महाकवि शंकर के तैल चित्र व पुस्तकालय का हुआ लोकार्पण
हरदुआगंज कस्बा में नगर पंचायत परिसर गुरुवार को काव्यमयी दिखा मौका था महाकवि नाथूराम शंकर शर्मा शंकर के तैल चित्र के लोकार्पण का।
अलीगढ़ : हरदुआगंज कस्बा में नगर पंचायत परिसर गुरुवार को काव्यमयी दिखा, मौका था महाकवि नाथूराम शंकर शर्मा 'शंकर' के तैल चित्र के लोकार्पण का। मुख्य अतिथि डीएम की धर्मपत्नी कवयित्री डॉ. अंजना सिंह सेंगर ने तैल चित्र के लोकार्पण के साथ शंकर पुस्तकालय का भी उद्घाटन किया। इस दौरान कवयित्री ने महाकवि शंकर की दुर्लभ रचनाओं को सहेजने वाले तथा उनके जीवन पर ग्रंथ लिखकर उन्हें जीवंत रखने वाले इंजीनियर देशराज सिंह को सम्मानित कर उनके बनाये गये शंकर पुस्तकालय का उद्घाटन किया। कवयित्री डॉ. अंजना सेंगर ने अपने संबोधन की शुरुआत उपन्यास सम्राट मुंशी प्रेमचंद की लाइनों से की 'शायद कोई जमाना आये, कि हरदुआगंज हमारा तीर्थ बन जाये'। कहा कि भारतेंदु युग से द्विवेदी युग तक महाकवि शंकर का प्रभाव रहा। नाथूराम जी बिना नाम व लालसा के हिदी के विकास के लिए जो किया वह अनमोल है। देश समाज तथा काल की जरूरत के लिहाज से उन्होंने कविताओं की रचना की। बताया कि कोरोना में उनका यह पहला ऑफलाइन कार्यक्रम है। कार्यक्रम महाकवि शंकर से जुड़ा होने के कारण वह खुद को रोक नहीं पाईं। इस दौरान उन्होंने शंकर जी को समर्पित रचना 'में अपने दिल की धड़कन में तिरंगा लेकर चलती हूं'सुनाकर वाहीवाही लूटी। अध्यक्षता कर रहे डॉ. रामप्रकाश शर्मा शरद व संचालन रवेंद्र कुमार शर्मा ने किया। उन्होंने शंकर जी की रचना 'सांची मान सहेली परसों, प्रीतम लेवे आवेगो' को सुनाकर उन्हें याद किया। अग्रसेन इंटर कालेज प्रधानाचार्य एसडी रावत ने शंकर जी के नाम पर स्मारक बनवाने की मांग उठाई। चेयरमैन तिलक राज यादव ने नगर पंचायत कार्यालय में शंकर भवन के नाम से नया कार्यालय बनाए जाने की घोषणा की। कार्यक्रम में ईओ मनोज कुमार श्रीवास्तव, दाऊदयाल बंसल, डॉ. शंभू दयाल रावत, डॉ. राजीव लोचन, डॉ रामकुमार शर्मा, दशरथ सिंह आर्य, शरद यादव, रवेन्द्र कुमार, विनोद कुमार, रंजीत। चौधरी आदि मौजूद रहे।