दिल्ली में ओमिक्रोन का संक्रमण, अलीगढ़ भी बढ़ानी होगी सतर्कता
जिले में सप्ताहभर से प्रभावित कोविड टीकाकरण अभियान मंगलवार से फिर गति पकड़ेगा। दरअसल संविदा पर नियुक्त एएनएम नर्स फार्मासिस्ट व आशा आदि कर्मियों की हड़ताल से टीकाकरण अभियान पर काफी असर पड़ा। 30 लाख से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं।
अलीगढ़, जागरण संवाददाता। जिले में सप्ताहभर से प्रभावित कोविड टीकाकरण अभियान मंगलवार से फिर गति पकड़ेगा। दरअसल, संविदा पर नियुक्त एएनएम, नर्स, फार्मासिस्ट व आशा आदि कर्मियों की हड़ताल से टीकाकरण अभियान पर काफी असर पड़ा। यह हड़ताल सोमवार को खत्म हो गई। आज सभी कर्मचारी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। ऐसे में विभाग ने 350 से अधिक बूथों पर टीकाकरण की योजना बनाई है।
सीएमअो ने बताया कि खतरा बढ़ता जा रहा है। दिल्ली में नया केस सामने आ गया है। देशभर में करीब 20 केस मिल चुके हैं। ऐसे में यहां भी सावधानी बरतने की जरूरत है। कोविड टीकाकरण ही अब कोरोना से बचाव के लिए सबसे बड़ा हथियार है। जिन लोगों ने अभी तक टीका नहीं लगवाया है, वे आज ही केंद्र पर पहुंचकर खुद को प्रतिरक्षित कर लें।
डोर टू डाेर कोरोना टीकाकरण
सीएमओ डा. आनंद उपाध्याय ने बताया कि जनपद में अब तक 30 लाख 29 हजार 993 टीके लगाए जा चुके हैं। इनमें 20.84 लाख लाभार्थियों को पहला टीका व 9.45 लाख को दोनों टीके लगाए जा चुुके हैं। कोविड से बचाव के लिए नियमित सत्रों के अलावा डोर-टू-डोर टीकाकरण किया जा रहा है। 30 लाख से अधिक टीके लगाए जा चुके हैं। अभी भी सात लाख ऐसे लाभार्थी हैं, जिन्होंने पहला टीका भी नहीं लगवाया है। जबकि, कोरोना के नए स्ट्रेन का खतरा बढ़ता जा रहा है। जब तक संपूर्ण टीकाकरण के लक्ष्य को प्राप्त न कर लिया जाए, खतरा समाप्त नहीं होगा। इसलिए जिन लोगों ने टीके नहीं लगवाए हैं, वे नजदीक के केंद्र पर पहुंचकर टीका जरूर लगवा लें। दूसरा टीका भी समय-सीमा के भीतर लगवाना अनिवार्य है। कोविड प्रोटोकाल का पालन भी अनिवार्य है। दिल्ली में केस मिलने से यहां खतरा ज्यादा है। क्योंकि, तमाम लोगों का दिल्ली से आना-जाना है। रेलवे स्टेशनों पर अब संदिग्ध मरीजों की सैंपलिंग बढ़ाई जाएगी।
डरें नहीं, कोविड प्रोटोकाल का पालन करें
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डा.एसके गौड़ ने कोरोना के नए स्ट्रेन ओमिक्रोन को लेकर चिंता व्यक्त की है। डा. गौड़ केअनुसार सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में दिखा नया स्ट्रेन अब भारत में दस्तक दे चुका है। । ऐसे में सभी को सतर्क हो जाना चाहिए। बुखार, बदन दर्द, सूखी खांसी, स्वाद में बदलाव या खत्म होना, जैसे लक्षण दिखते ही चिकित्सक से संपर्क करें। हां, डरना नहीं है। कोविड प्रोटोकाल का पालन करें। विदेश यात्रा टाल दें। मौसमी फलों व सब्जियों का सेवन करें। प्रातः सैर पर जाएं व नियमित व्यायाम करें, ताकि रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो। उपचार के रूप में कोई दवा या वैक्सीन अभी नहीं बन पाई है। बचाव ही सबसे बड़ा उपचार है। हां, कुछ होम्योपैथी दवा इसमें कारगर साबित हो सकती हैं। जैसे खांसी के लिए ब्रायो, स्पोंजया आदि, थकान, बेचैनी के लिए फाइव फोस वरस टाक्स, स्वाद में बदलाव में एलो, काली बाई, सल्फर आदि लें। कोई भी दवा बिना सलाह के न लें।