सांसद, विधायकों के भी फोन नहीं उठा रहे अफसर
प्रदेश में पुलिस-प्रशासनिक अफसर सांसदों व विधायकों के फोन तक रिसीव नहीं कर रहे हैं अफसर।
जागरण संवाददाता, अलीगढ़ : प्रदेश में पुलिस-प्रशासनिक अफसर सांसदों व विधायकों के फोन तक रिसीव नहीं कर रहे हैं। संसदीय अनुश्रवण समिति की बैठक में पिछले दिनों इसको लेकर नाराजगी व्यक्त की गई थी। इसमें सभी सदस्यों द्वारा शिष्टाचार व प्रोटोकाल संबंधी नियमों का सख्ती से पालन कराए जाने की अपेक्षा की गई थी। इसी पर अब मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से सूबे के सभी अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव व सचिव, पुलिस महानिदेशक, मंडलायुक्त व डीएम को पत्र भेजा गया है। अलीगढ़ जिले में भी यह पत्र आया है। इसमें शिष्टाचार व प्रोटोकाल का कड़ाई से अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है कि शासन स्तर से पहले ही संसद सदस्य एवं राज्य विधान मंडल के सदस्यों के प्रति शिष्टाचार एवं प्रोटोकाल अनुपालन करने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन कई बार देखने में आया है कि जिलों के कुछ अधिकारी जनप्रतिनिधियों के न तो फोन उठाते हैं और न ही काल बैक करते हैं, जबकि संसदीय शिष्टाचार में अधिकारियों से कहा गया है कि वह अपने जिले के जनप्रतिनिधियों के नंबर अपने फोन में सेव करेंगे और काल रिसीव न कर पाने की स्थिति में उन्हें बाद में काल बैक करेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि सभी डीएम, कमिश्नर, डीजीपी व अपर मुख्य सचिव अपने अधीनस्थों को निर्देश दें कि वह प्रत्येक दशा में अपने जिले के सांसद व विधायकों के मोबाइल व कार्यालय के फोन नंबर सेव करेंगे और जनप्रतिनिधि का फोन आने पर तत्काल काल रिसीव करेंगे। अगर कहीं बैठक में व्यस्त हैं तो वह काल बैक करेंगे। सांसद व विधायकों की समस्या का प्राथमिकता में निस्तारण कराया जाए। जनहित की समस्याओं में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। सभी जिलों में शिष्टाचार व प्रोटोकाल संबंधी नियमों का कड़ाई से पालन किया जाए। पहले भी इसको लेकर कई बार आदेश आते रहे हैं।