अलीगढ़ में पार्किंग में बना दिए दफ्तर, नालों पर खड़े हो रहे वाहन Aligarh news
शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम की समस्या यूं ही नहीं बढ़ रही है। इसकी एक वजह वो इमारतें भी हैं जहां नियमों की अनदेखी की जा रही है। कागजों पर इन इमारतों में पार्किंग दर्शायी गई है लेकिन धरातल पर यह गायब है।
अलीगढ़, जेएनएन : शहर के प्रमुख मार्गों पर जाम की समस्या यूं ही नहीं बढ़ रही है। इसकी एक वजह वो इमारतें भी हैं, जहां नियमों की अनदेखी की जा रही है। कागजों पर इन इमारतों में पार्किंग दर्शायी गई है, लेकिन धरातल पर यह गायब है। पार्किंग स्थल पर दफ्तर, दुकानें खोल दी गई हैं। जबकि, पार्किंग इमारतों के बाहर नालों पर बना दी गई है। नगर निगम ने ऐसी इमारतों को चिह्नित कर कार्रवाई शुरू कर दी है। नगर आयुक्त प्रेम रंजन सिंह का कहना है कि नालों पर हो रहे कब्जों के चलते ड्रेनेज सिस्टम लड़खड़ा रहा है। नालों की सफाई नहीं हो पाती। यही वजह है कि हर साल वर्षा ऋतु में जलभराव की समस्या पैदा होती है।
शहर के 40 फीसद नालों पर कब्जा
शहर ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त करने के लिए जिन नालों का निर्माण हुआ था, उन पर दुकानें खड़ी हो गईं। नालों को पाटकर पार्किंग बना ली गई। शहर के अंदर करीब 40 फीसद नाले इसी तरह कब्जाए हुए हैं। यहां से पानी निकले भी तो कैसे? नगर निगम ने पिछले दिनों नालों से कब्जे हटाने का अभियान शुरू किया है। रामघाट रोड से इस अभियान की शुरुआत हुई है। नालों पर डाले गए स्लैब जेसीबी से ढहाए जा रहे हैं। नगर निगम द्वारा एडीए को पत्र लिखा गया है कि जिन इमारतों में पार्किंग नहीं है, वहां पार्किंग व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए। इसके अलावा नगर निगम द्वारा नालों की सफाई के लिए भी रणनीति बनाई जा रही है। शहर में हालात ये हैं कि नाले साफ भी कर दिए जाएं तो हफ्ते दो हफ्ते में गंदगी से फिर अट जाते हैं। बाजार, मंडियों से कूड़ा नालों में बहा दिया जाता है, जो निकासी रोक देता है। नगर निगम ने नालों से सटे मार्केट व अन्य प्रतिष्ठानों से निकलने वाल कूड़ा नाले में न डालने की हिदायत दी है। इसको लेकर सफाई कर्मचारियों के जरिए निगरानी भी की जा रही है।