीजन लेबल कम था। नौ मई की रात तेज खांसी उठने पर वे पूरी रात चिल्लाते रहे, लेकिन उन्हें सीरप तक नहीं दिया गया। उन्हें टायलेट ले जाने वाला भी कोई नहीं था। आक्सीजन भी समय से नहीं लगाई जा रही थी।
दवा नहीं दी
दवा खत्म होने पर एक वरिष्ठ डाक्टर से बात की तो बोले कि अस्पताल में दवा नहीं है, बाहर से मंगा लो। इसके बाद उन्होंने यहां के हालात को देखते हुए डिस्चार्ज कराने का मन बनाया। इस प्रक्रिया में ही पांच घंटे लग गए, जबकि सीएमओ समेत अन्य अफसरों के संज्ञान में पूरा मामला था। आक्सीजन कम होने के चलते निजी अस्पताल में पहुंचने से पहले ही मौत हो गई। उन्होंने बताया कि वे अदालत में अपील कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे। दीनदयाल अस्पताल के नोडल अधिकारी व एसडीएम कोल रंजीत ङ्क्षसह ने बताया कि ऐसा कोई मामला जानकारी में नहीं है। शिकायत आने पर जांच कराई जाएगी।