शापिंग कांप्‍लेक्‍स के निर्माण पर निर्णय नहीं ले पा रहे अफसर, ये है मामला

शहर में दो स्थानों पर नगर निगम के शापिंग कांपलैक्स बनाने की योजना तैयार की थी। एक स्थान पर तो दो बार भूमि पूजन भी हो गया लेकिन इनमें से एक भी जगह कांपलैक्स की नींव न रखी जा सकी।

By Anil KushwahaEdited By: Publish:Sat, 04 Dec 2021 03:11 PM (IST) Updated:Sat, 04 Dec 2021 04:14 PM (IST)
शापिंग कांप्‍लेक्‍स के निर्माण पर निर्णय नहीं ले पा रहे अफसर, ये है मामला
सेवाभवन बनने से पहले बारहद्वारी स्थित कार्यालय पर ही नगर निगम की सभी गतिविधियां चलती थीं।

अलीगढ़, जागरण संवाददाता। शहर में दो स्थानों पर नगर निगम के शापिंग कांपलैक्स बनाने की योजना तैयार की थी। एक स्थान पर तो दो बार भूमि पूजन भी हो गया, लेकिन इनमें से एक भी जगह कांपलैक्स की नींव न रखी जा सकी। बारहद्वारी स्थित नगर निगम का पुराना कार्यालय इन्हीं में एक स्थान है। यहीं भूमि पूजन हुआ था। जब योजना ठप पड़ गई तो कार्यालय पर मालवाहक वाहनों का जमावड़ा फिर से शुरू हो गया। बाजार में माल ढोने आने वाले वाहन यहीं खड़े हो रहे थे। ड्राइवरों के यहां शराब पीने, हुड़दंग करने की लगातार शिकायतें मिलने लगीं। तब निगम के प्रर्वतन दल ने वाहनों को बाहर कराकर पुराने कार्यालय को खाली कराया था। लेकिन, पुन: वही हालत बन रहे हैं।

सेवाभवन बनने से पहले बाहरद्वारी स्‍थित कार्यालय से चलती थी गतिविधियां

सेवाभवन बनने से पहले बारहद्वारी स्थित कार्यालय पर ही नगर निगम की सभी गतिविधियां चलती थीं। सेवाभवन का निर्माण पूरा हुआ तो सभी नगर निगम के सभी विभाग यहां शिफ्ट कर दिए गए। पुराने कार्यालय में सीओ द्वितीय का आफिस और कुछ कर्मचारियों के आवास ही रह गए। यहां पूर्व नगर आयुक्त सत्यप्रकाश पटेल में शापिंग कांपलैक्स बनाने का प्राेजेक्ट स्मार्ट सिटी से पास कराया था। भूमि पूजन हुआ। लेकिन, कुछ दिन बाद ही शासन स्तर से आपत्ति आ गई। उनका तबादला हो गया। फिर प्रेम रंजन सिंह उनकी कुर्सी संभाली और एक बार फिर भूमि पूजन कराकर निर्माण कार्य शुरू करा दिया। तब भी शासन स्तर से अड़ंगा लगा। कार्यालय पहले की तरह सूना रहा। खाली पड़े मैदान में मालवाहक वाहनों की चहल कदमी शुरू हो गई। धीरे-धीरे इन वाहनों ने यहीं डेरा जमा लिया। शाम के वक्त आए वाहन रातभर यहीं खड़े रहते और सुबह निकलते थे।

कुछ लोग पार्किंग शुल्‍क वसूलते थे

बताते हैं कि कुछ लाेग इन वाहनों से पार्किंग शुल्क के रूप से पैसे वसूल रहे थे। मामला जानकारी में आते ही नगर आयुक्त ने वाहनों को हटाने के आदेश दे दिए। कुछ दिन पहले ही सहायक नगर आयुक्त ठाकुर प्रसाद के नेतृत्व में प्रवर्तन दल ने वाहनों को बाहर निकालकर चालकों को भविष्य में यहां वाहन खड़ा करने पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। नोटिस भी चस्पा कराए गए। नगर आयुक्त ने क्षेत्रीय स्वच्छता, खाद्य निरीक्षक और रिक्शा कार्यालय में तैनात कर्मचारियों से स्पष्टीकरण भी मांगा था। यहां फिर वाहनों का जमावड़ा लगना शुरू हो गया है।

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